नागपुर में बूंदा-बांदी, गड़चिरोली जिले में सौ से अधिक गांवों का संपर्क टूटा, यवतमाल और गोंदिया में पांच डूबे  

Cloudy in the sky, drizzling, weather become cold due to light raining
नागपुर में बूंदा-बांदी, गड़चिरोली जिले में सौ से अधिक गांवों का संपर्क टूटा, यवतमाल और गोंदिया में पांच डूबे  
नागपुर में बूंदा-बांदी, गड़चिरोली जिले में सौ से अधिक गांवों का संपर्क टूटा, यवतमाल और गोंदिया में पांच डूबे  

डिजिटल डेस्क, नागपुर। रविवार सुबह से आसमान में बादल छाए रहे, कुछ देर के लिए बारिश हुई, बीच-बीच में एक दो बार हल्की बूंदा-बांदी हुई। जिससे मौसम में लगातार ठंडक बनी है। इससे पहले शनिवार को भी बारिश होती रही। बीती रात मौसम में ठंडक रही, कुछ देर के लिए बरसात हुई थी। इससे पहले बंगाल की खाड़ी में बन रहे कम दबाव के क्षेत्र की वजह से शुक्रवार को लगातार रिमझिम बारिश की सिलसिला चलता रहा, बावजूद इसके पारा 25 डिग्री सेल्सियस पर टिका रहा। कम दबाव का क्षेत्र बनने की वजह से अगले दो दिन अच्छी बारिश की संभावना है। गुरुवार को हुई बारिश 24.2 मिलीमीटर दर्ज की गई, जबकि शुक्रवार को रिमझिम बारिश 4.9 मिलीमीटर दर्ज की गई।

अनुमान

मौसम विभाग के अनुसार, बंगाल की ही खाड़ी में बन रहे एक और कम दबाव के क्षेत्र के चलते जिले में अच्छी बारिश की संभावना जताई। 

गड़चिरोली जिले में सौ से अधिक गांवों का संपर्क टूटा

विदर्भ के अधिकांश जिलों में निरंतर जारी वर्षा के कारण गड़चिरोली जिले की पर्लकोटा नदी में आई बाढ़ से भामरागड़ तहसील के 100 गांवों का संपर्क टूट गया है। इसी प्रकार अहेरी तहसील के गड़अहेरी नाले में आयी बाढ़ से भी 20 गांव संपर्क क्षेत्र से बाहर हो गए हैं। भंडारा जिले में झमाझम बारिश के कारण गोसीखुर्द बांध के 13 गेट आधे मीटर तक खोल दिए गए हैं। अमरावती संभाग में बारिश के कारण अधिकांश प्रकल्पलबालब हो चुके हैं। अन्य जिलों में भी कहीं रिमझिम तो कहीं भारी वर्षा का दौर जारी है। 

गड़चिरोली जिले में पिछले तीन दिन से चल रही निरंतर बारिश के कारण भामरागड़ तहसील मुख्यालय के समीप से बहनेवाली पर्लकोटा नदी में बाढ़ आ गई है। जिससे तहसील मुख्यालय समेत करीब 100 गांवों का जिला मुख्यालय से संपर्क टूट गया है। रविवार सुबह पर्लकोटा नदी के पुल पर करीब दो से तीन फिट ऊपर से पानी बहने लगा जिससे आलापल्ली-भामरागड़ मार्ग बंद हो गया। बाढ़ का पानी भामरागड़ के बाजार में घुसने से घुटनों तक पानी जमा हो गया है। गांव में पानी घुसने से अनेक लोगों को अन्यत्र स्थानांतरित करना पड़ा। दूसरी ओर अहेरी तहसील मुख्यालय के समीप स्थित गडअहेरी नाले में आयी बाढ़ से परिसर के करीब 20 गांवों का संपर्क तहसील मुख्यालय से टूट गया है। साथ ही सिरोंचा तहसील के कंबलपेठा नाले में आयी बाढ़  से जाफराबाद परिसर का संपर्क तहसील मुख्यालय से टूट गया है।

चंद्रपुर में भी दिनभर रिमझिम बारिश का दौर जारी रहा।

भंडारा जिले में शनिवार रात्रि से जारी बारिश का सिलसिला रविवार शाम तक जारी रहा। फलस्वरूप  गोसीखुर्द बांध के १३ गेट आधे मीटर तक खोलकर उससे 1441 क्यूमेक्स पानी छोड़ा गया। गोंदिया में भी बारिश का दौर जारी रहा। वर्धा और यवतमाल में भी निरंतर वर्षा से अधिकांश नदी-नाले और जलाशय लबालब हो चुके हैं। 

अमरावती संभाग के अधिकांश जलाशय लबालब

अमरावती संभाग में लगातार जारी वर्षा के कारण प्रकल्पों के कैचमेट एरिया में जलस्तर बढ़ता ही जा रहा है। रविवार 16 अगस्त को बुलढाणा जिले की मेहकर तहसील अंतर्गत पेनटाकली प्रकल्प के दो दरवाजे 10 सेंमी तक खोल दिए गए। वहीं कोयना प्रकल्प के भी 6 दरवाजे 1.9 इंच तक खोले जा चुके हैं। पेनटाकली से 697 घनमीटर प्रति सेकंड तथा कोयना से 10410 घनमीटर प्रति सेकंड की रफ्तार से नदियों में पानी छोड़ा जा रहा है। जिस वजह से नदियां उफान पर हैं। नदी किनारे बसे हुए गांवों में अलर्ट जारी कर दिया गया है। 14 अगस्त को संभाग के सबसे बड़े उध्र्व वर्धा प्रकल्प के ११ गेट खोले गए थे। फिलहाल इस प्रकल्प के गेट 15 सेंमी तक खुले रखे गए है।

यवतमाल जिले के बेंबला के भी २ गेट २० सेंमी तक खोलते हुए ४० घनमीटर प्रति सेकंड की रफ्तार से पानी छोड़ा जा रहा है। बुलढाणा जिले के खडकपूर्णा के ७ गेट अब भी खुले हैं। इसके अलावा अमरावती जिले के पूर्णा, यवतमाल जिले के सायखेड़ा, बोरगांव, नवरगांव, वाशिम जिले के सोनल, बुलढाणा जिले के मस, मन आदि प्रकल्पा व बांधों से पानी छोड़ा जा रहा है। 

यवतमाल और गोंदिया में पांच डूबे 

स्वतंत्रता दिवस पर पिकनिक मनाने गए पांच लोगों के डूूबने की जानकारी मिली है। यवतमाल और गोंदिया में घटी इन घटनाओं में तीन युवकों और दो बच्चे शामिल हैं। यवतमाल शहर को जलापूर्ति करनेवाले निलोना बांध में दो युवक डूब गए। शनिवार 15 अगस्त की दोपहर शहर के आदिवासी सोसाइटी निवासी विशाल नामदेव आडे (36) व राहुल विनायक कन्नाके (19) अपने दोस्तों के साथ निलोना बांध का नजारा देखने गए थे। बांध की दीवार से गिरते पानी में तैरने के लिए वे उतरे। लेकिन पानी की गहराई का अनुमान न होने से दोनों डूब गए। रविवार सुबह पुलिस को विशाल आडे का शव मिल गया लेकिन राहुल कन्नाके का रविवार देर शाम तक भी पता नहीं चल पाया था। गोंदिया जिले में भी तीन स्थानों पर हुई विभिन्न घटनाओं में एक युवक समेत तीन लोग डूब गए। हादसे का शिकार लोगों में सड़क अर्जुनी तहसील अंतर्गत फुलेनगर कोदामेंडी निवासी मनीष सुभाष तोरणकर (14), म्हसवानी निवासी आंचल विश्वजीत सहारे (10) व कुड़वा निवासी अजय तिलकचंद येल्ले (22) का समावेश है। मनीष खोडशिवनी में नदी किनारे मछलियां पकड़ते समय संतुलन खोने से नदी में गिर गया। गोताखोरों ने कुछ ही घंटों में उसका शव बाहर निकाल लिया। दूसरी घटना इसी तहसील के म्हसवानी में हुई। म्हसवानी निवासी आंचल विश्वजीत सहारे अपने दो भाइयों और नाना के साथ खेत में जा रही थी। इस दौरान तीनों बच्चे नाले में गिर पड़े। उसके छोटे भाई को तो उसके नाना ने बाहर निकाल लिया लेकिन आंचल पानी के प्रवाह के साथ बह गए। कुछ देर बाद नागरिकों उसका शव ही हाथ लगा। तीसरी घटना में कुड़वा निवासी अजय तिलकचंद येल्ले अपने मित्रों के साथ भागवतटोला परिसर में स्थित लैला-मजनू तालाब में तैरने गया था जहां पर डूब गया। उसका भी शव गोताखोरों ने निकाल लिया। 
 

Created On :   16 Aug 2020 5:40 PM IST

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