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कम वायु गुणवत्ता वाले सभी शहरों में पटाखों पर पूर्णत: प्रतिबंध
डिजिटल डेस्क जबलपुर । नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (एनजीटी) ने देश के पुअर वायु गुणवत्ता वाले सभी शहरों में पटाखों पर पूरी तरह से प्रतिबंध लगाने का आदेश दिया है। एनजीटी के जस्टिस शिवकुमार सिंह और एक्सपर्ट मेम्बर अरुण कुमार वर्मा ने कहा है कि माडरेट वायु गुणवत्ता वाले शहरों में मात्र 2 घंटे के लिए ग्रीन पटाखे चलाने की अनुमति होगी। क्रिसमस और न्यू ईयर में रात 11.55 से 12.30 बजे तक ग्रीन पटाखों की अनुमति दी गई है।
आदेश का उल्लघंन करने पर लगेगा जुर्माना
एनजीटी ने कहा है कि पटाखों के संबंध में सुप्रीम कोर्ट और एनजीटी के आदेशों का पालन किया जाए। यदि कोई आदेश का उल्लघंन करता है तो उससे आर्थिक दंड या जुर्माना मुआवजे के तौर पर वसूला जाए। सभी जिला कलेक्टरों को निर्देश दिया गया है कि पटाखों की शिकायत आने पर वे स्वयं जाकर देखेंगे और दोषियों से जुर्माना और मुआवजा वसूल करेंगे।
यह है मामला
यह याचिका नागरिक उपभोक्ता मार्गदर्शक मंच के डॉ. पीजी नाजपांडे और रजत भार्गव ने दायर की है। याचिका में कहा गया है कि इंडियन मेडिकल एसोसिएशन और विश्व स्वास्थ्य संगठन ने कहा है कि कोरोना की तीसरी लहर आ सकती है। अधिवक्ता प्रभात यादव ने तर्क दिया कि कोरोना की तीसरी लहर की संभावना को देखते हुए पटाखों के जहरीले धुएं से स्थिति और बिगड़ सकती है। पिछले वर्ष एनजीटी के आदेश के बाद भी इंदौर, ग्वालियर, भोपाल और जबलपुर में दीवाली में भारी संख्या में पटाखे फोड़े गए। इससे दूसरे दिन यानी 15 नवंबर 2020 को वायु गुणवत्ता पुअर और अति खराब श्रेणी की हो गई थी।
पटाखों में बेरियम के उपयोग की रिपोर्ट पेश करने के निर्देश
एनजीटी ने कहा है कि सुप्रीम कोर्ट ने पटाखों में बेरियम और बेरियम साल्टस के उपयोग को प्रतिबंधित किया है। इस संबंध में सीबीआई चैन्नई के ज्वाइंट डायरेक्टर को इस आशय की रिपोर्ट पेश करने के लिए कहा गया है कि पटाखों में बेरियम और बेरियम साल्टस का उपयोग किया जा रहा या नहीं।
Created On :   28 Oct 2021 6:13 PM IST