नहीं जाएगी कंप्यूटर ऑपरेटर की नौकरी, उच्च न्यायायल ने पारित किया आदेश

Computer operators job will not go, High Court passed order
नहीं जाएगी कंप्यूटर ऑपरेटर की नौकरी, उच्च न्यायायल ने पारित किया आदेश
पन्ना नहीं जाएगी कंप्यूटर ऑपरेटर की नौकरी, उच्च न्यायायल ने पारित किया आदेश

डिजिटल डेस्क, पन्ना। याचिकाकर्ता कम्प्यूटर ऑपरेटर द्वारा मध्य प्रदेश शासन के आदेश दिनांक 05 अगस्त २०२१ से बदली हुई शर्तों को चुनौती देते हुए याचिका क्रमांक 12009/2022 प्रस्तुत की गई। जिसमें पन्ना जिले में जन्मे पूर्व कांग्रेस अध्यक्ष भास्कर देव बुंदेला के पुत्र के.एन. बुंदेला द्वारा याचिकाकर्ताओं का पक्ष उच्च न्यायालय जबलपुर में रखा गया। उच्च न्यायालय जबलपुर की मुख्य खंडपीठ में मुख्य न्यायमूर्ति श्री रवि मलिमथ एवं न्यायमूर्ति श्री विशाल मिश्रा की बेंच ने अधिवक्ता श्री बुंदेला की दलीलों को संज्ञान लेते हुए मध्यप्रदेश शासन द्वारा पारित आदेश आदेश दिनांक ०५ अगस्त २०२१ से व्यथित एवं नौकरी से पृथक किए जाने वाले डाटा एंट्री ऑपरेटर वोकेशनल ट्रेनर के पक्ष में अंतरिम आदेश पारित करते हुए राज्य शासन से जवाब तलब किया है। विदित हो कि मध्य प्रदेश शासन के अंतर्गत आउटसोर्सिंग के माध्यम से नियुक्ति एवं कार्यरत वोकेशनल ट्रेनर्स विभिन्न कार्यों में कार्यरत है। दिनांक १७ जुलाई २०२१ को शासन द्वारा नए विज्ञापन निकाल कर नवीन नियुक्तियां करना प्रस्तावित किया गया था।

जिसमें श्री बुंदेला द्वारा याचिका क्रमांक 13717/21 पेश कर विज्ञापन को चुनौती दी गई थी। मुख्य न्यायाधीश मध्य प्रदेश उच्च न्यायालय जबलपुर द्वारा श्री बुंदेला द्वारा प्रस्तुत उक्त याचिका का निराकरण करते हुए मध्यप्रदेश शासन को यह आदेश दिया था कि सभी वोकेशनल ट्रेनर्स के दस्तावेजों एवं अहर्ताओं का वेरिफिकेशन कर अग्रिम कार्यवाही की जाए। याचिका क्रमांक 13717/2021 का पटाक्षेप हो जाने के बाद शासन द्वारा आईटी ट्रेड ने अचानक वेरिफिकेशन के स्तर पर आदेश दिनांक 05 अगस्त २०२१ अहर्ताओं  में भारी संशोधन कर दिए गए। जिससे श्री बुंदेला द्वारा याचिका क्रमांक 12009/2022 प्रस्तुत की गई थी। जिसमें न्यायालय द्वारा  अंतरिम आदेश पारित कर यह आदेश दिया कि कोई भी डाटा एंट्री ऑपरेटर वोकेशनल ट्रेनर याचिका के अंतिम निर्णय पारित होने तक सेवाओं से पृथक नहीं किए जाएंगे साथ ही साथ न्यायालय द्वारा इस बात का भी संज्ञान लिया गया की शासन मूल अहर्ता में संशोधन किए बगैर किसी भी स्तर में कभी भी संशोधन नहीं जारी कर सकते इसलिए प्रथम दृष्टया शासन द्वारा पारित आदेश दिनांक ०5 अगस्त 2021 में उच्च न्यायालय जबलपुर द्वारा रोक लगा दी गई है। 

Created On :   20 Jun 2022 2:42 PM IST

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