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सरकार को पेट से ज्यादा नशे की चिंता
डिजिटल डेस्क मुंबई। प्रदेश भाजपा अध्यक्ष चंद्रकांत पाटील ने राज्य सरकार पर कोरोना की नई पाबंदियों को लागू करने के लिए विपक्ष को विश्वास में न लेने का आरोप लगाया है। रविवार को पुणे में पाटील ने दावा किया कि सरकार को लोगों के पेट से ज्यादा नशा की चिंता है। उन्होंने कहा कि सरकार ने पेट्रोल और डीजल पर वैट को कम नहीं किया है। लेकिन विदेशी शराब पर टैक्स को 50 प्रतिशत कम कर दिया है। नई पाबंदियां लागू होने के बावजूद शराब की दुकानों को शुरू रखा है। सरकार ने कोरोना की दूसरी लहर में तो शराब की होम डिलविरी की अनुमति दी गई थी। इस बीच पाटील ने कहा कि सरकार को विपक्ष को विश्वास में लेकर ही पाबंदियों को लागू करना चाहिए। इसके लिए सभी दलों की बैठक में विपक्ष के नेता देवेंद्र फडणवीस और विधान परिषद में विपक्ष के नेता प्रवीण दरेकर को बुलाना चाहिए। इस बैठक में जिन पाबंदियों को लेकर सहमति बनती है उसे लागू करना चाहिए। लेकिन सरकार मनमाने तरीके से काम कर रही है। पाटील ने कहा कि सरकार के मंत्री पाबंदियों को लेकर अलग-अलग बयान देते हैं। सरकार के मंत्रियों में भी एक राय नजर नहीं आती है। इससे लोगों के मन में भ्रम की स्थिति पैदा हो जाती है।
विपक्ष को विश्वास में लेने से ओमिक्रॉन कम नहीं होगा- आव्हाड
पाटील के बयान पर प्रदेश के गृह निर्माण मंत्री जितेंद्र आव्हाड ने कहा कि विपक्ष को विश्वास में लेने से ओमिक्रॉन कम नहीं होगा। विपक्ष को विश्वास में न लेने पर ओमिक्रॉन खत्म भी नहीं होगा। इसलिए सभी को मिलकर कोरोना महामारी के प्रसार को रोकने के लिए काम करना चाहिए।
गिलास शुरू, क्लास बंद - खोत
सांगली में रयत क्रांति संगठन के अध्यक्ष सदाभाऊ खोत ने कहा कि राज्य में गिलास शुरू है पर क्लास बंद है। यानी खोत का कहना है कि राज्य में शराब की दुकानें शुरू है। लेकिन स्कूल और कॉलेजों में बच्चों की प्रत्यक्ष पढ़ाई बंद हो गई है। केवल ऑनलाइन पढ़ाई शुरू है। उन्होंने कहा कि सरकार युवा पीढ़ी के साथ खिलवाड़ कर रही है। खोत के आरोप पर प्रदेश के स्वास्थ्य मंत्री राजेश टोपे ने कहा कि यदि शराब की दुकानों पर भीड़ होगी तो उसको बंद करने का फैसला लिया जाएगा।
Created On :   10 Jan 2022 5:08 PM IST