कोरोना संकट में गंदी राजनीति न करें, सीएम ने कहा- जल्द निकलेगा प्रवासी मजदूरों को घर भेजने का रास्ता

CM said - Trains will not start, soon problem will be solve of migrant laborers
कोरोना संकट में गंदी राजनीति न करें, सीएम ने कहा- जल्द निकलेगा प्रवासी मजदूरों को घर भेजने का रास्ता
कोरोना संकट में गंदी राजनीति न करें, सीएम ने कहा- जल्द निकलेगा प्रवासी मजदूरों को घर भेजने का रास्ता

डिजिटल डेस्क, मुंबई। मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने प्रदेश भाजपा की इकाई का नाम लिए बैगर कहा कि कोरोना वायरस के संकट में कोई गंदी राजनीति न करें। मुख्यमंत्री ने कहा कि केंद्रीय सड़क परिवहन मंत्री नितिन गडकरी ने महाराष्ट्र के राजनीतिक लोगों को सलाह दी है कि कोरोना की स्थिति में राजनीति न करें और सरकार के साथ रहे। इसके लिए मैं गडकरी को लाख-लाख धन्यवाद देता हूं। मैं समझता हूं कि गडकरी ने जो कहा है राज्य को इसकी जरूरत है। रविवार को मुख्यमंत्री ने सोशल मीडिया के माध्यम से राज्य की जनता को संबोधित किया। मुख्यमंत्री ने कहा कि चुनाव आएंगे और जाएंगे और सत्ता आती- जाती रहेगी। लेकिन अगर किसी कि जान गई तो जान वापस नहीं आएगी। मुझे लोगों की जान बचाने के लिए काम करना है। मुख्यमंत्री ने कहा कि आज केंद्र और राज्य के बीच एकजुटता है। इसके बावजूद कुछ लोग राजनीति करने का प्रयास कर रहे हैं। मैं इसमें नहीं जाना चाहता हूं। मुख्यमंत्री ने कहा कि मुझे कुछ लोग कहते हैं कि आप राजनीति नहीं कर रहे हैं। लेकिन ये लोग अभी भी राजनीति कर रहे हैं। मैं कहता हूं कि उन्हें राजनीति करने दीजिए। मुख्यमंत्री ने कहा कि कोरोना की लड़ाई में जैसे सभी लोग जात- पात, धर्म, पंथ को बगल में रखकर मानवता धर्म के लिए एकजुट हो गए हैं। वैसे ही मैं कोरोना की लड़ाई में राजनीति को दूर रख रहा हूं। अगर हम राजनीति करने लगे तो हमें दूसरे किसी शत्रु की आवश्यकता नहीं पड़ेगी। 

दाल में काला देख लेंगे पहले दाल तो आने दीजिए  

मुख्यमंत्री ने कहा कि केंद्र सरकार की अंतर-मंत्रालयी टीम राज्य में आई हुई है। इस पर मुझे कुछ लोगों ने कहा कि दाल में कुछ काला हो सकता है। मैंने उनसे कहा कि राज्य सरकार ने तो केंद्र सरकार से ही दाल मांग रहे हैं। दाल में काला बाद में देख लेंगे पहले दाल तो आने दीजिए। मुख्यमंत्री ने कहा कि खाद्य सुरक्षा योजना के तहत चावल बांटने की अनुमति हैं। हमने केंद्र से ताल और गेहूं देने की मांग की है। मुख्यमंत्री ने कहा कि मैंने केंद्र की टीम से कहा है कि आप राज्य सरकार की कमियां बताइए। हम उसको दूर करेंगे। हमें कुछ छिपाना नहीं है। मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य में हॉट- स्पॉट और कंटेनमेंट जोन को कम किए जा रहे हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि वरली में कोरोना नियंत्रण के प्रयास पर केंद्र की टीम ने तारीफ की है।  

दो पुलिस कांस्टेबल हुए शहीद 

मुख्यमंत्री ने कहा कि कोरोना के कारण दो पुलिस कांस्टेबल की मौत हो गई है। दोनों पुलिस कांस्टेबल कोरोना से लड़ते-लड़ते शहीद हो गए हैं। मैं सरकार की ओर से उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित करता हूं। सरकार की योजनाओं के अनुसार पुलिस कांस्टेबल के परिजनों को हर संभव मदद की जाएगी। 

घर में अदा करें नमाज 

मुख्यमंत्री ने कहा कि शनिवार से रमजान का महीना शुरू हो गया है। मैं मुस्लिम समाज के लोगों से आह्वान करता हूं कि कृपा करके अपने घर में ही प्रार्थना करें। यह समय सड़कों और मस्जिदों में जाकर नमाज अदा करने का नहीं है। 

भगवान अब मंदिर में नहीं, अपने साथ में हैं

मुख्यमंत्री ने कहा कि सभी धर्मों के प्रार्थना स्थल बंद हैं। फिर सवाल उठता है कि भगवान कहां हैं। मैं कहता हूं कि भगवान अब मंदिर में नहीं बल्कि अपने साथ में हैं। आप लोग (जनता) ने जो संयम बरता है, उसमें भगवान हैं। दिन रात मेहनत करने वाले स्वास्थ्य सेवक, पुलिस, सफाई कर्मचारी के रूप में भगवान अपनी मदद कर रहे हैं। इनका आदर करना ही सबसे बड़ी भगवना भक्ति है। 

ट्रेनें तो नहीं शुरू होने वाली

मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने कहा कि प्रवासी मजदूरों को गांव जाने के लिए ट्रेनें तो नहीं शुरू होने वाली हैं, लेकिन उन्हें गांव वापस जाने के लिए जल्द से जल्द कुछ रास्ता निकल आएगा। जब भी संभव होगा सभी मजूदरों को अपने-अपने गांव और घर में भेजेंगे। इस पर राज्य सरकार की केंद्र सरकार और दूसरे राज्यों के मुख्यमंत्रियों से बातचीत चल रही है। रविवार को सोशल मीडिया के जरिए राज्य की जनता को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि मजदूरों को गांव भेजने के लिए हम कोशिश नहीं बल्कि हम रास्ता निकाल कर रहेंगे, लेकिन इसमें संयम की जरूरत है। मुख्यमंत्री ने कहा कि हमें कोई भीड़ नहीं चाहिए। अगर भीड़ होगी तो वापस पाबंदी लगानी होगी। मुख्यमंत्री ने कहा कि दूसरे राज्यों के जो मजदूर महाराष्ट्र में हैं वो घर जाना चाहते हैं। उनके लिए जो भी सूचनाएं होंगी। सरकार की ओर से मजदूरों तक पहुंचा दी जाएगी। मुख्यमंत्री ने कहा कि महाराष्ट्र, उत्तर प्रदेश और बिहार समेत दूसरे राज्य मिलकर काम करेंगे। मुख्यमंत्री ने कहा कि कोटा में महाराष्ट्र के विद्यार्थी हैं उन्हें लाने के लिए हम लोग प्रयास कर रहे हैं।  

जिलों की परिस्थिति के अनुसार लॉकडाउन पर फैसला 

मुख्यमंत्री ने कहा कि 3 मार्च को लॉकडाउन खत्म हो रहा है। राज्य के जिलों की समीएं सील हैं, उसको नहीं खोला जाएगा, लेकिन कुछ जिलों की परिस्थिति का अध्ययन करके 3 मई के बाद कुछ छूट देने के बारे में फैसला बाद में लिया जाएगा। 3 मई के बाद राज्य में लॉकडाउन के बारे में संबंधित इलाकों की परिस्थिति के अनुसार फैसला लिया जाएगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि सोमवार को इस पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए चर्चा होगी। मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य में ग्रामीण इलाकों में कुछ गतिविधियों को शुरू करने की अनुमति दी गई है। कुछ इलाकों में उद्योग शुरू हो गए हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि अप्रैल और मई महीने के आखिर तक देश और महाराष्ट्र में मरीजों के अनुमानित संख्या के आंकड़े घूम रहे हैं। समझिए अगर आने वाले दिनों में मरीजों की संख्या में थोड़ी बढ़ोतरी हुई तो उसके लिए तैयारी की गई है। 

लॉकडाउन के कुछ अच्छे परिणाम  

मुख्यमंत्री ने कहा कि लॉकडाउन का निश्चित रूप से कुछ अच्छे परिणाम हैं। मैं आत्मविश्वास से कहता हूं कि लॉकडाउन के कारण कोरोना के संकट की गति को धीमी करने में निश्चित सफलता मिली है। लॉकडाउन के दुष्परिमाण के बारे में अलग से कुछ कहने की जरूरत नहीं है। मुख्यमंत्री ने कहा कि लॉकडाउन को जल्दी खत्म करने के लिए विशेषज्ञ डॉक्टरों की टीम बनाई गई है। अर्थशास्त्रियों की टीम बनाई गई है। हमें जैसे पता चल रहा है कि किसी देश में कोरोना का टीका तैयार हो रहा है। हम तत्काल वहां पर संपर्क कर रहे हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि हर्ड इम्युनिटी (सामूहिक प्रतिरोधक क्षमता) के बारे में चर्चा है। लेकिन यह अभी तक सिद्ध नहीं हो पाया है। मुख्यमंत्री ने कहा कि निजी डॉक्टर अपने अस्पतालों को शुरू करें। मैं फिर से उनसे यह अपील करता हूं। 

Created On :   26 April 2020 6:53 PM IST

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