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मिलीभगत का खेल जारी, बिल मंजूर कराने चाहिए वीआईपी का ठप्पा
डिजिटल डेस्क, नागपुर। विविध सरकारी विभागों में सेवारत कर्मचारियों को अपने व परिजनों का स्वास्थ्य खराब होने पर संलग्न अस्पतालों में इलाज करवाना पड़ता है। इसके लिए सरकारी व निजी अस्पताल सूचीबद्ध होते हैं। इलाज के बाद बिलों का सरकार की तरफ से भुगतान किया जाता है। इसके पहले सभी बिलों की जांच व मंजूरी सिविल सर्जन द्वारा दी जाती है। लेकिन इस कार्यालय का हाल यह है कि यहां जुलाई महीने से अब तक 4000 बिल मंजूरी की प्रतीक्षा में हैं। हर रोज 30 बिल मंजूर होते हैं, यह सभी वीआईपी कोटे के बताए गए हैं। जिलाधिकारी कार्यालय के अंतर्गत आनेवाले सभी सरकारी विभागों के कर्मचारियों व उनके परिजनों को स्वास्थ्य कारणाें से हुए खर्च का भुगतान सरकार करती है। अलग-अलग जांच, बीमारी के उपचार के लिए अलग-अलग राशि तय की गई है। इलाज के बाद संबंधित कर्मचारी को सरकार से बिलों की राशि का भुगतान किया जाता है। इसके लिए उन्हें सारे बिल सिविल सर्जन कार्यालय में जमा करने पड़ते हैं। सिविल सर्जन की उपस्थिति में हर शुक्रवार को बैठक होती है। बैठक में सभी बिलों की जांच व मंजूरी के लिए हस्ताक्षर किये जाते हैं।
सामान्य कर्मचारी लगाते रहते चक्कर
सूत्रों ने बताया कि पिछले कई महीनों से शुक्रवार को होनेवाली बैठक नहीं हो रही है। 30 जुलाई तक जितने बिल कार्यालय को प्राप्त हुए थे, उन सभी को मंजूरी दी गई है। इस तारीख के बाद बैठक नहीं होने से लगभग 4000 बिल पेंडिंग हैं। इन बिलों को मंजूरी की प्रतीक्षा हैं। जिन कर्मचारियों के यह बिल है, वह कई बार चक्कर मार चुके हैं। लेकिन हर बार कोई न कोई कारण बताकर उन्हे लौटाया जा रहा है। वहीं इनमें से कुछ बिलों को वीआईपी कोटा बताकर मंजूरी दी जा रही है, जबकि इसकी
कहीं कोई जांच-पड़ताल नहीं होती।
बड़े नाम लिखने पर बिल बन जाते वीआईपी : सूत्रों के अनुसार, वीआईपी में नेतागण व अन्य प्रथम श्रेणी के अधिकारियों का समावेश होता है। बिलों पर उनका नाम लिखकर वीआईपी बना दिया जाता है। सूत्रों के अनुसार वीआईपी बिल तुरंत मंजूर हो रहे हैं। बताया जाता है कि वीआईपी कोटे के हर रोज लगभग 30 बिल मंजूर किये जा रहे हैं। इस कार्यालय में बिलों का काम देखने वाले कर्मचारियों की कार्यप्रणाली पर हमेशा सवाल उठते रहे हैं। हाल ही में यहां नये कर्मचारी ने पदभार संभाला है। उससे संपर्क करने पर प्रतिसाद नहीं मिला।
जोन में जलापूर्ति कैश काउंटर आज खुले रहेंगे
मनपा के सभी जोन कार्यालयों में जलापूर्ति विभाग के कैश काउंटर रविवार 31 अक्टूबर को खुले रहेंगे। सुबह 9 से दोपहर 3 बजे तक काउंटर पर जलापूर्ति के बिल का भुगतान किया जा सकेगा। सुविधा का लाभ उठाने की अपील मनपा व ओसीडब्ल्यू ने की है।
Created On :   31 Oct 2021 2:49 PM IST