परमबीर सिंह के निर्देश पर वाझे को सौपी गई थी सीआईयू की जिम्मेदारी, कमिश्नर की रिपोर्ट में दावा 

CIU entrusted to Vaze on instructions of Parbir Singh, claimed in the report of the commissioner
परमबीर सिंह के निर्देश पर वाझे को सौपी गई थी सीआईयू की जिम्मेदारी, कमिश्नर की रिपोर्ट में दावा 
परमबीर सिंह के निर्देश पर वाझे को सौपी गई थी सीआईयू की जिम्मेदारी, कमिश्नर की रिपोर्ट में दावा 

डिजिटल डेस्क, मुंबई। सचिन वाझे को तत्कालीन मुंबई पुलिस आयुक्त परमबीर सिंह के निर्देश पर क्राइम इंटेलिजेंस यूनिट (सीआईयू) का प्रमुख बनाया गया था। संयुक्त पुलिस आयुक्त (अपराध) मिलिंद भारंबे के विरोध को नजरअंदाज कर सिंह ने यह फैसला किया था। मुंबई पुलिस कमिश्नर हेमंत नागराले द्वारा गृह विभाग को सौंपी गई रिपोर्ट में यह बात कही गई है। रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि पिछले साल जून महीने में सीआईयू में तैनाती के बाद वाझे दूसरे वरिष्ठ अधिकारियों को नजरअंदाज कर सीधे तत्कालीन पुलिस आयुक्त परमबीर सिंह को रिपोर्ट करता था। साथ ही जिन मामलों की छानबीन वाझे और उसकी टीम करती थी उनमें आरोपियों की गिरफ्तारी, छापेमारी, रिमांड के आवेदन और अग्रिम जमानत याचिका पर पुलिस की भूमिका से जुड़े फैसले परमबीर ही करते थे। रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि गृहमंत्री को टीआरपी घोटाले, एंटीलिया विस्फोटक, दिलीप छाबरिया की गिरफ्तारी जैसे मामलों में सिंह जब भी जानकारी देने जाते थे वाझे उनके साथ होता था। रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि वाझे ने अपराध शाखा के वरिष्ठ अधिकारियों को सम्मान नहीं दिया और उन्हें मामलों की जानकारी नहीं दी। बता दें कि सचिन वाझे की गिरफ्तारी के बाद मुंबई पुलिस कमिश्नर को मामले में गृहविभाग को रिपोर्ट सौंपने को कहा गया था। 

कांग्रेस का हमला

इस रिपोर्ट के बाद कांग्रेस ने भाजपा पर हमला किया है। महाराष्ट्र कांग्रेस के प्रवक्ता सचिन सावंत ने रिपोर्ट की प्रति ट्वीट करते हुए लिखा कि मुंबई पुलिस आयुक्त हेमंत नागराले ने गृहविभाग को जो रिपोर्ट दी है उससे साफ हो जाता है कि वाझे, परमबीर सिंह के निर्देश पर ही काम कर रहा था। मैने संवाददाता सम्मेलन में जो कहा था वह हमेशा की तरह सच साबित हुआ। भाजपा के झूठ से पर्दा हट रहा है। 

एसीपी का दावा गृहमंत्री ने वाझे से किया वसूली को लेकर सवाल

हर महीने मुंबई के बार, पब, रेस्टारेंट से 100 करोड़ वसूली को लेकर पूर्व मुंबई पुलिस कमिश्नर परमबीर सिंह ने जो आरोप लगाया है उसमें एसीपी संजय पाटील के साथ अपने ह्वाट्सएप चैट का भी उल्लेख किया है। लेकिन मुंबई पुलिस को दिए बयान में एसीपी पाटील ने इससे उलट दावा किया है। चैट में दावा किया गया था कि गृहमंत्री देशमुख ने मुंबई के 1750 बार और रेस्टारेंट से हर महीने 3-3 लाख रुपए वसूलने को कहा था लेकिन पाटिल ने कहा है कि वास्तव में देशमुख ने वाझे से पूछा था कि उन्हें पता चला है कि मुंबई के 1750 पब और रेस्टारेंट से हर महीने 3-3 लाख रुपए की वसूली की जा रही है क्या यह सच है। उन्होंने वसूली की सच्चाई जानने की कोशिश की थी वसूली करने को नहीं कहा था।

पाटील ने कहा कि उनकी वाझे के साथ पुलिस मुख्यालय में मुलाकात हुई थी लेकिन वाझे गृहमंत्री से मिले थे या नहीं उन्हें इसकी जानकारी नहीं है। सिंह ने दावा किया था कि ज्ञानेश्वरी बंगले पर 4 मार्च को गृहमंत्री देशमुख, डीसीपी राजू भुजबल के बीच वसूली को लेकर बैठक हुई थी। लेकिन डीसीपी भुजबल ने भी आरोपों से इनकार किया है। अपने बयान में उन्होंने कहा कि वे अधिवेशन से जुड़े मामलों की जानकारी देने के लिए गृहमंत्री से मिले थे। बैठक के दौरान एसीपी पाटिल नहीं थे लेकिन बाहर निकलते वक्त दरवाजे पर उन्हें पाटील मिले थे। भुजबल कहा है कि मुलाकात के दौरान देशमुख ने पब और बार के बारे में उनसे कोई बातचीत नहीं की थी।  

 

Created On :   7 April 2021 9:51 PM IST

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