घुमावदार हो रहा हाइवे बाईपास सड़क का निर्माण -10 किमी में कई अंधे मोड़

Construction of curved highway bypass road - 10 km many blind turns
घुमावदार हो रहा हाइवे बाईपास सड़क का निर्माण -10 किमी में कई अंधे मोड़
घुमावदार हो रहा हाइवे बाईपास सड़क का निर्माण -10 किमी में कई अंधे मोड़

डिजिटल डेस्क शहडोल । शहडोल की सीमा से होकर गुजरी नेशनल हाइवे क्रमांक 43 में बाइपास का निर्माण कराया जा रहा है। शहडोल-रीवा मार्ग से राजाबाग के पास क्रास होकर सोहागपुर थाना के सामने से होकर बुढ़ार रोड तक ग्राम जमुआ के पास मिलने वाली करीब 10 किलोमीटर लंबी बाइपास रोड में अनेकों स्थान पर घुमाव व टर्न दिया जा रहा है। जो हादसों का कारण बन सकता है। हाइवे के निमयों के अनुसार सड़क का निर्माण सीधा होना चाहिए, ताकि इस रोड पर वाहन 80 से 100 किलोमीटर की रफ्तार से आसानी से निकल सकें। लेकिन हाइवे निर्माण में जिस प्रकार से घुमाव व टर्न दिया जा रहा है उससे स्पीड तो कम होगी ही साथ ही हादसों की आशंका भी बनेगी। सड़क निर्माण एमपीआरडीसी द्वारा ठेकेदार के माध्यम से करवाया जा रहा है। यह रोड उमरिया से होते हुए शहडोल को छूकर अनूपपुर को जोड़ती है।
मोड़ पर ही कनेक्टिविटी
बाईपास रोड को ग्राम जमुआ के पास मेन रोड से कनेक्टिवटी दी जा रही है। जो टर्निंग पर ही है। गुरुआश्रम के पास एक शो रूम है, इसके बगल से बाईपास को जोड़ा जा रहा है। शहर की ओर से आने वाले वाहनों की स्पीड जरा सी अनियंत्रित हुई तो बाईपास की आरे से आने वाले वाहनों से टकराने की आशंका बनी रहेगी। इसी प्रकार इसके पहले सेंट अलायसिस स्कूल के पीछे से होकर गुजरी बाईपास रोड को अनावश्यक रूप से मोड़ा गया है, जबकि सीधी रोड के लिए पर्याप्त जगह मौजूद है। इसी प्रकार आधा दर्जन स्थानों पर रोड घुमावदार दिख रही है।
तय आउटलाइन का पालन नहीं
हाइवे के बाईपास निर्माण में तय आउटलाइन का पालन नहीं करने के भी आरोप लगाए जा रहे हैं। सेंट अलायसिस स्कूल प्रबंधन द्वारा कमिश्नर व जिला प्रशासन के नाम आवेदन में उल्लेख किया गया है कि पूर्व में खसरा नंबर 397 के अंश रकवे को अधिगृहीत कर सीमा चिन्ह निर्धारित कर दिया गया था। आउटलाइन भी बनाई गई। लेकिन ठेकेदार द्वारा आए दिन उस आउटलाइन को इधर-उधर किया जा रहा है। जबकि सीमांकन कराया जा चुका है। 50 फिट स्कूल की जमीन पर सड़क बनाई जा रही है, जबकि पहले ही स्कूल द्वारा जगह छोड़ी जा चुकी है।
क्या कहते हैं एक्सपर्ड
सेवा निवृत्त इंजीनियर महेंद्र शुक्ला कहते हैं कि यदि बात हाइवे की हो तो तय मापदण्डों के अनुसार ही सड़क निर्माण होना चाहिए, जिसमें जरूरत से ज्यादा टर्न व घुमाव नहीं होना चाहिए। क्योंकि इससे हादसों की आशंका बनी रहती है। विशेष परिस्थितियों जैसे तालाब आदि के बीच में आने पर नियमानुसार टर्न व घुमाव होना चाहिए। ऐसा नहीं होने का खामियाजा रीवा-अमरकंटक स्टेट हाइवे में भुगतना पड़ रहा है। कोनी तिराहा, जयसिंहनगर के पास बंधा बाजार मोड़, ब्यौहारी के आगे ऐसे स्थान हैं जहां आए दिन दुर्घटना होती है। यदि एनएच में निमयों का पालन नहीं किया जाता तो यहां भी हादसे हो सकते हैं।
इनका कहना है
बाईपास निर्माण अभी शुरुआती चरण में है। कांक्रीट निर्माण होगा। कई स्थानों पर अतिक्रमण भी हटने हैं। अंतिम समय तक घुमावदा व टर्न की समस्या यदि कहीं है तो उसे दूर कराया जाएगा।
एनके बर्वे, प्रबंधक एमपीआरडीसी
 

Created On :   12 Feb 2020 3:28 PM IST

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