सहकारी बैंक घोटाला : अदालत में अजित पवार सहित को EOW की क्लीनचिट का विरोध

Co-operative bank scam: Opposing clean chit of EOW to Ajit Pawar in court
सहकारी बैंक घोटाला : अदालत में अजित पवार सहित को EOW की क्लीनचिट का विरोध
सहकारी बैंक घोटाला : अदालत में अजित पवार सहित को EOW की क्लीनचिट का विरोध

डिजिटल डेस्क, मुंबई। विशेष अदालत में शुक्रवार को महाराष्ट्र स्टेट को-आपरेटिव बैंक के 25 हजार करोड़ रुपए के घोटाले के मामले में आरोपी राज्य के उपमुख्य़मंत्री अजित पवार सहित 69 लोगों को क्लीनचिट देने से जुड़ी मुंबई पुलिस की आर्थिक अपराध शाखा (ईओडब्ल्यू) की रिपोर्ट का विरोध किया गया। यह विरोध मामले में शिकायतकर्ता की ओर से पैरवी कर रहे अधिवक्ता अजिंक्य काले ने किया। उन्होंने कहा कि प्रकरण को लेकर ईओडब्ल्यू की रिपोर्ट की साफ्ट कॉपी दी गई है। जिसमें 63 हजार पन्ने है। इसमे कुछ पन्ने कंप्यूटर पर खुल नहीं रहे हैं। इसलिए जांच एजेंसी को उन्हें रिपोर्ट की प्रिंट कॉपी उपलब्ध कराने का निर्देश दिया जाए। इसके बाद न्यायाधीश ने मामले की सुनवाई 28 अक्टूबर 2020 तक के लिए स्थगित कर दी। पिछले दिनों ईओडब्ल्यू ने इस मामले को लेकर भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो की कोर्ट में क्लोजर रिपोर्ट दायर की थी। ईओडब्ल्यू की रिपोर्ट में कहा गया है कि अपराध का स्वरुप सिविल नेचर का है। जांच के दौरान पता चला है कि कथित घोटाले में हुए सारे ट्रांजेक्शन सरकार व नेशनल बैंक फार एग्रीकल्चर एंड रुरल डेवलपमेंट (नाबार्ड) द्वारा तय किए गए नियमों के तहत ही हुए है। कुछ गड़बड़िया भी मिली है, लेकिन वे सारी सिविल स्वरुप की है। इसमें कोई आपराधिक पहलू नहीं है।

याचिकाकर्ता की मांग पर हाईकोर्ट ने दिया थी एफआईआर दर्ज करने का निर्देश

सामाजिक कार्यकर्ता सुरेंद्र अरोड़ा ने इस मामले को लेकर ईओडब्ल्यू में शिकायत की थी और हाईकोर्ट में भी याचिका दायर की थी। इससे पहले हाईकोर्ट ने इस मामले की जांच में निष्क्रियता दिखाने के लिए ईओडब्ल्यू को कड़ी फटकार लगाई थी और कहा था कि इस प्रकरण में मामला दर्ज करने के लिए पर्याप्त सबूत हैं। इसके बाद साल 2007 और 2011 के बीच हुए  इस मामले में ईओडब्ल्यू ने सक्रियता दिखाते हुए जांच की शुरुआत की थी। हाईकोर्ट में दायर याचिका में अरोडा ने दावा किया था कि कर्ज देने में नाबार्ड के नियमों का उल्लंघन  किया गया। नियमों के विपरीत चीनी कारखानों को 331 करोड़ रुपए कर्ज देने का आरोप था। नियमों को ताक पर रखकर कर्ज देने के चलते बैंक को नुकसान होने का भी दावा किया गया था।     


 

 

Created On :   16 Oct 2020 5:59 PM IST

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