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सीएम उद्धव के निर्देश - ऊर्जा विभाग के पांच साल के कामकाज की होगी जांच
डिजिटल डेस्क, मुंबई। बिजली बिलों को लेकर भाजपा के आक्रमक रुख के बाद अब राज्य की महा आघाडी सरकार ने फडणवीस सरकार के दौरान बिजली विभाग को हुए फायदा-नुकसान की जांच कराएगी। राज्य के ऊर्जा मंत्री नितीन राऊत ने कहा कि मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने जांच कराने के निर्देश दिए हैं। शुक्रवार को मंत्रालय पत्रकार कक्ष में पत्रकारों से बातचीत में राऊत ने कहा कि पिछले पांच वर्षों में बिजली उत्पादन में हुए खर्च व नुकसान की जांच होनी चाहिए जिससे आज हमें ज्ञान दे रहे लोगों का असली ज्ञान सबके सामने आ सके।
नहीं भेजे गए हैं ज्यादा बिजली बिल
लॉक डाउन के दौरान आए बिजली बिलों में राहत के सवाल पर ऊर्जा मंत्री ने कहा कि ज्यादा बिल नहीं भेजे गए। बिजली बिल को लेकर जिनकी भी शिकायतें थी, उसे दूर किया गया है। हम अभी भी बिजली बिलों में गलती सुधारने को तैयार हैं। जिसको लगता है ज्यादा बिल आया है, हम उसकी जांच को तैयार हैं। उन्होंने बताया कि 11 लाख से ज्य़ादा बिजली उपभोक्ताओं की शिकायत आई थी जिसमें से 37 हजार को छोड़ कर सभी शिकायतों का निपटारा हो चुका है। ऊर्जा मंत्री ने बताया कि फिल्म अभिनेत्री तापसी पन्नू, सुप्रसिद्ध गायिका आशा भोसले और तुषार गांधी जैसे लोगों ने भी अधिक बिजली बिल की शिकायत की थी। बिजली कंपनी के अधिकारियों ने उनके घर जाकर उनकी शिकायतें दूर की हैं। राऊत ने कहा कि भाजपा बिजली बिल को लेकर राजनीति न करें।
बकाया वसूली के लिए सरकार चलाएगी अभियान
ऊर्जा मंत्री ने बताया कि ग्रामीण इलाकों में बकाया बिजली बिलों की वसूली के लिए सरकार ने एक नीति तैयार की है। बिजली बिल वसूली में मदद करने वाली ग्राम पंचायतों को 30 फीसदी रकम दी जाएगी। पालक मंत्रियों को भी वसूल होने वाले बिजली बिल की रकम विकास कार्यों के लिए दी जा सकेगी। राऊत ने कहा कि बकाया बिजली बिलों का भार पिछली सरकार ने हमारे सिर मढ़ा है। उन्होंने कहा कि बकाया बिजली बिलों की वसूली के लिए हम अभियान शुरु करेंगे। बकाया बिल वसूल करने में मदद करने वाले सरपंचों का सम्मान भी किया जाएगा।
कोरोना संकट के बाद 100 यूनिट मुफ्त बिजली पर फैसला
ऊर्जा मंत्री ने 100 यूनिट मुफ्त बिजली योजना के बारे में कहा कि इसके लिए मैंने अधिकारियों की एक समित गठित की थी। कोरोना संकट के कारण अभी तक इस समिति की रिपोर्ट नहीं मिल सकी। उन्होंने कहा कि पिछली सरकार के पाप और कोरोना संकट के कारण अभी तक हम अपना यह वादा पूरा नहीं कर सके हैं। कोरोना संकट के बाद इस बाबत फैसला लिया जाएगा। ऊर्जामंत्री ने कहा कि इससे सालाना करीब 6 हजार करोड़ का भार पड़ेगा।
Created On :   20 Nov 2020 8:27 PM IST