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पढ़ाना छोड़ विद्यार्थियों को बनाया बाल मजदूर
डिजिटल डेस्क, नागपुर। बच्चों के मूलभूत अधिकारों की रक्षा करने के लिए देश में बाल मजदूरी प्रतिबंधक कानून लागू है, लेकिन लोग इसका उल्लंघन करने से बाज नहीं आते हैं। जिस शिक्षक के हाथ में बच्चों का भविष्य बनाने की जिम्मेदारी है, वही शिक्षक बच्चों से बाल मजदूरी करवा कर उनका भविष्य चौपट करने लगे, तो यह स्थिति गंभीर हो जाती है। इस तरह का मामला नागपुर से 13 किमी दूर स्थित नागपुर-उमरेड रोड पर बसे उंबरगांव में देखने को मिला है। स्कूल के विद्यार्थियों से सीमेंट की ईंट उठवाने का काम करवाया गया है। यहां तक कि एक बच्ची की पिटाई भी कर दी गई। दहशत में आए बच्चे ईंटें उठाने पर मजबूर हुए। सीमेंट की ईंट उठाने के काम में करीब 20 बच्चों को लगाया गया था। सभी बच्चे गणवेश में थे। सभी बच्चों को एक बार में तीन ईटें उठाने का आदेश नासरे नामक शिक्षक ने दिया था। एक बच्ची ने केवल एक ईंट उठाई, तो नासरे ने बच्ची की जमकर पिटाई कर दी। इसके बाद सभी बच्चे दहशत में आकर तीन-तीन ईंटें उठाकर ले जाने लगे। इन ईंटों को करीब 30 मीटर की दूरी पर रखना था।
पहली से चौथी तक के छात्र
उंबरगांव में नागपुर जिला परिषद का उच्च प्राथमिक स्कूल है। यहां पहली से चौथी कक्षा तक के विद्यार्थी शिक्षा प्राप्त करते हैं। स्कूल में उंबरगांव व आसपास से सटे गांवों के बच्चे पढ़ने आते हैं। विद्यार्थियों की संख्या 100 से अधिक है। सोमवार को इस स्कूल के शिक्षकों ने बच्चों की पढ़ाई छुड़वाकर निर्माण कार्य के लिए लाई गईं सीमेंट की ईंटें उठाने के काम में लगा कर बाल मजदूर बना दिया गया। जब बच्चे ईंटें उठा रहे थे, उस समय वहां दीपक गावंडे नामक व्यक्ति उपस्थित था। उसने सारा माजरा समझने के बाद बच्चों से बातचीत की। इस दौरान पता चला कि नासरे नामक शिक्षक ने ही बच्चों को ईंटें उठाने का आदेश दिया है। इस व्यक्ति ने पूरे मामले की वीडियो रिकॉर्डिंग कर ली। इसका संज्ञान लेते हुए संबंधित अधिकारी से बातचीत की, तो उन्होंने इस घटना का विरोध किया।
कड़ी कार्रवाई हो
मेरा डेकाेरेशन का काम है। मैं और मेरे सहयोगी वहां पर उपस्थित थे। शिक्षक ने एक बच्ची की पिटाई की। जब मैंने उन बच्चों से बातचीत की तो उन्होंने शिक्षक नासरे द्वारा ईंटें उठाने की ज्यादती करने का पता चला। मैंने इस घटना को मोबाइल में कैद कर लिया। ऐसे शिक्षकों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई होनी चाहिए।
-दीपक गावंडे, नागरिक
दुर्भाग्यपूर्ण घटना है
किसी भी स्कूल में बच्चों से किसी तरह का काम नहीं करवाया जा सकता। उंबरगांव की उच्च प्राथमिक स्कूल की घटना दुर्भाग्यपूर्ण है। इस घटना का गंभीरता से संज्ञान लेते हुए तुरंत जांच की जाएगी। संबंधित शिक्षक और जो भी दोषी होंगे उनके खिलाफ तत्काल प्रभाव से कड़ी कार्रवाई की जाएगी।
-रवींद्र काटोलकर, शिक्षाधिकारी, जिला परिषद, नागपुर
Created On :   8 March 2022 6:35 PM IST