बंग्लादेश के 40 जजों की क्लास आज से शुरु 

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बंग्लादेश के 40 जजों की क्लास आज से शुरु 

पहली बार न्यायिक प्रशिक्षण अकादमी में प्रशिक्षण लेंगे विदेशी जज, 27 को होगा आखिरी सत्र
डिजिटल डेस्क जबलपुर ।
मप्र राज्य न्यायिक अकादमी द्वारा पहली बार पड़ोसी मुल्क के चालीस जजों को एक साथ प्रशिक्षण दिया जा रहा है । विदेश मंत्रालय के माध्यम से आयोजित होने वाले इस प्रशिक्षण के लिए सभी 40 जज ाहले ही जबलपुर पहुंच चुके थे । शुक्रवार को उन्हें रेस्ट दिया गया तथा आज से  अकादमी में प्रशिक्षण में उन सभी को भारत की कानूनी व्यवस्था के अलावा संवैधानिक मूल्यों से भी अवगत कराया गया ।
न्यायिक सूत्रों के अनुसार जजों के द्वारा दूसरे देशों में जाकर प्रशिक्षण लेना वैसे तो आम बात है, लेकिन इसके लिए जबलपुर का चुना जाना काफी अहम बात है। बंग्लादेश सरकार द्वारा विदेश मंत्रालय से 40 जजों के प्रशिक्षण का प्रस्ताव भेजा गया था। विदेश मंत्रालय ने इसके लिए नेशनल ज्यूडीशियल एकेडमी भोपाल और स्टेट ज्यूडीशियल एकेडमी जबलपुर को चुना था। हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस अजय कुमार मित्तल और अकादमी के प्रभारी जस्टिस संजय यादव ने केन्द्र सरकार के विदेश मंत्रालय के प्रस्ताव को संजीदगी से लेते हुए उस पर अपनी सहमति दी। उसके बाद विदेशी जजों का प्रशिक्षण मध्य प्रदेश में होने का रास्ता साफ हुआ।
जिला स्तर के जज लेंगे प्रशिक्षण-
न्यायिक सूत्रों के अनुसार प्रशिक्षण लेने के लिए आए बंगलादेश के सभी 40 जज जिला न्यायालय स्तर के न्यायाधीश हैं। उन सभी को भारत की आपराधिक, दीवानी और संवैधानिक व्यवस्था से संबंधित कानूनी प्रशिक्षण दिया जाएगा। नामचीन विधिवेत्ता सिखाएंगे कानूनी पेंच: अकादमी में 6 दिनों तक चलने वाले प्रशिक्षण के दौरान विदेशी मुल्क के सभी जजों को नामचीन विधिवेत्ता कानूनी पेंच से अवगत कराएंगे। इसके लिए हाईकोर्ट के जजों के अलावा सीनियर एडवोकेट्स और अकादमी के अधिकारियों को चुना गया है। देखेंगे कैसे होती है मुकदमों की सुनवाई: सभी विदेशी जजों को कोर्ट में होने वाली मुकदमों की सुनवाई भी दिखाई जाएगी। सभी 40 जजों को एक दिन हाईकोर्ट और एक दिन जिला न्यायालय ले जाया जाएगा। वहां पर उन्हें आपराधिक, दीवानी और संवैधानिक मामलों की सुनवाई से अवगत कराया जाएगा।
यह हमारे लिए गौरव की बात:
अभी तक अकादमी में सिर्फ राज्य के जजों को प्रशिक्षण दिया जाता रहा। यह पहला मौका है कि जब हम पड़ोसी देश के जजों को प्रशिक्षण देंगे। ये हमारे
और अकादमी के लिए गौरव की बात है। 
रामकुमार चौबे, डायरेक्टर, स्टेट ज्यूडीशियल एकेडमी
 

Created On :   22 Feb 2020 8:16 AM GMT

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