दिव्यांग छात्रा को विशेष आरक्षण देकर सिविल जज पद पर नियुक्ति पर विचार किया जाए

Consideration should be given for appointment to the post of civil judge by giving special reservation
दिव्यांग छात्रा को विशेष आरक्षण देकर सिविल जज पद पर नियुक्ति पर विचार किया जाए
दिव्यांग छात्रा को विशेष आरक्षण देकर सिविल जज पद पर नियुक्ति पर विचार किया जाए

डिजिटल डेस्क जबलपुर ।  मप्र हाईकोर्ट ने एससी वर्ग की दिव्यांग छात्रा को विशेष आरक्षण का लाभ देकर सिविल जज पद की नियुक्ति पर विचार करने का आदेश दिया है।  चीफ जस्टिस मोहम्मद रफीक और जस्टिस विजय कुमार शुक्ला की डिवीजन बैंच ने अपने आदेश में कहा है कि संविधान के अनुच्छेद 16 (4) के तहत एससी, एसटी और ओबीसी को क्षैतिज आरक्षण दिया जा सकता है, लेकिन शारीरिक रूप से दिव्यांग के पक्ष में अनुच्छेद 16 (1) के अंतर्गत उध्र्वाकार आरक्षण का लाभ दिया जा सकता है। डिवीजन बैंच ने स्पष्ट किया है कि दिव्यांगों के अधिकार अधिनियम 2016 की मंशा भी दिव्यांगों की सहायता करना है
अवधपुरी भोपाल निवासी छात्रा सरोज डेहरिया की ओर से दायर याचिका में कहा गया है कि वह एससी वर्ग की दिव्यांग है। वह वर्ष 2018 में सिविल जज की परीक्षा में शामिल हुई थी। उसे 224 अंक मिले थे, जबकि एससी वर्ग में कट ऑफ मॉक्र्स 228 थे। इसके कारण वह बहुत ही कम अंक से चयनित होने से वंचित रह गई। अधिवक्ता संकल्प कोचर ने तर्क दिया कि दिव्यांगों के लिए 6 प्रतिशत आरक्षण का प्रावधान किया गया है, लेकिन याचिकाकर्ता को विशेष आरक्षण का लाभ दिया जाना चाहिए। सुनवाई के बाद डिवीजन बैंच ने विशेष आरक्षण का लाभ देते हुए याचिकाकर्ता को सिविल जज के पद पर नियुक्ति देने का आदेश दिया है। राज्य सरकार की ओर से उप महाधिवक्ता आशीष आनंद बर्नाड और हाईकोर्ट प्रशासन की ओर से अधिवक्ता पीयूष धर्माधिकारी ने पक्ष प्रस्तुत किया।

Created On :   27 July 2021 9:19 AM GMT

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