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चंद्रकांत पाटील बोले - फुले-आंबेडकर और पाटील ने भीख मांग कर स्कूल शुरू किया था
डिजिटल डेस्क, मुंबई। प्रदेश की शिंदे-फडणवीस सरकार के मंत्रियों का विवादित बयान थमने का नाम नहीं ले रहा है। प्रदेश के उच्च व तकनीकी शिक्षा मंत्री चंद्रकांत पाटील एक बयान से विवादों में घिर गए हैं। औरंगाबाद के पैठण के एक कार्यक्रम में पाटील ने कहा कि देश में महात्मा ज्योतिबा फुले, डॉ.बाबासाहेब आंबेडकर और कर्मवीर भाऊराव पाटील ने लोगों से भीख मांग कर स्कूल शुरू किया था। मंत्री पाटील के इस बयान पर विपक्ष ने जमकर हमला बोला है। विपक्ष ने पाटील पर महापुरुषों का अपमान करने का आरोप लगाया है। हालांकि विवाद बढ़ने के बाद पाटील ने कहा कि मैंने महापुरुषों के प्रति आदर और श्रद्धा व्यक्त की है। मैंने कहा कि यह महापुरुष स्कूल शुरू करते समय सरकारी अनुदान पर निर्भर नहीं थे। इन महापुरुषों ने भीख मांग कर स्कूल शुरू किया था। अब भीख का मतलब सीएसआर फंड, चंदा या फिर दान समझ लीजिए। दरअसल शुक्रवार को मंत्री पाटील औरंगाबाद के पैठण में डॉ.बाबासाहेब आंबेडकर मराठवाड़ा विश्वविद्यालय संतपीठ के कार्यक्रम में शामिल हुए थे। इस मौके पर पाटील ने कहा कि देश में फुले, आंबेडकर और पाटील ने स्कूल शुरू किया था। लेकिन इन महापुरुषों को स्कूल शुरू करते समय सरकार ने अनुदान नहीं दिया था। इन महापुरुषों ने लोगों से भीख मांग कर स्कूल शुरू किया था उस जमाने में महापुरुषों को लोगों ने दस-दस रुपए स्कूल खोलने के लिए दिया था। लेकिन अब तो स्कूल अथवा शिक्षा संस्थान चलाने के लिए लोग 10-10 करोड़ रुपए देने के लिए तैयार हैं। निजी कंपनियों के सीएसआर फंड का इस्तेमाल शिक्षा संस्थानों के लिए किया जा सकता है।
पाटील भीख और चंदे में फर्क नहीं समझते क्या- पटोले
मंत्री पाटील के इस बयान को लेकर महाविकास आघाड़ी हमलावर हो गई है। प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष नाना पटोले ने कहा कि भाजपा नेता तथा मंत्री पाटील बौद्धिक रूप से दिवालिया हो चुके हैं। पाटील को भीख और जनकल्याण के कार्यों के लिए चंदा व दान लेने के बीच का अंतर पता नहीं है क्या? महापुरुषों ने चंदा और दान के रूप में लोगों से धन लेकर शिक्षा संस्थानों को खोला था। पाटील ने इन महापुरुषों के महान कार्यों का अपमान किया है। बहुजन समाज के बच्चों को शिक्षा से वंचित रखना भाजपा और आरएसएस की साजिश है। पटोले ने कहा कि शिक्षा संस्थानों को अनुदान देना सरकार की जिम्मेदारी है।
जबकि राकांपा के प्रदेश अध्यक्ष जयंत पाटील ने कहा कि छत्रपति शिवाजी महाराज के बाद अब भाजपा के मंत्री चंद्रकांत पाटील ने जानबूझकर महात्मा फुले और बाबासाहेब आंबेडकर का अपमान किया है। महापुरुषों के रचनात्मक कार्य को भीख की उपमा देना उनका अपमान है। जंयत ने कहा कि महात्मा फुले उद्यमी थे। उन्होंने पूरे जीवन भर रचनात्मक कार्यों के लिए अपनी मेहनत से पैसे जुटाए थे। आंबेडकर कानून विशेषज्ञ, पत्रकार और प्राध्यापक थे। जब उन्होंने पीपल्स एजुकेशन सोसायटी स्थापित की तब वे कानून मंत्री थे।
Created On :   9 Dec 2022 10:33 PM IST