18 फरवरी से 12वीं और 3 मार्च से 10वीं कक्षा की , मूल्यांकन के मापदंड में किया बदलाव

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18 फरवरी से 12वीं और 3 मार्च से 10वीं कक्षा की , मूल्यांकन के मापदंड में किया बदलाव

डिजिटल डेस्क, नागपुर। राज्य माध्यमिक शिक्षा मंडल ने माध्यमिक और उच्च कक्षाओं के मूल्यांकन के मापदंडों में बदलाव किया है। फरवरी-मार्च में होने जा रही 10वीं और 12वीं बोर्ड परीक्षा में यह सुधारित मूल्यांकन योजना अमल में लाई जाएगी। हाल ही में परिपत्रक जारी कर बोर्ड ने इसकी अधिकारिक घोषणा की है।  उल्लेखनीय है कि, बोर्ड द्वारा जारी टाइम-टेबल के अनुसार राज्य में 12वीं कक्षा की बोर्ड परीक्षा 18 फरवरी से 18 मार्च-2020 तक होगी। इसी तरह 10वीं कक्षा की बोर्ड परीक्षा 3 मार्च से 23 मार्च के बीच आयोजित की गई है। मूल्यांकन योजना में बदलाव को लागू करने के संदर्भ में बोर्ड ने कहा है कि, नियमित बोर्ड परीक्षार्थियों के अलावा पुन:परीक्षा दे रहे विद्यार्थियों पर भी यह सुधारित मूल्यांकन योजना लागू होगी। 

अब ऐसी व्यवस्था
12वीं बोर्ड परीक्षा में इस वर्ष 25 प्रतिशत वस्तुनिष्ठ (एमसीक्यू) प्रश्न होंगे। कुल विषय मिलाकर 650 नहीं, बल्कि 600 अंक की बोर्ड परीक्षा होगी। परीक्षा में 80 अंकों की थ्योरी और 20 अंकों का प्रैक्टिकल होगा। बोर्ड ने अपनी अधिकृत वेबसाइट पर 9वीं-10वीं और 11वीं-12वीं का नया पाठ्यक्रम, मूल्यांकन योजना अपनी वेबसाइट पर उपलब्ध कराई है। उल्लेखनीय है कि, बोर्ड ने इस वर्ष 9वीं और 10वीं कक्षा में फिर से मौखिक परीक्षा लागू की है। पिछले वर्ष बोर्ड ने भाषा और सोशल साइंस विषय से प्रैक्टिकल और मौखिक परीक्षा हटा दी थी। इसका सीधा असर 10वीं कक्षा के बोर्ड रिजल्ट पर पड़ा था। 

पुनर्मूल्यांकन के लिए ऑनलाइन आवेदन
नागपुर  यूनिवर्सिटी ने अपनी पुनर्मूल्यांकन नीति में बदलाव किया है। विवि ने पुनर्मूल्यांकन के आवेदन से लेकर फोटो कॉपी प्राप्त करने और अन्य सभी प्रक्रिया को ऑनलाइन करने का निर्णय लिया है। विवि ने विद्यार्थियों को वेबसाइट पर ही "अप्लाई फॉर रिवैल्यूएशन" का विकल्प देने का निर्णय लिया है। दरअसल विवि में ग्रीष्मकालीन और शीतकालीन परीक्षा सत्र होता है। किसी भी परीक्षा सत्र का रिजल्ट जारी होने के 10 दिन के भीतर विद्यार्थियों को परीक्षा भवन जाकर पुनर्मूल्यांकन के लिए आवेदन करना होता है।

यूनिवर्सिटी उसे मंजूर करने के बाद विद्यार्थियों को उसकी उत्तरपुस्तिका की फोटो कॉपी प्रदान करता है। इसके बाद विद्यार्थी आपत्ति दर्ज कराता है। इस सबके बाद उसकी उत्तरपुस्तिका का पुनर्मूल्यांकन किया जाता है। इस पूरी प्रक्रिया में एक माह से अधिक का वक्त लगता है। यही कारण है कि, पुनर्मूल्यांकन के नतीजे जारी करने में खासा विलंब होता है। कई बार विद्यार्थियों की अगले सत्र की परीक्षा आ चुकी होती है, लेकिन पुनर्मूल्यांकन का रिजल्ट नहीं आता। ऐसे में पुनर्मूल्यांकन की अधिकांश प्रक्रिया को ऑनलाइन कर विवि समय बचा कर जल्दी रिजल्ट जारी करने की मंशा रखता है। परीक्षा विभाग का दावा है कि, इससे डेढ़ माह में ही पुनर्मूल्यांकन के नतीजे जारी किए जाएंगे।

Created On :   11 Nov 2019 2:23 PM IST

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