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अदालत से अनुमति के बाद तीन साल में पूरा होगा शिवाजी महाराज स्मारक का निर्माण कार्य
डिजिटल डेस्क, मुंबई। अरब सागर में बनने वाले छत्रपति शिवाजी महाराज के स्मारक का निर्माण कार्य निर्धारित तीन साल से भी कम समय में पूरा करने की कोशिश की जाएगी। विधान परिषद में प्रदेश के सार्वजनिक निर्माण कार्य मंत्री अशोक चव्हाण ने यह आश्वासन दिया है। सोमवार को ध्यानाकर्षण प्रस्ताव के जरिए सदन में विपक्ष के नेता प्रवीण दरेकर ने शिवस्मारक के निर्माण कार्य शुरू करने का मुद्दा उठाया था। इसके जवाब मेंचव्हाण ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट के आदेश के अनुसार स्मारक का मामला फिलहाल बाम्बे हाईकोर्ट में है। जिस दिन अदालत से निर्माण कार्य शुरू करने की अनुमति मिलेगी। उस दिन सेतीन साल से भी कम समय में निर्माण कार्य पूरा करने की कोशिश की जाएगी। चव्हाण ने कहा कि सरकार हाईकोर्ट में तत्काल शिवस्मारक के मामले की सुनवाई शुरू करवाने के लिए प्रयास कर रही है। सरकार के विभिन्न 9 विभागों की ओर से अदालत में हलफनामा दाखिल किया जाएगा। चव्हाण ने बताया कि तत्कालीन भाजपा सरकार ने 19 अक्टूबर 2018 को शिवस्मारक को तीन साल में पूरा करने के लिए वर्क ऑडर दिया था।
इस बीच भाजपा समर्थित सदस्य विनायक मेटे ने शिवस्मारक के लिए एल एंड टी कंपनी को दिए गए ठेके का एक साल के लिए विस्तार करने पर सवाल उठाया। इस पर चव्हाण ने कहा कि तत्कालीन भाजपा सरकार ने 2018 में एल एंड टी को तीन साल के लिए 2581 करोड़ रुपए का ठेका दिया था। कंपनी की ठेके की अवधि बीते 18 अक्टूबर को खत्म हो गई थी। इसलिए सरकार ने कंपनी के ठेके की अवधि को एक साल के लिए बढ़ाया है। लेकिन इसके लिए कंपनी को कोई अतिरिक्त राशि नहीं देनी होगी। इस दौरान भाजपा सदस्य प्रसाद लाड ने शिवस्मारक का कार्यालय बंद होने का मुद्दा उठाया। इस पर चव्हाण ने कहा कि स्मारक का निर्माण कार्य बंद है। यह मामला फिलहाल अदालत में है। ऐसी स्थिति में कार्यालय में जाकर क्या करना है? कार्यालय में बिना काम के कर्मचारियों को बिठाकर केवल वेतन देना चाहिए क्या? चव्हाण ने कहा कि आवश्यकता पड़ने पर दोबारा कार्यालय शुरू कर दिया जाएगा।
Created On :   27 Dec 2021 8:01 PM IST