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कौशल विकास पर नए पाठ्यक्रम शुरू करने नहीं मिल रहा कॉलेजों का साथ
डिजिटल डेस्क, नागपुर। अपने पांच वर्ष के पर्सपेक्टिव प्लान के तहत राष्ट्रसंत तुकड़ोजी महाराज नागपुर विश्वविद्यालय ने विदर्भ की जरूरत के मुताबिक कौशल विकास आधारित पाठ्यकम शुरू करने की तैयारी की है। पिछले एक वर्ष में विवि की इस योजना को कॉलेजों की ओर से बेहतर प्रतिसाद नहीं मिल रहा है। कौशल विकास आधारित पाठ्यक्रमों को शुरू करने के लिए महज 3 या 4 कॉलेजों के प्रस्ताव विचाराधीन है। इसके अलावा कुछ चुनिंदा कॉलेजों ने जरूरी पाठ्यक्रम शुरू करने में रुचि दर्शाई। लेकिन पाठ्यकम पढ़ाने के लिए जरुरी शिक्षक व अन्य सुविधाएं न होने से नागपुर विवि ने उनका प्रस्ताव नामंजूर कर दिया। ऐसे में आगामी शैक्षणिक सत्र में विवि में कौशल विकास आधारित नए पाठ्यक्रम कम ही देखने को मिलेंगे।
यह थी योजना - राज्य सरकार के निर्देश के बाद जुलाई 2019 में विवि ने अपना पर्सपेक्टिव प्लान तैयार किया था। जिसके तहत अपने यहां 100 से अधिक रोजगार उन्मुख पाठ्यक्रम शुुरू करने की तैयारी की थी। इसमें टाइगर टूरिज्म, फ्लाय एेश यूटिलाइजेशन, बांबू टेक्नोलॉजी, स्पोर्ट्स मेडिसिन, ऑनर्स इन साइकोलॉजी, कॉमर्स, स्पोर्ट्स मैनेजमेंट, एमए इन इंवायरमेंट इकोनॉमिक्स जैसे कई पाठ्यक्रमों का समावेश है। युवाओं को रोजगार दिलाने के उद्देश्य से विवि यह नए पाठ्यक्रम शुरू किए जा रहे हैं। इसी के साथ विश्वविद्यालय उद्योगों, मनपा, जिला परिषद, ग्राम पंचायत जैसी स्थानीय संस्थाओं से भी विश्वविद्यालय करार प्रस्ताव है।
उपेक्षा - सरकार से अनुदान नहीं : दरअसल राज्य सरकार ने नागपुर सहित प्रदेश भर मंे कौशल विकास पाठ्यक्रम शुरू करने पर जोर तो दिया, लेकिन इसके लिए पाठ्यक्रमों को अनुदान या अन्य रियायतें नहीं दी हैं। फिलहाल स्थिति ऐसी है कि कॉलेजों को यदि कौशल विकास आधारित नए पाठ्यक्रम शुरू करने हो तो उन्हें गैर अनुदानित तौर पर पाठ्यक्रम चलाना होगा। ऐसे में उन्हें पाठ्यक्रमों के लिए मोटी फीस रखनी होगी, लेकिन इसमें समस्या है कि नागपुर विश्वविद्यालय ऐसे पाठ्यक्रमों के लिए महंगी फीस मंजूर नहीं करेगा। दूसरी समस्या है कि पाठ्यक्रम शुरू करने के लिए एक्सपर्ट शिक्षकों की जरूरत है। ऐसे में कई पाठ्यक्रमों के लिए तो जरूरी शिक्षक नहीं मिल रहे हैं।
प्रतिसाद मिलने की उम्मीद - हमने यह योजना पांच वर्ष के लिए बनाई थी। हमें पांच वर्षों के भीतर उक्त पाठ्यक्रम शुरू करने है। इस वर्ष उतना प्रतिसाद नहीं मिला है। इसलिए हमने कॉलेजों में एलईसी नहीं भेजी है, लेकिन उम्मीद है कि आगामी वर्षों मंे कौशल विकास आधारित पाठ्यक्रमों को बेहतर प्रतिसाद मिलेगा। उसकी तैयारी की जा रही है। - डॉ. विनायक देशपांडे, प्रभारी प्रकुलगुरु नागपुर विश्वविद्यालय
Created On :   4 Feb 2020 1:20 PM IST