जल उपभोक्ता समितियों को भंग करने को चुनौती

Challenge to dissolve water consumer societies
जल उपभोक्ता समितियों को भंग करने को चुनौती
जल उपभोक्ता समितियों को भंग करने को चुनौती

 डिजिटल डेस्क जबलपुर । 6 साल के लिए निर्वाचित जल उपभोक्ता समितियों को तीन साल में ही भंग किए जाने को चुनौती देने वाली याचिका पर चीफ जस्टिस अजय कुमार मित्तल और जस्टिस जेपी गुप्ता की युगलपीठ ने राज्य सरकार को नोटिस जारी करने के निर्देश दिए हैं। अतंरिम राहत के मुद्दे पर युगलपीठ ने 18 अगस्त को होने वाली अगली सुनवाई पर विचार करने कहा है। पनागर तहसील की जल उपभोक्ता संस्था कोहानी के किशन पटेल व 3 अन्य का कहना है कि वे दिसंबर 2017 में 6 वर्षों के लिए निर्वाचित हुए थे। याचिका में आरोप है कि तत्कालीन कांग्रेस सरकार ने बीते 3 जनवरी 2020 को अधिनियम के प्रावधानों में संशोधन करके उनके कार्यकाल को घटाकर पांच वर्ष कर दिया। इतना ही नहीं 6 मार्च 2020 को बिना कारण बताए जल उपभोक्ता समितियों को भंग कर दिया गया, जो अवैधानिक है।
गुरुवार को हुई सुनवाई के दौरान आवेदकों की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता आदर्श मुनि त्रिवेदी की दलीलों पर गौर करने के बाद युगलपीठ ने नोटिस जारी किए। आवेदकों की ओर से अधिवक्ता आशीष असीम त्रिवेदी भी पैरवी कर रहे हैं।


 

Created On :   14 Aug 2020 2:22 PM IST

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