नर्मदा परिक्रमा : दिग्विजय सिंह को सता रहा है धोती-लुंगी उतरने का डर

Congress leader digvijay singh narmada parikrama in MP and gujarat
नर्मदा परिक्रमा : दिग्विजय सिंह को सता रहा है धोती-लुंगी उतरने का डर
नर्मदा परिक्रमा : दिग्विजय सिंह को सता रहा है धोती-लुंगी उतरने का डर

डिजिटल डेस्क, भोपाल। कांग्रेस पार्टी के वरिष्ठ नेता और एमपी के पूर्व मुख्यमंत्री शनिवार से पवित्र नर्मदा नदी की 3,300 किलोमीटर लंबी परिक्रमा करने निकलेंगे। इस दौरान उन्हें अपनी और अपने साथियों की धोती (लुंगी) उतरने का डर सता रहा है। यह हम नहीं बल्कि दिग्विजय सिंह खुद कह रहे हैं। शुक्रवार को स्वच्छ भारत कैंपेन पर चुटकी लेते हुए दिग्विजय ने कहा, ""मैं नहीं चाहता हूं कि परिक्रमा के वक्त कोई मेरी या साथियों की धोती (लुंगी) उतारे।""

दरअसल दिग्विजय ने यह बयान झारखंड सरकार की एक मुहिम पर तंज कसते दिया है। पिछले दिनों झारखंड की राजधानी रांची में नगर निगम ने लोगों को खुले में शौच से रोकने के लिए अजीबोगरीब "हल्ला बोल लुंगी खोल" मुहिम चलाई थी।

जानकारी के अनुसार 70 वर्षीय दिग्विजय सिंह ने राजनीति से ब्रेक लेकर 6 महीने की नर्मदा परिक्रमा करने का फैसला लिया है। परिक्रमा के दौरान उन्होंने मध्य प्रदेश सरकार से कुछ सुविधाओं की मांग की थीं, इनमें से मोबाइल टॉयलेट की मांग पूरी नहीं हुई। यही कारण है कि उन्होंने झारखंड की उस "हल्ला बोल लुंगी खोल" मुहिम पर तंज कसते हुए बयान दिया है।

दिग्विजय ने कहा, ""परिक्रमा के वक्त मोबाइल टॉयलेट की मांग पर अब तक राज्य सरकार ने कोई साफ जवाब नहीं दिया। मैंने इसके लिए मुख्यमंत्री और चीफ सेक्रेटरी को लेटर लिखा था। सिर्फ अंडर सेक्रेटरी ने बताया कि आपकी मांग संबंधित विभाग के पास भेज दी गई है। राज्य में प्रोटोकॉल को लेकर ये स्थिति है।"" कहा कि ""मुझे स्वच्छता को लेकर काफी चिंता है, क्योंकि आज के दौर में कुछ भी हो सकता है। देश में राजनीतिक हथौड़ा चल रहा है। स्वच्छ भारत अभियान के नाम पर कोई भी तुगलकी फरमान जारी कर रहा है।""

वहीं एमपी के मंत्री लाल सिंह आर्य ने कहा कि पूर्व मुख्यमंत्री होने के नाते उन्हें प्रोटोकॉल के हिसाब से सभी सुविधाएं मिलती ही हैं। लेकिन परिक्रमा और भक्ति आस्था के साथ की जाती है, सुख-सुविधाओं के साथ नहीं। जब नर्मदा किनारे के सभी गांव ओडीएफ हैं तो दिग्विजय को मोबाइल टॉयलेट की क्या जरूरत है। सरकार ने इसे छोड़कर उनकी सभी मांगे मानी हैं।

  • दिग्विजय सिंह की नर्मदा परिक्रमा दो राज्यों की 130 विधानसभाओं से गुजरेगी।
  • परिक्रमा के दौरान वह मध्य प्रदेश की 110 और गुजरात की 20 विधानसभाओं से होकर गुजरेंगे।
  • गुजरात में इस साल के आखिर में असेंबली इलेक्शन है।
  • सबसे पहले दिग्विजय नरसिंहपुर जिले के बरमान घाट पर अपने गुरु शंकराचार्य स्वामी स्वरूपानंद सरस्वती का आशीर्वाद लेंगे।
  • शंकराचार्य ने ही दिग्विजय को नर्मदा परिक्रमा का आइडिया दिया है।
  • पहला मौका होगा, जब दिग्विजय सिंह राधौगढ़ किले में दशहरा पर्व के दिन मौजूद नहीं रहेंगे।

Created On :   29 Sept 2017 8:45 PM IST

और पढ़ेंकम पढ़ें
Next Story