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1 दिसंबर से खुलेंगे सभी स्कूल, उपस्थिति अनिवार्य नहीं
डिजिटल डेस्क, मुंबई। दक्षिण अफ्रीका में पाए गए नए वैरिएंट ओमिक्रॉन के खतरे के बीच प्रदेश सरकार का स्कूली शिक्षा विभाग ने 1 दिसंबर से स्कूलों में कक्षा पहली से कक्षाएं शुरू करने को मंजूरी दी है। सोमवार को स्कूली शिक्षा विभाग ने राज्य के ग्रामीण इलाकों में कक्षा पहली से चौथी और शहरी इलाकों में कक्षा पहली से 7वीं तक की कक्षाओं को शुरू करने के संबंध में परिपत्र के जरिए दिशानिर्देश जारी किया है। विद्यार्थियों को स्कूल में उपस्थित रहने के लिए अभिभावकों की सहमति आवश्यक होगा। इसके लिए स्कूल प्रबंधन समिति को अभिभावकों से चर्चा करनी होगी। विद्यार्थियों की स्कूल में उपस्थिति अनिवार्य नहीं होगी। छात्रों की कक्षा में उपस्थिति अभिभावकों की सहमति पर ही निर्भर होगी। अभिभावकों को बच्चे के बीमार अथवा लक्षण नजर आने पर स्कूल में नहीं भेजना होगा। स्कूल की कक्षाओं में एक बेंच पर एक विद्यार्थी को बैठने की अनुमति होगी। आसन व्यवस्था में दो विद्यार्थियों के बीच 6 फुट का अंतर रखना होगा। विद्यार्थियों को मास्क से नाक और मुंह पूरी तरह से ढकना होगा। एक कक्षा में अधिकतम 15 से 20 विद्यार्थियों को बैठने की अनुमति होगी। स्कूल शुरू करते समय विद्यार्थियों को चरण बद्ध तरीके से बुलाना होगा। जैसे कक्षा में विद्यार्थियों को एक दिन छोड़कर दूसरे दिन या फिर सुबह व दोपहर में पढ़ाना होगा। यदि विद्यार्थी कोरोना संक्रमित पाए जाते हैं तो स्कूल को तत्काल बंद करना होगा। स्कूल में खुले जगह पर सोशल डिस्टेंसिंग और मास्क के इस्तेमाल के बारे में बोर्ड लगाना होगा। स्कूलों में हाथ धोने की सुविधा उपलब्ध करानी होगी। भीड़ को टालने के लिए स्कूलों में विद्यार्थियों के अभिभावकों को प्रवेश नहीं दिया जाएगा। स्कूल में स्नेह सम्मेलन और अन्य कार्यक्रम के आयोजन पर रोक होगी।
शिक्षकों की आरटीपीसीआर जांच अनिवार्य
स्कूलों के सभी शिक्षक और शिक्षकेत्तर कर्मचारियों को 48 घंटे पहले का आरटीपीसीआर जांच करना अनिवार्य होगा। शिक्षकों और शिक्षकेत्तर कर्मचारियों को कोविड जांच रिपोर्ट स्कूल प्रबंधन के पास जमा करना होगा। जांच में कोरोना संक्रमित पाए जाने वाले शिक्षक और शिक्षकेत्तर कर्मचारियों को छुट्टी की अनुमति दी जाएगी। शिक्षक और शिक्षकेत्तर कर्मचारियों को कोरोना टीके की दोनों खुराक लगवाने के बाद ही स्कूल में प्रवेश मिल सकेगा। जिन स्कूलों में परिवहन सेवा का इस्तेमाल किया जाएगा, ऐसे स्कूलों के मुख्याध्यपक के नियंत्रण में परिवहन प्रारूप तैयार करना होगा। विद्यार्थियों के आवाजाही के लिए उपयोग में लाए जाने वाले वाहन का सैनिटाइजेशन करना होगा। क्वारंटाइन सेंटर के लिए इस्तेमाल में लाए गए स्कूल में स्थानीय प्रशासन को सैनिटाइजेशन कराना होगा।
राज्य में मनपा क्षेत्रों के लिए गठित मनपा आयुक्तों और ग्रामीण इलाकों के लिए बनाई गई जिलाधिकारी की अध्यक्षता वाली समिति को कोरोना की स्थिति पर चर्चा के बाद स्कूल खोलने का फैसला लिया जाएगा। राज्य में बीते 24 सितंबर से ग्रामीण इलाकों में पांचवीं से बारहवीं और शहरी इलाकों में आठवीं से बारहवीं तक की कक्षाएं शुरू हैं।
Created On :   29 Nov 2021 8:53 PM IST