महाराष्ट्र राज्य परीक्षा परिषद के आयुक्त गिरफ्तार, घर से मिले 88 लाख रुपए

Commissioner of Maharashtra State Examination Council arrested, Rs 88 lakh found from home
महाराष्ट्र राज्य परीक्षा परिषद के आयुक्त गिरफ्तार, घर से मिले 88 लाख रुपए
टीईटी परीक्षा में गड़बड़ी का मामला महाराष्ट्र राज्य परीक्षा परिषद के आयुक्त गिरफ्तार, घर से मिले 88 लाख रुपए

डिजिटल डेस्क, मुंबई। शिक्षक पात्रता परीक्षा (टीईटी) में गड़बड़ी के मामले में पुणे पुलिस की साइबर सेल ने महाराष्ट्र राज्य परीक्षा परिषद (एमएससीई) के कमिश्नर तुकाराम सुपे को गिरफ्तार किया है। पुणे पुलिस आयुक्त अमिताभ गुप्ता ने बताया कि सुपे के घर की तलाशी के दौरान 88 लाख रुपए नकद भी मिले हैं। मामले में अभिषेक सावरीकर नाम के शिक्षा आयुक्त के सलाहकार को भी पुलिस ने दबोचा है। म्हाडा की परीक्षा के प्रश्नपत्र लीक करने की कोशिश के जांच के दौरान पुणे पुलिस को जानकारी मिली कि जनवरी 2020 में हुई टीईटी परीक्षा में  भी अनियमितता हुई थी और पैसे लेकर कुछ परीक्षार्थियों के नंबर बढ़ाए गए थे। जानकारी के आधार पर पुणे पुलिस ने सुपे को गुरूवार को पूछताछ के लिए बुलाया और लंबी पूछताछ के बाद शुक्रवार को उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया। तलाशी के दौरान सुपे के घर से पुलिस ने 88 लाख 49 हजार 980 रुपए नकद, पांच ग्राम सोने के शिक्के, साढ़े पांच लाख रुपए के सावधि जमा के कागजात मिले। साथ ही खुलासा हुआ है कि सुपे ने अपने दोस्तों को भी लाखों रुपए दे रखे हैं। दरअसल म्हाडा परीक्षा के प्रश्नपत्र लीक होने से जुड़े मामले को लेकर प्रीतीश देशमुख के घर की तलाशी के दौरान टीईटी परीक्षा के करीब 50 विद्यार्थियों के पहचान पत्र मिले थे। इसलिए इस परीक्षा की भी जांच शुरू हो गई। छानबीन में कई विद्यार्थियों के नंबर पैसे लेकर बढ़ाए जाने की जानकारी सामने आई। इसके बाद मामले में एक और एफआईआर दर्ज कर ली गई। पुलिस को पता चला कि सुपे को एक करोड़ 70 लाख, देशमुख को 1 करोड़ 25 लाख और सावरीकर को भी 1 करोड़ 25 लाख रुपए दिए गए थे। परीक्षार्थियों की मदद के लिए कुल 4 करोड़ 20 लाख रुपए आरोपियों ने लिए थे जिनमें से 90 लाख रुपए बरामद कर लिए गए हैं। पुलिस के मुताबिक मामले में जल्द ही कुछ और आरोपियों पर भी शिकंजा सकेगा। 

ऐसे होती थी गड़बड़ी

जीए टेक्नॉलॉजी के पास भर्ती प्रक्रिया की जिम्मेदारी थी। जिन परीक्षार्थियों से पैसे लिए जाते थे उन्हें अपनी उत्तर पुस्तिका कोरी छोड़ देने के लिए कहा जाता था। बाद में प्रश्नपत्र स्कैन कर जांच के दौरान उत्तर पुस्तिका भरकर परीक्षार्थियों को मनचाहे नंबर दे दिए जाते थे। पैसे देने के बाद भी कोई परीक्षार्थी अगर फेल हो जाता था तो उसे पुनर्मूल्यांकन के लिए अर्जी देने को कहा जाता था और फिर उन्हें पास कर दिया जाता था। प्रत्येक परीक्षार्थी से 35 हजार से एक लाख रुपए तक लिए जाते थे। 

दोषियों के खिलाफ होगी कड़ी कार्रवाई-वर्षा गायकवाड

स्कूली शिक्षा मंत्री वर्षा गायकवाड ने कहा कि टीईटी परीक्षा में गड़बड़ी करने वालों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने कहा कि मामले की जानकारी मिलने के बाद मैंने शिक्षा विभाग के अधिकारियों के साथ इस मुद्दे पर चर्चा की। विद्यार्थियों के भविष्य से खिलवाड़ करने वालों के कठोर दंड दिया जाएगा। इसकी जांच के दौरान जो कानूनी मदद लगेगी वह स्कूली शिक्षा विभाग की ओर से मुहैया कराई जाएगी। स्कूली शिक्षा विभाग की अतिरिक्त मुख्य सचिव वंदना कृष्णा की अगुआई में जांच के लिए एक समिति बनाई गई है जो मामले की गहराई से जांच कर रिपोर्ट देगी। रिपोर्ट आने के बाद दोषी पाए गए लोगों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी।     
 

Created On :   17 Dec 2021 8:59 PM IST

Tags

और पढ़ेंकम पढ़ें
Next Story