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कोरोना संकट - सामने आ रहा अमानवीय चेहरा ,टेस्ट निगेटिव फिर भी भूखा-प्यासा सड़कों पर घूमने की मजबूरी
डिजिटल डेस्क जबलपुर ।सोमवार की सुबह करीब 8 बजे सुपर मार्केट के पास एक अधेड़ उम्र का व्यक्ति एक दुकान के किनारे बैठकर चिल्लाते हुए लोगों से मदद की गुहार लगाने लगा। आवाजें सुनकर क्षेत्र के कुछ युवक व्यक्ति के पास पहुँचे तो उसकी हालत देखकर उन्हें शक हुआ कि वह कोरोना संक्रमित मरीज हो सकता है, इसके बाद क्षेत्र में दहशत का माहौल िनर्मित हो गया। इसी बीच मदद माँगने वाले ने कहा कि वह तीन िदन से भूखा है, जिस पर उसके पास सबसे पहले पहुँचे रम्बल िवश्वकर्मा ने खाने का पैकेट और पानी दिया। इसी बीच उसने शर्ट की जेब से एक पर्ची िनकालकर फेंकी और बताया िक वह खंडवा जिले का रहने वाला गोविंद िसंह बघेल है। रम्बल ने दूर से मोबाइल पर पर्ची की तस्वीर ली जिसे पढऩे पर पता चला कि पर्ची िवक्टोरिया अस्पताल की है, जहाँ गोविंद के शहर आने के बाद उसका कोरोना टेस्ट हुआ था। हालाँकि गोविंद की िरपोर्ट िनगेटिव थी लेकिन उसे सस्पेक्टेड मानकर घर पर ही 14 िदन के लिए क्वारेंटाइन रहने के लिए कहा गया था। खाना खाते हुए गोविंद ने बताया िक वह त्रिमूर्ति नगर स्थित िप्रंिटंग प्रेस में बुक बाइंडिंग का काम करता है। करीब एक सप्ताह पूर्व वह खंडवा से शहर आया था, दूसरे शहर से आने के कारण उसे िवक्टोरिया अस्पताल भिजवाया गया था। विक्टोरिया अस्पताल में दो िदन रहने के बाद टेस्ट िरपोर्ट िनगेटिव आने पर डॉक्टरों ने उसे घर पर 14 िदन के लिए क्वारेंटाइन रहने की सलाह देकर वापस भेज िदया था। लेकिन जब वह अपने मालिक के पास पहुँचा तो उन्होंने गोदाम में रहने के लिए मना कर िदया और इसी वजह से वह िपछले तीन िदन से शहर में भटक रहा था। गोविंद के अनुसार उसने तीन िदन से कुछ खाया भी नहीं था जिससे कमजोरी होने के कारण वह सुपर मार्केट में दुकान किनारे बैठ गया था। इसी बीच एम्बुलेंस के साथ मेडिकल टीम पहुँची और िफर गोविंद को सुखसागर अस्पताल ले जाया गया।
Created On :   28 April 2020 2:35 PM IST