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अर्थव्यवस्था पर संसद का विशेष सत्र बुलाए केंद्र सरकार - सुप्रिया सुले
डिजिटल डेस्क, मुंबई। राकांपा सांसद सुप्रिया सुले ने केंद्र सरकार से देश की अर्थव्यवस्था की स्थिति पर चर्चा के लिए संसद का विशेष सत्र बुलाने की मांग की है। उन्होंने कहा कि संसद के विशेष सत्र में अर्थव्यवस्था, बेरोजगारी और महंगाई के मुद्दे पर व्यापक चर्चा होनी चाहिए। केंद्र सरकार को इन मुद्दों पर तत्काल नीतिगत फैसला लेनी की जरूरत है। रविवार को पुणे में सुप्रिया ने केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण के रुपया कमजोर नहीं बल्कि डॉलर मजबूत होने वाले बयान पर कटाक्ष किया। सुप्रिया ने कहा कि मुझे लोकसभा में विपक्ष की नेता रहीं सुषमा स्वराज के भाषण की याद आ रही है। सुषमा ने कहा था कि रुपया केवल एक कागज का टुकड़ा नहीं है। इस करेंसी के साथ देश की प्रतिष्ठा जुड़ी हुई है। जब- जब रुपया गिरता है तब-तब भारत की प्रतिष्ठा गिरती है। सुप्रिया ने कहा कि हम लोग अर्थव्यवस्था, बेरोजगारी और महंगाई को काफी गंभीरता से लेते हैं। हमने संसद में पिछले ढाई सालों तक इन मुद्दों को लगातार उठाया है। देश की अर्थव्यवस्था, बेरोजगारी को लेकर जनता के मन में और बेचैनी दिखाई देगी। इसलिए केंद्र सरकार को तत्काल नीतिगत फैसला लेना चाहिए। सुप्रिया ने कहा कि अमेरिका के तत्कालीन राष्ट्रपति बराक ओबामा भारत के तत्कालीन प्रधानमंत्री मनोहन सिंह से अर्थव्यवस्था पर मार्गदर्शन लेते थे। राजनीति को किनारे करके देश का विचार करते हुए भाजपा को अर्थव्यवस्था में सुधार के लिए अर्थशास्त्रियों से सलाह लेनी चाहिए।
भाजपा अब बन चुकी है लॉन्ड्री
सुप्रिया ने भाजपा का उल्लेख लगातार भारतीय जनता लॉन्ड्री के रूप में किया। इस बारे में पूछे जाने पर सुप्रिया ने कहा कि भाजपा पहले पार्टी थी, अब लॉन्ड्री बन गई है। क्योंकि भाजपा में अब पार्टी के मूल नेताओं के बजाय राकांपा, कांग्रेस और शिवसेना (उद्धव ठाकरे) की पार्टी से गए नेता अधिक नजर आते हैं। सुप्रिया ने कहा कि भाजपा के मौजूदा 106 विधायकों में से 50 प्रतिशत विधायक दूसरे दलों से गए हुए हैं। फिलहाल भाजपा जिस बालासाबेबांची शिवसेना के साथ मिलकर सरकार चला रही है। वह भी शिवसेना से टूटा हुआ गुट है। सुप्रिया ने कहा कि दूसरे दलों से भाजपा में शामिल होने वाले नेता कहते हैं कि उन्हें जांच एजेंसियां परेशान नहीं करते हैं। यदि नेता किसी मामले में फंसे होंगे तो उन्हें क्लिन चिट भी मिल जाती है। इसलिए भाजपा अब पार्टी नहीं बल्कि लॉन्ड्री बन गई है। सुप्रिया ने कहा कि पहले हमारे और भाजपा के बीच वैचारिक मतभेद थे। लेकिन रिश्तों में कटुता कभी नहीं थी। मगर अब ऐसी स्थिति नहीं है।
Created On :   16 Oct 2022 7:14 PM IST