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प्याज निर्यातक को आयोग ने 54 लाख रुपए देने का दिया निर्देश
डिजिटल डेस्क, मुंबई। राज्य उपभोक्ता आयोग ने एक्सपोर्ट क्रेडिट गारंटी कार्पोरेशन ऑफ इंडिया (ईसीजीसीआई) को सेवा में कमी के लिए एक प्याज निर्यातक को नुकसान भरपाई के लिए 54 लाख रुपए देने का निर्देश दिया है। जिसके तहत 48 लाख रुपए नुकसान भरपाई, पांच लाख रुपए मानसिक पीड़ा व 50 हजार रुपए मुकदमे के खर्च रुप में दिया जाएगा। नई मुंबई स्थित प्याज के निर्यात से जुड़ी ब्लॉसेम ग्रोसरी एंड फूड इंडिया प्राइवेट लिमिटेड ने प्याज को विदेश में भेजने के लिए ईसीजीसीआई से एक साल के लिए नवंबर 2014 में आठ करोड़ रुपए की बीमा पालिसी ली थी। इस बीच ब्लॉसेम ग्रोसरी को वियतनाम से प्याज की आपूर्ति का आर्डर मिला। जिसके अंतर्गत प्याज के चार कंसाइनमेंट बुक किए गए। दो कंसाइनमेंट मिलने के बाद वियतनाम के प्याज के खरीददार ने वित्तीय परेशानी का हवाला देकर प्याज के दो शेष कंसाइनमेंट भेजने से मना कर दिया। चूंकी कंसाइनमेंट निकल चूका था इसलिए बलॉसम ग्रोसरी ने वियतनाम व मलेशिया के दूसरे व्यापारियों को प्याज बेच दिया। इससे उसे करीब उसे 48 लाख 70 हजार रुपए का नुकसान हुआ।
कुछ समय बाद जब ब्लॉसम ग्रोसरी ने ईसीजीसीआई से नुकसान भरपाई का दावा किया तो उसने (ईसीजीसीआई) कहा कि प्याज की गुणवत्ता ठीक न होने के कारण शेष दो कंसाइनमेंट नहीं लिए गए है। गुणवत्ता का विषय बीमा पालिसी में शामिल नहीं था। इसलिए नुकसान भरपाई की मांग पर विचार नहीं किया जाएगा।
आयोग ने मामले से जुड़े तथ्यों पर गौर करने के बाद पाया कि ईसीजीसीआई ने प्याज की गुणवत्ता को लेकर किसी विशेषज्ञ की रिपोर्ट नहीं पेश की है। जिसकी उससे अपेक्षा थी। इस लिहाज से मामले को लेकर ईसीजीसीआई का रुख अनुचित व्यापार व्यवहार व सेवा की कमी के दायरे में आता है। इसलिए उसे ब्लॉसम ग्रोसरी को 54 लाख रुपए के भुगतान का निर्देश दिया जाता है।
Created On :   17 Nov 2019 2:16 PM IST