विद्यार्थियों को इलेक्ट्रॉनिक वाहन के इस्तेमाल के लिए कॉलेज ने उपलब्ध कराया मुफ्त चार्जिंग स्टेशन

College provided free charging station to the students for the use of electronic vehicles
विद्यार्थियों को इलेक्ट्रॉनिक वाहन के इस्तेमाल के लिए कॉलेज ने उपलब्ध कराया मुफ्त चार्जिंग स्टेशन
प्रेरित मुहिम विद्यार्थियों को इलेक्ट्रॉनिक वाहन के इस्तेमाल के लिए कॉलेज ने उपलब्ध कराया मुफ्त चार्जिंग स्टेशन

डिजिटल डेस्क, मुंबई। विद्यार्थियों के बीच इलेक्ट्रॉनिक वाहन लोकप्रिय करने के लिए मुंबई के केईएस श्राफ कॉलेज की ओर से अनोखी पहल की गई है। कॉलेज में दुपहिया इलेक्ट्रॉनिक वाहनों के लिए मुफ्त चार्जिंग की सुविधा उपलब्ध कराई गई है। विद्यार्थियों के बीच सर्वेंक्षण के बाद कॉलेज प्रबंधन ने कॉलेज में चार्जिंग पाइंट लगाने का फैसला किया। केईएस श्राफ कॉलेज पहला ऐसा कॉलेज है जिसने विद्यार्थियों के लिए इस तरह की सुविधा उपलब्ध कराई है। मुंबई महानगर पालिका के उद्यान विभाग के अधीक्षक जितेंद्र परदेशी के कॉलेज की इस पहल की सराहना करते हुए कहा कि इससे पर्यावरण को लेकर छात्र ज्यादा जागरूक होंगे दूसरे कॉलेजों को भी इससे प्रेरणा लेनी चाहिए। केईएस श्रॉफ कॉलेज की प्रिंसिपल डॉक्टर लिलि भूषण ने बताया कि कॉलेज में करीब 11 हजार विद्यार्थी हैं जिनमें से साढ़े 6 हजार डिग्री कॉलेज में पढ़ते हैं। इन बच्चों के बीच गूगल फॉर्म के जरिए एक सर्वे कराया गया था जिससे पता लगे कि कितने बच्चे इलेक्ट्रॉनिक वाहनों के चार्जिंग पाइंट का इस्तेमाल करने के इच्छुक है और कितने विद्यार्थियों के पास ऐसे वाहन हैं। उन्होंने बताया कि शुरूआत में 1800 विद्यार्थियों ने इसमें दिलचस्पी दिखाई। इसके बाद विद्यार्थियों के उत्साह को देखते हुए पर्यावरण के लिए फायदेमंद इस सुविधा को शुरू करने का फैसला किया गया। फिलहाल सिर्फ दुपहिया वाहनों को चार्ज करने की सुविधा शुरू की गई है जिसमें करीब 5 हजार का खर्च आया है। यहां इलेक्ट्रॉनिक वाहन चार्ज करने के लिए फिलहाल विद्यार्थियों या शिक्षकों से कोई शुल्क नहीं लिया जाएगा।

डॉ भूषण ने कहा कि इस सुविधा को शुरू करने का मकसद पैसे कमाना नहीं बच्चों को पर्यावरण के अनुकूल विकल्पों को अपनाने के लिए प्रेरित करना है। इसके अलावा कॉलेज के बच्चों ने पुराने खराब हो चुके टायर का इस्तेमाल कर बनाया वर्टिकल गार्डन बनाया है। डॉ भूषण ने बताया कि बच्चों को कचरे का बेहतर इस्तेमाल करने के लिए प्रेरित किया गया उन्हें मीरा रोड इलाके के एक सप्लायर से 40 रुपए प्रति टायर की दर से पुराने टॉयर और पेंट उन्हें दिए गए। इसकी मदद से विद्यार्थियों ने आकर्षक गमले बनाएं जिनका इस्तेमाल गार्डन में किया गया। आम तौर पर खराब टायर जमीन के नीचे दबा दिए जाते हैं या समुद्र में फेंक दिए जाते हैं जिससे पर्यावरण को नुकसान होता है। बच्चों ने खराब टायर को ऑकर्षक गमलों में बदल दिया है। बीएमसी के गार्डन विभाग के अधीक्षक जितेंद्र परदेशी ने कहा कि कॉलेज की ओर से की गई पहल सराहनीय है। दूसरे कॉलेजों को भी इससे प्रेरणा लेकर बच्चों को पर्यावरण को लेकर जागरूक करने की पहल करनी चाहिए। मुंबई महानगर पालिका की ओर से कॉलेज को जो सहयोग लगेगा वह प्रदान किया जाएगा। 

 

Created On :   13 Feb 2022 8:07 PM IST

Tags

और पढ़ेंकम पढ़ें
Next Story