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हैदराबाद में हुई घरेलू हिंसा की शिकायत मुंबई में नहीं, महिला को नहीं मिली राहत
डिजिटल डेस्क, मुंबई। कोई महिला घरेलू हिंसा की शिकायत नहीं उस जगह नहीं कर सकती जहां वह कभी-कभार जाती है। महिला को अपनी शिकायत वहां करनी चाहिए जहां उसका स्थायी व अस्थायी निवास स्थान हो। बांबे हाईकोर्ट ने अपने एक आदेश में यह बात स्पष्ट की है। कोर्ट ने साफ किया है कि लॉज या गेस्ट हाउस किसी का अस्थाई निवास नहीं हो सकता। मामले से जुड़े तथ्यों पर गौर करने के बाद न्यायमूर्ति एस.के शिंदे ने पाया कि शिकायतकर्ता का विवाद हैदराबाद में हुआ था। वहां से वह मुंबई आ कर एक होटल में ठहरी थी। इसके बाद महिला ने बांद्रा-कुर्ला कांप्लेक्स (बीकेसी) पुलिस स्टेशन में दो असंज्ञेय शिकायते (एनसी) दर्ज कराई थी। कुछ दिनों बाद महिला ने बांद्रा मजिस्ट्रेट कोर्ट में अपने पति व अन्य के खिलाफ घरेलू हिंसा की शिकायत की थी। लेकिन मजिस्ट्रेट कोर्ट ने महिला को राहत देने से इंकार कर दिया था। इसलिए महिला ने मजिस्ट्रेट के आदेश को हाईकोर्ट में चुनौती देते हुए हाईकोर्ट में याचिका दायर की थी।
सुनवाई के दौरान महिला की ओर से पैरवी कर रहे वकील ने कहा कि मेरे मुवक्किल के पति हैदराबाद के काफी प्रभावशाली व्यक्ति हैं। इसलिए उसे वहां राहत मिलने की उम्मीद काफी कम है। वहीं पति के वकील ने कहा कि याचिकाकर्ता (महिला) मुंबई की निवासी नहीं है। वह सिर्फ एक या दो दिन के लिए मुंबई आती है। वह यहां नहीं रहती है। इसलिए यहां की कोर्ट के पास इस मामले की सुनवाई का अधिकार नहीं है। मामले से जुड़े दोनों पक्षों को सुनने के बाद न्यायमूर्ति ने कहा कि महिला काफी शिक्षित व वित्तीय रुप से काफी मजबूत है। इसलिए इस बात पर यकीन नहीं किया जा सकता है कि महिला हैदराबाद की कोर्ट से अपने संरक्षण के लिए आदेश नहीं हासिल कर सकती है अथवा उसे हैदराबाद छोड़ने के लिए मजबूर किया गया है। महिला विवाह के बाद 1993 से हैदराबाद में रह रही है। यह कहते हुए न्यायमूर्ति ने महिला की याचिका को खारिज कर दिया और मजिस्ट्रेट कोर्ट के आदेश को कायम रखा।
Created On :   6 Dec 2021 7:18 PM IST