बाल तस्करी शोषण का सबसे जघन्य अपराध, बच्चे का अपहरण कर बेचने वाले आरोपी को जमानत देने से इंकार
डिजिटल डेस्क, मुंबई, कृष्णा शुक्ला। बाल तस्करी शोषण के सबसे गंभीर व जघन्य अपराधों में से एक है। यह न केवल बच्चे व उसके परिवार को प्रभावित करता है बल्कि समाज के ताने-बाने के लिए बहुत बड़ा खतरा है। बांबे हाईकोर्ट ने यह बात कहते हुए बच्चों के अपहरण व बेचने के गिरोह में शामिल एक आरोपी कोजमानत देने से इनकार कर दिया है। मामले से जुड़े आरोपी पीआर गुडेंती को मुंबई पुलिस ने साल 2021 में एक दस माह के बच्चे को बेचने के आरोप में गिरफ्तार किया था। तब से वह जेल में है। किंतु कोर्ट ने मामले से जुड़े अपराध की गंभीरता को देखते हुए आरोपी के जमानत आवेदन को खारिज कर दिया है।
दरअसल बांद्रा इलाके में मुमताज खान नाम की एक महिला सड़क के किनारे फुटपाथ पर अपने दस माह के बच्चे के साथ सो रही थी। 31 अगस्त 2021 को जब महिला की रात ढाई बजे नींद खुली तो उसका बच्चा वहां से गायब था। इसके बाद महिला ने बांद्रा पुलिस स्टेशनमें शिकायत दर्ज कराई। पुलिस ने आरोपी के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धारा 363,368,201,370,120 बी, व 34 के तहत एफआईआर दर्ज की थी।
पुलिस ने मामले की जांच के दौरान पाया कि एक महिला ने सड़क से बच्चे को चुरा कर उसे आरोपी गुडेंती को डेढ लाख रुपए में बेच दिया था।बाद में आरोपी ने एक अन्य व्यक्तिके हाथों उस बच्चे को एक लाख तीस हजार रुपए मे बेच दिया। जिसने बच्चे को तेलंगना के एक संतानहीन दंपति को बेच दिया। चूंकि अब पुलिस ने मामले की जांच को पूरा कर लिया है और प्रकरण को लेकर आरोपपत्र दायर कर दिया है। इसलिए आरोपी ने हाईकोर्ट में जमानत के लिए आवेदन दायर किया था।
न्यायमूर्ति अनूजा प्रभुदेसाई के सामने आरोपी के जमानत आवेदन पर सुनवाई हुई। आरोपी की ओर से पैरवी कर रही अधिवक्ता अपर्णा वटकर ने कहा कि इस मामले में आरोपी से तेलंगाना के संतानहीन जिस दंपति ने बच्चे को खरीदा था। सुप्रीम कोर्ट से उसे जमानत मिल गई है। इस पर न्यायमूर्ति ने कहा कि जिस दंपति ने बच्चे को खरीदा है उस पर सिर्फ नियमों का उल्लंघन करके बच्चे को गोद लेने का आरोप है। जबकि आरोपी का मामला पूरी तरह से अलग है। लिहाजा सुप्रीम कोर्ट के आदेश से आरोपी को कोई मदद नहीं मिल सकती है।क्योंकि मामले से जुड़े रिकार्ड व तथ्य आरोपी पर काफी गंभीर अपराध में संलिप्त होने का खुलासा करते है।
न्यायमूर्ति ने कहा कि समाज के सबसे कमजोर वर्ग के लोग व उनके बच्चे फुटपाथ पर रहने को मजबूर होते हैं। ऐसे में हाशिए पर पड़े इस समाज के बच्चे जुल्म वशोषण का आसानी से शिकार हो जाते हैं। बच्चों की तस्करी शोषण तस्करी शोषण के सबसे गंभीर व जघन्य अपराधों में से एक है। जो न केवल बच्चे व उसके परिवार को प्रभावित करता है बल्कि समाज के ताने-बाने के लिए बहुत बड़ा खतरा है। ऐसे में मामले से जुड़े अपराध की गंभीरता को देखते हुए आरोपी के जमानत आवेदन को खारिज किया जाता है।
Created On :   18 March 2023 8:50 PM IST