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शालार्थ नंबर देने में हुई अनियमितता की जांच के लिए समिति
डिजिटल डेस्क, मुंबई। राज्य के नाशिक विभाग के निजी अनुदानित प्राथमिक व माध्यमिक तथा उच्च माध्यमिक स्कूलों के शिक्षक और शिक्षकेतर कर्मचारियों को वेतन और भत्ते के लिए दिए जाने वाले शालार्थ नंबर देने में हुई अनियमितता की जांच के लिए समिति गठित कर दी है। यह समिति राज्य में पिछले एक साल में शालर्थ नंबर में आवंटन में हुई अनियमितताओं की भी जांच करेगी। राज्य के शिक्षा सह निदेशक (प्राथमिक) दिनकर टेमकर की अध्यक्षता में जांच समिति बनाई गई है। शुक्रवार को सरकार के स्कूली शिक्षा विभाग ने शालार्थ नंबर वितरण में हुई गड़बड़ी की जांच के लिए जांच समिति नियुक्त करने के संबंध में शासनादेश जारी किया है। इसके मुताबिक जांच समिति को छह महीने के भीतर जांच रिपोर्ट सरकार को सौंपना होगा। इस समिति को नाशिक के विभागीय शिक्षा उपनिदेशक के जरिए 20 मार्च 2019 के बाद शिक्षक और शिक्षतेकर कर्मचारियों को दिए गए प्रकरण की जांच करने को कहा गया है। इसके साथ ही समिति को 20 मार्च 2019 के बाद संबंधित विभाग के विभागीय शिक्षा उपनिदेशक की ओर से दिए गए नंबर के संबंध में मिली शिकायतों की भी जांच करनी होगी।
इससे पहले विधानमंडल अधिवेशन के दौरान विधायक किशोर पाटील समेत दूसरे विधानसभा सदस्यों ने जलगांव की सात शिक्षा संस्थाओं में शिक्षक और शिक्षकेतर कर्मचारियों को नंबर देने में हुई अनियमितता होने का मुद्दा ध्यानाकर्षण प्रस्ताव के जरिए उठाया था। जिस पर प्रदेश की स्कूली शिक्षा मंत्री वर्षा गायकवाड ने नाशिक विभाग सहित राज्य भर में पिछले एक साल में दिए गए नंबर की जांच कराने का आश्वासन दिया था। इसके आधार पर अब जांच समिति गठित की गई है।
राज्य में निजी अनुदानित प्राथमिक, माध्यमिक और उच्च माध्यमिक तथा जिला परिषद, महानगर पालिका व नगर पालिका के स्कूलों के शिक्षक और शिक्षकेतर कर्मचारियों को वेतन और भत्ता उपलब्ध कराने के लिए 7 नवंबर 2012 को शालार्थ कंप्यूटरीकृत प्रणाली लागू की गई है। इसी शालार्थ प्रणाली के आधार पर स्कूलों के शिक्षक और शिक्षतेकर कर्मचारियों के हर महीने के वेतन का भुगतान किया जाता है।
Created On :   14 Aug 2020 8:29 PM IST