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बच्चों की सोच को और परिपक्व करना आज समय की जरूरत
डिजिटल डेस्क, नागपुर। जब बच्चे बड़े होते हैं, तो उनके साथ बहुत सारी समस्याएं आती हैं। कम्प्यूटेशनल थिंकिंग ऐसा विषय है, जो बच्चों को भविष्य की परेशानियाें से बचाता है। प्रोग्राम के अंतर्गत बच्चों को सिकवेंस और स्टेप भी सिखाते हैं, ताकि बच्चे उसे आसानी से समझें और करें। कम्प्यूटेशनल थिंकिंग का मुख्य उद्देश्य बच्चों की थॉट प्रोसेस बढ़ाना है। 21वीं सदी में दुनिया में बहुत सारे परिवर्तन हुए हैं, जिसमें शिक्षा, व्यापार, अर्थव्यवस्था, प्रौद्योगिकी और समाज भी शामिल है। इन दिनों कम्प्यूटेशनल सोच की जबर्दस्त मांग है। उक्त विचार मेघे ग्रुप की संचालिका अाभा मेघे ने व्यक्त किए। वे अत्रे ले-आउट स्थित स्कूल ऑफ स्कॉलर्स में आयोजित पत्रकार परिषद में बोल रही थीं। स्कूल ऑफ स्कॉलर्स में 29 सितंबर से 2 अक्टूबर तक सीटीआईएस की ऑनलाइन परिषद का आयोजन किया गया है, जिसमें देश-विदेश से वक्ता शामिल होंगे। जो सीएस पाठशाला एसीएम इंडिया एजुकेशन की पहल है। पत्रकारवार्ता में एमजीएस रिर्सोस सेंटर हेड गीता घोरमाड़े उपस्थित थीं।
स्कूल ऑफ स्कॉलर्स में सीटीआईएस की ऑनलाइन परिषद
29 सितंबर से 2 अक्टूबर तक आयोजन, देश-विदेश के होंगे वक्त
ये होंगे शामिल
चार दिवसीय सम्मेलन में अमेरिका की मस्सचुसेट्स इंस्टीट्यूट आॅफ टेक्नालॉजी के हल अबेलसन, आस्ट्रिया की ग्रेज यूनिवर्सिटी ऑफ टेक्नालॉजी के प्रो. वोल्फगेंग स्लेनी, आईआईटी गांधीनगर के मनीष जैन, विजन एम्पावर ट्रस्ट की सुप्रिया डे, माइक्रोसाॅफ्ट रिसर्च बंगलुरु से मनोहर स्वामीनाथन कम्प्यूटेशनल सोच पर अपने विचार प्रस्तुत करेंगे।
बच्चों की सोच को बढ़ाना
सीएस पाठशाला के प्रमुख विपुल शाह ने कम्प्यूटेशनल थिंकिंग के बारे में बताया कि सीटीआईएस एक ऐसा प्रोग्राम है, जहां बच्चों के साथ नए आइडिया साझा किए जाते हैं। इसमें कई स्पीकर्स होते हैं, जो बच्चों को खेल-खेल में विभिन्न जानकारियां देते हैं। बच्चों की सोच किस तरह बढ़ाना है, कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य है। ट्रेनिंग एंड इनीशियेटिव एमजीएस डायरेक्टर अजिंक्य अंबरखाने ने बताया कि ऑनलाइन परिषद में शिक्षकों और विशेषज्ञों द्वारा कम्प्यूटेशनल थिंकिंग की सोच को विकसित करने के लिए आने वाली चुनौतियाें और गतिविधियों पर चर्चासत्र आयोजित किए गए हैं। शिक्षकों के प्रयोगों और संशोधनों के निष्कर्षों को साझा किया जाएगा। सीए पाठशाला की कोर मेम्बर सोनिया गारछा ने कहा कि कम्प्यूटेशनल थिंकिंग के विकास के द्वारा छात्रों में आवश्यक कौशल निखारा जाएगा। सीएस पाठशाला ने 18 वर्चुअल वेबिनार, कार्यशालाओं और प्रशिक्षण कार्यक्रमों के माध्यम से 7 हजार से अधिक शिक्षकों को प्रशिक्षित किया है। कम्प्यूटेशनल थिंकिंग से बच्चे नए आइडिया इनोवेट करेंगे।
Created On :   26 Sept 2021 4:23 PM IST