पन्ना टाइगर रिजर्व में बाघों की सुरक्षा और निगरानी को लेकर बढी लोगों की चिंतायें

Concerns of people increased regarding the protection and monitoring of tigers in Panna Tiger Reserve
पन्ना टाइगर रिजर्व में बाघों की सुरक्षा और निगरानी को लेकर बढी लोगों की चिंतायें
पन्ना पन्ना टाइगर रिजर्व में बाघों की सुरक्षा और निगरानी को लेकर बढी लोगों की चिंतायें

डिजिटल डेस्क, पन्ना। पन्ना टाईगर रिजर्व में बाघों की आबादी का क्रम जिस नर बाघ पी-१११ से शुरू हुआ था और बाघ पुर्नस्थापना कार्यक्रम को लेकर मनाई गई ठोस रणनीति, बेहतर सुरक्षा प्रबंधन और निगरानी की बदौलत पन्ना टाइगर रिजर्व में शून्य से शुरू हुआ बाघों का सफर ७० से अधिक बाघों तक पहुंच गया। पन्ना टाइगर रिजर्व के बाघ विहीन होने के बाद बाघ पुर्नस्थपना कार्यक्रम में जन्म लेने वाले पहले नर बाघ पी-१११ पर पन्ना टाइगर रिजर्व में बाघ पुर्नस्थापना कार्यक्रम में पसीना बहाने वाले अधिकारियों,  वनकर्मियों, प्रकृतिप्रेमियों एवं जिलेवासियों का प्रेम इस बात से जाहिर हुआ कि नर बाघ पी-१११ का जन्मदिवस हर वर्ष उत्साह के साथ मनाया जाता है। पी-१११ दुनिया का पहला वह बाघ बना जिसके जन्मदिवस मनाने की परम्परा की शुरूआत हुई। उीस नर बाघ पी-१११ की विगत दिनांक ०९ जून २०२२ को संदिग्ध परिस्थितियों में मौत हो गई। बाघ का शव अकोला स्थित राजाबरिया बीट की सडक के किनारे पाया गया। नर बाघ पी-१११ की मौत की जैसे ही वन्य प्राणी एवं प्रकृति प्रेमियों को जानकारी लगी वह गहन शोक में डूब गये। पन्ना टाइगर रिजर्व प्रबंधन द्वारा बाघ की मौत को बीमारी से मौत होने का दावा किया जा रहा है। जिसको लेकर लोगों को विश्वास नहीं हो रहा है। पन्ना टाइगर रिजर्व की शान रहे बाघ पी-१११ की प्रसिद्धि जिस तरह से पूरी दुनिया के वन्य प्राणी एवं प्रकृति प्रेमियों तक पहुंच चुकी थी और पन्ना टाईगर रिजर्व के लिए वह गौरव का विषय रहा परंतु इस बाघ की जिस तरह से सम्मानपूर्वक विदाई होनी चाहिए उसको लेकर भी पन्न टाइगर रिजर्व के प्रबंधन द्वारा संवेदनशीलता नहीं दिखाई गई। बाघ के पोस्टमार्टम के बाद उसे जिस तरह सामान्य प्रक्रिया के अंतर्गत मृत वन्य प्राणियों का अंतिम संस्कार करते हुए जलाया जाता है उसी तरह जला दिया गया। बाघ की अंतिम यात्रा पर उसे पुष्पांजलि तक टाइगर रिजर्व प्रबंधन द्वारा नहीं दी गई। पन्ना टाइगर रिजर्व के गौरव रहे नर बाघ की मौत के बाद उसकी चिता की आग शांत नहीं हुई थी कि पन्ना टाईगर रिजर्व से एक और दुखद जानकारी सामने आई कि बाघिन पी-२३४ के शावक की मौत हो चुकी है। जिसको देर शाम पन्ना टाइगर रिजर्व प्रबंधन द्वारा पुष्टि की गई। पी-२३४ के शावक की मौत की वजह पन्ना टाइगर रिजर्व प्रबंधन किसी बाघ द्वारा उसे मारे जाने की बात कह रहा है परंतु उक्त दोनों बाघों की मौत जिस तरह सामने आई उसके बाद लोगों की चिंतायें इस बात को लेकर बढ गईं हैँ कि पन्ना टाइगर रिजर्व में बाघों क सुरक्षा एवं निगरानी को लेकर पूर्व के वर्षों मे जिस तरह से चाक-चौबंद कडे प्रबंध रहते थे और निगरानी बेहतर तरीके से की जाती थी उसको लेकर अब धीरे-धीरे पन्ना टाइगर रिजर्व के सुरक्षा प्रबंध से जुडे जिम्मेदार ध्यान नहीं दे रहे हैं। टाईगर रिजर्व का सुरक्षा प्रबंधन अब काफी ढीला हो चुका है और लोग इस बात को लेकर भी चिंतित हैं कि जिस तरह पन्ना टाइगर रिजर्व  में जो बडी लापरवाहियां हुईं थीं और एक समय पन्ना उस बुरे दौर में पहुंच गया था जब बाघों की संख्या पन्ना टाइगर रिजर्व में शून्य हो चुकी थी कहीं फिर से वैसी ही स्थिति की शुरूआत तो पन्ना टाइगर रिजर्व के संबध में नहीं हो रही है। लोगों का कहना है कि पन्ना टाइगर रिजर्व में बाघों की जो मौत हुई है उसकी उच्च स्तरीय जांच की जाये साथ ही साथ सुरक्षा व्यवस्था चाक-चौबंद बनाने के लिए सभी जरूरी कदम उठाये जायें। 
बाघिन पी-२३४ के दो शावकों की सुरक्षा को लेकर भी लोग चिंतित
बाघिन पी-२३४ के तीन शावकों में से एक शावक की ०९ जून २०२२ को मौत की जानकारी सामने आ चुकी है। बाघिन के दो अन्य दो शावकों के संबध में भी चर्चाओं के माध्यम से जो जानकारी सामने आ रहीं हैं बीते दो दिनों से वह दिखाई नहीं दे रहे हैं। जिसके चलते लोग दोनों शावकों की सुरक्षा को लेकर चिंतित हैं। जानकारी के अनुसार बाघिन पी-२३४ के एक मादा शावक की लगभग डेढ साल पहले सडक र्दुघटना में मौत हुई थी उस दुखद हादसे को भी लोग अभी तक भूले भी नहीं हैं। पन्ना टाइगर रिजर्व में जिस तरह से दुखद घटनायें सामने आ रहीं हैं उससे आमजनों की भी चिंतायें बढती जा रहीं हैं। बताया जा रहा है कि गर्मी के समय पन्ना टाइगर रिजर्व में वन्य प्राणियों को भीषण जल संकट का सामना करना पड रहा है। टैंकरो से पहुंचाया जाने वाला पानी भी समय से सभी क्षेत्रों तक नहीं पहुंच पा रहा है। पानी उपलब्ध नहीं होने पर प्यासे वन्य प्राणी पानी की तलाश में भटक रहे हैं और किसी स्थान पर बाघों के कुनबे के एकत्रित होने से उनमें आपसी संघर्ष की आशंकायें बनीं हुईं हैं।

Created On :   13 Jun 2022 5:53 PM IST

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