- Home
- /
- राज्य
- /
- महाराष्ट्र
- /
- नागपुर
- /
- कांग्रेस में शुरु हुआ मनोमिलन...
कांग्रेस में शुरु हुआ मनोमिलन अभियान, तो बूथ कमेटियों से घर-घर पहुंचने की जुगत भिड़ा रही भाजपा
डिजिटल डेस्क, नागपुर। एक तरफ कांग्रेस में मनोमिलन शुरु हो गया है, तो दूसरी तरफ बीजेपी ने बूध मजबूत करने को लेकर तैयारियां शुरु कर दी है। उपराजधानी में कांग्रेस का लोकसभा चुनाव को लेकर मनोमिलन का अभियान शुरु हो गया है। प्रमुख गुटों के नेताओं से मुलाकात की जा रही है। असंतुष्ट गुट में गिने जानेवाले नितीन राऊत के समर्थकों की सोमवार को ही एक बैठक हुई है। कांग्रेस से बाहर हुए सतीश चतुर्वेदी के समर्थक खुलकर सामने नहीं आ रहे हैं। इस बीच शहर राकांपा के कार्यकर्ताओं को भी चुनाव कार्य में जुटाने का प्रयास किया जा रहा है। राकांपा नेताओं के साथ कांग्रेस नेताओं की फिलहाल कोई बैठक तक नहीं हो पायी है। दावा किया जा रहा है कि 24 मार्च तक मनोमिलन अभियान चलेगा। 25 को नामांकन फार्म भरा जाएगा
राज्य में 8 करोड़ 73 लाख 30 हजार 484 मतदाताओं में से 4 करोड़ 16 लाख 25 हजार 819 महिला मतदाता हैं। महिला मतदाताओं की अहमियत को समझते हुए पार्टी ने बूथ समिति में 5 से अधिक महिलाओं को शामिल किया है। महिला मतदाताओं को पार्टी से जोड़ने के लिए बूथ समिति की महिला सदस्यों और महिला मोर्चा की तरफ से मातृत्व सम्मेलन, उद्यमिता सम्मेलन का आयोजन किया जा रहा है।
उधर मुंबई में लोकसभा चुनाव को लेकर भाजपा अपने बूथ कार्यकर्ताओं के जरिए मतदाताओं तक पहुंचने की तैयारी में जुटी है। प्रदेश में कुल 95,473 बूथ हैं। इसमें से भाजपा ने लगभग 90 हजार जगहों पर बूथ समितियों का गठन कर दिया गया है। पार्टी की एक बूथ समिति में 25 कार्यकर्ताओं को जोड़ा गया है। पार्टी ने बूथ समिति के जरिए घर-घर मतदाताओं तक पहुंचने की व्यवस्था तैयार की है। प्रदेश में लगभग 1 करोड़ 19 लाख युवा मतदाता हैं। युवा मतदाताओं को साधने के लिए बूथ समिति में प्रथम 5 सदस्य के रूप में युवाओं को शामिल किया गया है। सोमवार को भाजपा के बूथ समन्वय समिति के प्रमुख तथा विधायक डॉ. रामदास आंबटकर ने ‘दैनिक भास्कर’ से बातचीत में कहा कि लोकसभा चुनाव के लिए बूथ कार्यकर्ताओं को प्रशिक्षण दिया गया है। इसके साथ ही पार्टी ने राज्य में 672 मंडल बनाए हैं। पांच बूथ को मिलाकर एक शक्ति केंद्र प्रमुख बनाया गया है। 19 हजार शक्ति केंद्र प्रमुखों के पास बूथ कार्यकर्ताओं तक पार्टी के चुनावी कार्यक्रम को पहुंचाने की जिम्मेदारी दी गई है। इसके अलावा पार्टी के वॉर रूम से सीधे बूथ समिति के कार्यकर्ताओं को लगातार सक्रिय रखा जा रहा है।
सतीश चतुर्वेदी के समर्थक फिलहाल सक्रिय नजर नहीं आ रहे है। चतुर्वेदी को पार्टी से बाहर कर दिया गया है। हालांकि चतुर्वेदी का कहना है कि वे कांग्रेस कार्यकर्ता है। जहां भी मौका मिलेगा वे कांग्रेस के लिए काम करेंगे। लेकिन राजनीतिक स्थिति कुछ ऐसी है कि कोई भी कांग्रेस के समर्थन में चतुर्वेदी के साथ न तो खुलकर बैठक कर पा रहा है न ही किसी कार्यक्रम का नियोजन किया जा रहा है। रविवार को पूर्व मुख्यमंत्री सुशील शिंदे चंद्रपुर दौरे पर थे। किताब विमोचन कार्यक्रम के सिलसिले में वे आए थे। वर्धा मार्ग के होटल में शिंदे से मिलने के लिए चतुर्वेदी पहुंचे। वे शिंदे के साथ चंद्रपुर दौरे पर भी गए थे। इस मामले में चतुर्वेदी ने फिलहाल कुछ नहीं कहा है। शिंदे के नेतृत्व की सरकार में चतुर्वेदी मंत्री थे। लिहाजा वे कह सकते हैं कि पुराने संबंधों के चलते वे शिंदे के साथ चंद्रपुर दौरे पर गए थे। लेकिन चतुर्वेदी समर्थक एक पदाधिकारी के अनुसार कुछ राजनीतिक मार्ग निकल सकता है। चतुर्वेदी खुलकर काम नहीं करेंगे तो उनके समर्थकों को भी काम करने में दिक्कत होगी। उधर पूर्व मंत्री अनीस अहमद भी शहर की राजनीति में कहीं नजर नहीं आ रहे है। उनके समर्थकों में अतुल कोटेचा, जुल्फिकार भुट्टो जैसे नाम गिनाए जाते रहते हैं। फिलहाल ये पदाधिकारी कांग्रेस के कार्यक्रमों में शामिल रहते हैं।
क्या कहते हैं नेता
चुनाव को लेकर ताजा मामले पर सतीश चतुर्वेदी ने कुछ भी कहने से इनकार किया है। उन्होंने कहा है कि वे कांग्रेस कार्यकर्ता बने रहेंगे। शिंदे के साथ चंद्रपुर दौरा राजनीतिक नहीं था। कांग्रेस के प्रदेश प्रवक्ता अतुल लोंढे ने कहा है कि पटोले की उम्मीदवारी के बाद नेताओं में गुट नहीं रह गया है। सभी नेता अपने अपने स्तर पर काम कर रहे हैं।
नितीन राऊत के बारे में कहा जा रहा था कि वे कांग्रेस से नाना पटोले की उम्मीदवारी के समर्थन में नहीं है। हालांकि राऊत ने बयान जारी कर कहा था कि किसी तरह का विरोध या असंतोष नहीं है। लेकिन पटोले की उम्मीदवारी घोषित होने के बाद भी वे उनके साथ नजर नहीं आए थे। पटोले के समर्थन में रविवार को देवडिया भवन में शहर कांग्रेस की बैठक हुई उसमें गुटबाजी के प्रभाव को इनकार नहीं किया जा रहा था। मनपा के नेता प्रतिपक्ष तानाजी वनवे भी उस बैठक में शामिल नहीं हो पाए थे। विलास मुत्तेमवार व विकास ठाकरे समर्थकों की बैठक ही मानी गई। इस बीच राऊत सामने आए। उन्होंने उत्तर नागपुर में अपने समर्थक कार्यकर्ताओं की बैठक ली। बैठक में नाना पटोले को भी बुलाया गया।
Created On :   18 March 2019 9:57 PM IST