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चित्रकूट -फिरौती के बाद भी जुड़वा भाइयों की हत्या का मामला : सभी 5 अपराधियों को दोहरा आजीवन कारावास
डिजिटल डेस्क सतना । दो करोड़ की फिरौती के लिए चित्रकूट के तेल कारोबारी बृजेश रावत के 6 वर्ष के जुड़वा बेटों प्रियांश और श्रेयांस का अपहरण और रिहाई के एवज में 20 लाख की फिरौती वसूलने के बाद भी दोनों की निर्मम हत्या करने के मामले में आरोप प्रमाणित होने पर एडी की स्पेशल कोर्ट के विशेष न्यायाधीश प्रदीप सिंह कुशवाह ने सभी 5 अपराधियों पदमकांत शुक्ला, राजू द्विवेदी, आलोक उर्फ लकी तोमर, विक्रमजीत सिंह और अपूर्व उर्फ पिंटा यादव को दोहरे आजीवन कारावास की सजा सुनाई है। विशेष न्यायाधीश ने अपने 226 पृष्ठ के फैसले में 3 अपराधियों पदमकांत शुक्ला, राजू द्विवेदी और आलोक उर्फ लकी को दोनों भाइयों के अपहरण और हत्या के लिए कुल 4 आजीवन कारावास की भी सजा सुनाई है। सजाएं अलग-अलग चलेंगी। इसी प्रकार आरोपी विक्रमजीत सिंह और अपूर्व उर्फ पिंटा यादव को दोनों भाइयों के अपहरण के लिए 2 आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई है। दोनों सजाएं अलग-अलग प्रचलित रहेंगी। उल्लेखनीय है कि वर्ष 2019 की 12 फरवरी को चित्रकूट में तेल व्यवसायी बृजेश रावत के मासूम जुड़वा बच्चों को 2 बाइक सवारों ने गन प्वाइंट पर उस वक्त अगवा कर लिया था, जब बच्चे स्कूल बस से घर लौट रहे थे। अपहरणकर्ताओं ने रिहाई के एवज में 2 करोड़ की फिरौती मांगी थी। बाद में 20 लाख पर राजी हो गए थे। 20 लाख की फिरौती वसूलने के बाद बदमाशों ने फिर से एक करोड़ की फिरौती मांगी और अंतत: दोनों बच्चों की हत्या कर शव को यूपी के बांदा जिले में यमुना के औगासी घाट में फेंक दिया था। पुलिस ने वारदात के 12वें दिन 6 आरोपियों को गिरफ्तार कर यमुना नदी से शव बरामद किए थे। पुलिस ने मामले में 29 अप्रैल 2019 को लगभग 6000 पेज की चार्जशीट पेश की थी।
खुदकुशी कर चुका है मास्टर माइंड
इसी वारादात में गिरफ्तार छठवां आरोपी और मास्टर माइंड रामकेश यादव पिता रामचरण निवासी छिहराय थाना जमालपुर जिला (बांदा) पहले ही आत्महत्या कर चुका है। उसने गिरफ्तारी के तीसरे माह यहां न्यायिक अभिरक्षा में 7 मई 2019 को सेंट्रल जेल में खुदकुशी कर ली थी। वह बृजेश रावत के दोनों बेटों को घर में ट्यूशन पढ़ाया करता था।
Created On :   27 July 2021 2:06 PM IST