रामबाण योजना के 4000 रुपए जमा करने के लिए मांग रहे गोपनीय जानकारी

Cheating by creating a fake website - seeking confidential information for depositing Rs 4000 of panacea scheme
रामबाण योजना के 4000 रुपए जमा करने के लिए मांग रहे गोपनीय जानकारी
नकली वेबसाइट बनाकर ठगी रामबाण योजना के 4000 रुपए जमा करने के लिए मांग रहे गोपनीय जानकारी

डिजिटल डेस्क, नागपुर। सूचना क्रांति के दौर में सोशल मीडिया के मैसेज बेहद तेजी से वायरल होते हैं। इन मैसेज की बगैर कोई जांच के अपनी निजी जानकारी को साझा करने से ठगी का शिकार होना पड़ता है। कुछ माह पहले प्रत्यक्ष लाभ योजना में किसानों को मोबाइल पर आर्थिक सहायता मुहैया कराई गई थी। बगैर कार्यालय पहुंचे सीधे किसानों के बैंक खातों में 6,000 रुपए की सहायता राशि जमा हो गई थी। बैंक में रकम जमा होते ही मोबाइल पर मैसेज भी आ जाते हैं। इस योजना की आड़ में अब साइबर अपराधी मेडिकल जांच आैर सहायता के नाम पर चूना लगा रहे हैं। प्रधानमंत्री रामबाण सुरक्षा योजना में 4,000 रुपए सहायता देने के नाम पर लिंक भेजी जा रही है। इस लिंक पर क्लिक करने पर बाकायदा आधिकारिक वेबसाइट भी नजर आती है। इस जगह पर रजिस्टर करते ही मोबाइल का संपूर्ण डाटा ठगों के हाथ लग जाता है। वहीं दूसरी ओर 4,000 रुपए पाने के लिए 10 अन्य लोगों को लिंक शेयर करने का भी निर्देश देते हुए आधार कार्ड सहित अन्य दस्तावेजों को लिया जा रहा है। शहर के साइबर अपराध शाखा में इस तरह की शिकायतें आ रही हैं। हालांकि अब तक कोई भी  आर्थिक अपराध से संबंधित मामला सामने नहीं आया है, लेकिन दस्तोवजों के आधार पर ठगी को अंजाम देने का अनुमान साइबर विशेषज्ञों ने लगाया है। साइबर विशेषज्ञों ने नागरिकों से इस लिंक को खोलने से मना किया है। 

पिछले करीब सप्ताह भर से पीएम राहत योजना का मैसेज मोबाइल पर मिल रहा है। सोशल मीडिया और मोबाइल मैसेज में प्रधानमंत्री रामबाण सुरक्षा योजना के बारे में जानकारी वायरल हो रही है। इसके मुताबिक केंद्र सरकार ने नई योजना आरंभ की है। वेबसाइट के माध्यम से पंजीकरण कराने पर नागरिकों को फ्री इलाज और सुरक्षा के लिए सरकार से 4000 रुपए दिए जाएंगे। मैसेज की सच्चाई जाने बगैर नागरिक लिंक से जुड़ी वेबसाइट को खोल रहे हैं। इतना ही नहीं वेबसाइट पर अपनी सारी जानकारी वाले दस्तावेजों के साथ बैंक खाता क्रमांक भी दे रहे हैं। इस आधार पर नागरिकों से ठगी को अंजाम देने का अनुमान साइबर विशेषज्ञ लगा रहे हैं। यही नहीं, लिंक के माध्यम से मोबाइल के डाटा भी हैक हो रहा है।
 

Created On :   26 Oct 2021 6:52 PM IST

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