स्वच्छ शहर की राह में रोड़ा: नागपुर शहर को चाहिए 200 टायलेट , उपलब्ध है 128

Clean city nagpur have needs 200 toilet, but only 128 available
स्वच्छ शहर की राह में रोड़ा: नागपुर शहर को चाहिए 200 टायलेट , उपलब्ध है 128
स्वच्छ शहर की राह में रोड़ा: नागपुर शहर को चाहिए 200 टायलेट , उपलब्ध है 128

डिजिटल डेस्क, नागपुर।  शहर की आबादी 30 लाख के पार है। छोटे, बड़े 75 से अधिक बाजार हैं। 38 प्रभागों में बंटे शहर में 151 वार्ड हैं। इन वार्डों में 426 झोपड़पट्टियां हैं। शहर का तेजी से हो रहा विस्तार और बढ़ती जनसंख्या के हिसाब से शहर को 200 से अधिक सार्वजनिक शौचालय की दरकार है। फिलहाल 128 सार्वजनिक शौचालय उपलब्ध हैं। इसमें बाजारों में पे एंड यूज की तर्ज पर 68 सुलभ शौचालय हैं। झोपड़पट्टी बस्तियों में 60 नि:शुल्क सार्वजनिक शौचालय शामिल  हैं। 

में पे एंड यूज शौचालय
शहर में स्थायी तथा अस्थायी वैध, अवैध 75 से अधिक बाजार हैं।  स्थायी वैध बाजार में पे एंड यूज शौचालय हैं। शौच के लिए 5 रुपए चुकाने पड़ते हैं। अब लघुशंका के लिए भी 2 रुपए वसूल किए जा रहे हैं। दिन भर में लाखों लोग बाजार में जाते हैं। बाजार का विस्तार और ग्राहकों की भीड़ कई गुना बढ़ गई, लेकिन शौचालय का विस्तार नहीं होने से लोगों को असुविधा हो रही है। सीताबर्डी में 2 सार्वजनिक शौचालय हैं। इसमें भी महिलाओं के लिए सुविधा नहीं है। महल में बाजार से काफी दूर सुलभ शौचालय बनाया गया है। सक्करदरा, गांधीबाग, सदर, गोकुलपेठ आदि बड़े बाजारों में सार्वजनिक शौचालय है। 

सेवाभावी संस्थाओं पर साफ-सफाई तथा रख-रखाव की जिम्मेदारी डाली गई है। अवैध स्थायी तथा सप्ताह में एक या दो बार भरनेवाले बाजारों में शौचालय की सुविधा नहीं रहने से नागरिकों को असुविधा हो रही है।

झोपड़पट्‌टी में नि:शुल्क
घरों में शौचालय का निर्माण करने के लिए जगह नहीं है, ऐसी तंग बस्तियों में सार्वजनिक शौचालयों का निर्माण किया गया है। खासकर झोपड़पट्टी इलाकों में सार्वजनिक शौचालय बनाए गए हैं। इन शौचालयों की साफ-सफाई तथा रख-रखाव की जिम्मेदारी मनपा संभाल रही है। शहर में 426 झोपड़पट्टियां हैं। सार्वजनिक शौचालय मात्र 60 है। अन्य बस्तियों में सार्वजनिक शौचालय का अभाव है।

स्वच्छ शहर की राह में रोड़ा
स्वच्छता स्पर्धा में शहर कदमताल कर रहा है, लेकिन सार्वजनिक शौचालय की कमी इस राह में रोड़ा बना हुआ है। शौचालय के अभाव में शहर की गलियां गंदगी से सनी है। इस हालात को बदलने के लिए शहर को 200 से अधिक सार्वजनिक शौचालयों की दरकार है।

महापौर जोशी ने की पहल
शहर को स्वच्छ, सुंदर बनाकर स्वच्छता स्पर्धा में जगह बनाने के लिए महापौर संदीप जोशी ने पहल की है। महापौर निधि सिर्फ शौचालयों के निर्माणकार्य पर खर्च करने का उन्होंने संकल्प लिया है। 31 जनवरी से पहले 32 सार्वजनिक शौचालयों का भूमिपूजन करने की घोषणा की है। शेष निधि से वर्ष भर में सार्वजनिक शौचालयों का निर्माण करने की मंशा जाहिर की है।

Created On :   2 Jan 2020 7:20 AM GMT

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