इफको टोकियो से उपभोक्ता प्रताडि़त - इंश्योरेंस क्लेम न देने के कई हथकंडे अपना रहे

Consumer harassed by IFFCO Tokio - adopting many tactics to not pay insurance claim
इफको टोकियो से उपभोक्ता प्रताडि़त - इंश्योरेंस क्लेम न देने के कई हथकंडे अपना रहे
इफको टोकियो से उपभोक्ता प्रताडि़त - इंश्योरेंस क्लेम न देने के कई हथकंडे अपना रहे

जिला अस्पताल से रिपोर्ट को सत्यापित कराने पर आईसीएमआर भेजा जाता है और जब आईसीएमआर का रेफरल ले आएँ तो भी टालमटोल1 आरटीपीसीआर की प्रमाणित रिपोर्ट को भी मानने तैयार नहीं कंपनी 
डिजिटल डेस्क जबलपुर ।
कोरोना से पीडि़त होने पर जितनी इलाज को लेकर जद््दोजहद थी उससे कहीं ज्यादा मशक्कत अब हेल्थ इंश्योरेंस करा चुके लोगों को क्लेम पाने को लेकर करना पड़ रही है। कंपनियाँ  क्लेम न देना पड़े इसके लिए तरह-तरह के हथकड़े अपना रही हैं। जबलपुर में इफको टोकियो हेल्थ इंश्योरेंस कंपनी के दर्जनों मामले हैं जिसमें यह देखा जा रहा है कि कंपनी को क्लेम न देना पड़े इसके लिए हद दर्जे तक उपभोक्ताओं के प्रमाणों को झूठा साबित किया जा रहा है। कुछ केसों में  आरटीपीसीआर (रिवर्स ट्रांसक्रिप्शन पालीमर्स चेन रियेक्शन) रिपोर्ट को स्वीकार नहीं कर रही है। आरटीपीसीआर जाँच पीडि़त के शरीर में वायरस की मौजूदगी का सबसे बड़ा प्रमाण होती है। यह सटीक जाँच है जिसको झुठलाया नहीं जा सकता है।   शहर में आधा दर्जन से अधिक पीडि़तों ने कलेक्टर को दी शिकायत में कहा है कि कंपनी रैपिड एंटीजन टेस्ट की तरह ही आरटीपीसीआर रिपोर्ट को भी कई केस में स्वीकार नहीं कर रही है। पीडि़तों का कहना है कि कंपनी का रिपोर्ट को स्वीकार न करने का दावा उन्हें बेहद पीड़ा पहुँचा रहा है। इससे बेहतर चिकित्सकीय प्रमाण और क्या लाया जा सकता है। एक्सरे जाँच, सीटी स्कैन बाद की जाँचें हैं पहले तो आदमी आरटीपीसीआर ही कराता है।
क्लेम न देने के कई हथकंडे अपना रहे
पीडि़तों ने शिकायत में बताया कि रोगी के मोबाइल नंबर पर जो आईसीएमआर की स्पेसीमेन रिफरल कोविड रिपोर्ट आती है कहा जाता है िक डिस्ट्रिक्ट हॉस्पिटल से प्रमाणित करा दें। जब यह रिपोर्ट प्रमाणित करा दी जाती है तो कहा जाता है आईसीएमआर की रिपोर्ट लाएँ। आईसीएमआर कोई अलग से रिपोर्ट जारी नहीं करता है। आईसीएमआर हेल्थ विभाग जो नमूने भेजता है उसकी रिपोर्ट बनाकर हेल्थ विभाग को देता है उसमें उल्लेख निगेटिव और पॉजिटिव का होता है, अलग से रिपोर्ट नहीं बनाता है। क्लेम को टाला जाए इसलिए आईसीएमआर की शर्त रख दी जाती है। उपभोक्ताओं का कहना है कि कंपनी का रवैया एकदम आश्चर्यजनक है, आखिर क्लेम न देना पड़े इसके लिए क्या-क्या हथकड़े अपनाये जा रहे हैं।
मामला सीधे तौर पर खारिज 
इफको टोकियो ने पिछले दो माह में शहर के एक दर्जन से अधिक क्लेम केसों को चिकित्सकीय रिपोर्ट में शंका जाहिर करते हुये खारिज कर दिया। अब ये उपभोक्ता बीमा लोकपाल और जनसुनवाई के बाद सीएम हेल्पलाइन में शिकायत कर रहे हैं। कोविड कवच पॉलिसी का क्लेम न मिलने से परेशान नरेश कुमार कहते हैं कि कंपनी अब चिकित्सकीय पहलू जो क्लेम के लिए सबसे जरूरी होता है उसको भी नजरअंदाज करना शुरू कर दिया है यह बहुत ही दुर्भाग्यपूर्ण है।

Created On :   8 Jun 2021 4:31 PM IST

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