गठबंधन बचाने सावरकर पर बोलने से अब बचेगी कांग्रेस -पवार की सलाह और राऊत की दो टूक के बाद नरमी

Congress will now be saved from speaking on Savarkar to save the alliance - after Pawars advice and Rauts bluntness
गठबंधन बचाने सावरकर पर बोलने से अब बचेगी कांग्रेस -पवार की सलाह और राऊत की दो टूक के बाद नरमी
बदली पॉलिसी गठबंधन बचाने सावरकर पर बोलने से अब बचेगी कांग्रेस -पवार की सलाह और राऊत की दो टूक के बाद नरमी

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। कांग्रेस नेता राहुल गांधी और कांग्रेस पार्टी अब विनायक दामोदर सावरकर को खुलकर निशाने पर लेने से बचेंगे। शिवसेना उद्धव गुट के दबाव के बाद पार्टी ने यह तय किया है कि वीर सावरकर को लेकर सार्वजनिक मंचों से कोई टीका-टिप्पणी नहीं की जाएगी। महाराष्ट्र विकास आघाड़ी (मविआ) पर मंडराते खतरे को भांपकर कांग्रेस को यह रूख अख्तियार करना पड़ा है। दरअसल महाराष्ट्र की सियासत में सावरकर के महत्व को देखते हुए शिवसेना उद्धव गुट सावरकर पर राहुल के आक्रामण से काफी असहज है। न केवल शिवसेना उद्धव गुट बल्कि राकांपा भी सावरकर पर बयानबाजी के पक्ष में नहीं है। यही वजह रही कि सोमवार को कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे के आवास पर विपक्षी दलों के नेताओं की रात्रिभोज पर हुई बैठक में राकांपा सुप्रीमों शरद पवार ने सावरकर पर हुई बयानबाजी को अनावश्यक बताते हुए कांग्रेस को इस मसले पर अपना रूख नरम रखने की सलाह दी। सावरकर को निशाना बनाने से महाराष्ट्र में विपक्षी एकता पर असर पड़ने की संभावना जताते हुए राकांपा सुप्रीमों ने कहा कि हमारी असली लड़ाई भाजपा और प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी से है, न कि सावरकर से। शिवसेना उद्धव गुट इस बैठक से नदारद थी। 

राहुल गांधी से मिले संजय राउत

जानकारी के मुताबिक शिवसेना उद्धव गुट के सांसद संजय राउत ने भी मंगलवार को राहुल गांधी से मुलाकात कर इस मसले पर उद्धव ठाकरे की नाराजगी से उन्हें अवगत कराया। राउत ने कहा कि सावरकर पर आक्रामकता ठीक नहीं है। सूत्र बताते हैं कि पवार की नसीहत और राउत की दो टूक के बाद कांग्रेस ने कहा है कि भविष्य में सावरकर पर बयान देने से परहेज किया जाएगा। बता दें कि राहुल गांधी ने संवाददाताओं के साथ बातचीत में कहा था कि वह सावरकर नहीं, गांधी हैं और गांधी माफी नहीं मांगते। भाजपा ने उनके इसी बयान को वीर सावरकर का अपमान बताते हुए आक्रामक रूख अख्तियार कर लिया है। एकनाथ शिंदे गुट वाली शिवसेना ने तो पूरे महाराष्ट्र में यात्राा निकालने की भी घोषणा की है। ऐसे में शिवसेना उद्धव गुट के साथ राकांपा में भी बेचैनी बढ़ी और आनन-फानन में मविआ को बचाने के लिए शरद पवार को मोर्चा संभालना पड़ा। 

Created On :   28 March 2023 7:55 PM IST

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