सेनिटाइजर के नाम पर ठगी - कई गुना ज्यादा कीमत पर बेचा जा रहा सुगंधित द्रव जैसा पदार्थ

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सेनिटाइजर के नाम पर ठगी - कई गुना ज्यादा कीमत पर बेचा जा रहा सुगंधित द्रव जैसा पदार्थ

डिजिटल डेस्क  जबलपुर । सारी दुनिया जब कोरोना वायरस की मार से कराह रही है, उस समय समाज में कुछ लोग हैं जो अपने हित साधने में लगे हुए हैं। ऐसे लोग न केवल जनता को ठग रहे हैं बल्कि लोगों की जान को भी जोखिम में डाल रहे हैं। बानगी के तौर पर महँगे दाम में घटिया क्वालिटी का सेनिटाइजर बेचने वालों को लिया जा सकता है। शहर में ऐसे अनेक दवा दुकानदार हैं जो घटिया क्वालिटी का सेनिटाइजर वह भी कई गुना ज्यादा कीमत में बेच रहे हैं। इन सेनिटाइजर में न तो सेनिटाइजर बनाने का सही फार्मूला उपयोग िकया गया है न सही केमिकल कॉम्बिनेशन है, न ही डब्ल्यूएचओ के मापदण्डों का पालन  िकया जा रहा है। एक तरह से सारे नियम की धज्जियाँ उड़ाकर इस महामारी के दौर में सिर्फ और सिर्फ लोगों को ठगा जा रहा है। एक तरह से कहा जाए तो यह रुपए ऐंठकर लोगों को मौत के मुहाने पर लाने की साजिश से कम नहीं है। छोटा हैंड सेनिटाइजर जो एक ब्राण्डेड कंपनी का 25 रुपए में मिल रहा है वहीं कई दवा दुकान वाले 70 रुपए में  दे रहे हैं। इसके पीछे तर्क यह दिया जा रहा है कि उनको पैकिंग में यह 62 रुपए में पड़ता है। इसमें न तो बारकोड है, न ही कंपनी के वे मानक जो रैपर में दर्शाये गए होते हैं। सब कुछ ठगी करते हुए दिया जा रहा है। आईएमए उपाध्यक्ष डॉ. अमरेन्द्र पाण्डेय कहते हैं िक शहर में इन दिनों जितने भी सेनिटाइजर मिल रहे हैं वे डब्लयूएचओ के मापदण्डों के अनुसार नहीं हैं। इनमें वह पूरा कॉम्बिनेशन नहीं है जो वायरस को मारने के लिए जरूरी बताया गया है। हॉस्पिटलों में इसलिए खुद सेनिटाइजर तैयार िकया जा रहा है ताकि किसी तरह से कोरोना से बचने में लापरवाही न हो और सही तरीके से सेनिटाइजेशन हो सके। यह मसला बहुत ही गंभीर है जिस पर ध्यान दिए जाने की आवश्यकता है।
क्या होना चाहिए सेनिटाइजर में 
डब्लयूएचओ की गाइडलाइन के अनुसार सेनिटाइजर में आईसोप्रोपाइल एल्कोहल 75 प्रश. या मेथेनाल 80 प्रश. इसी के साथ 20 प्रतिशत में  डिस्टिल वाटर, हाईड्रोजन परागसाइड, ग्लीसरीन आदि होना चाहिए। सही कॉम्बिनेशन होने पर कोरोना वायरस को इससे मारा जा सकता है। लेकिन केमिकल का तालमेल सही नहीं होने पर जर्म का मरना संभव नहीं हो पाता है। यदि सेनिटाइजर डुप्लीकेट या घटिया है तो इसका इस्तेमाल करने के बाद भी आदमी वायरस की जकड़ में आ सकता है। एक तरह से इसका उपयोग करने के बाद भी संक्रमण हो सकता है इसलिए सावधानी भी बेहद जरूरी है।
 

Created On :   28 April 2020 3:28 PM IST

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