कोरोना संक्रमित गर्भवती महिलाओं को हाइपर टेंशन का खतरा

Corona infected pregnant women are at risk of hypertension
कोरोना संक्रमित गर्भवती महिलाओं को हाइपर टेंशन का खतरा
अध्ययन में हुआ खुलासा कोरोना संक्रमित गर्भवती महिलाओं को हाइपर टेंशन का खतरा

डिजिटल डेस्क, मुंबई, मोफीद खान. कोरोना ने सभी वर्गों को प्रभावित किया है। इसका खासा असर संक्रमित गर्भवती महिलाओं में देखने को मिला है। कोरोना की तीनों लहरों में संक्रमित हुई गर्भवती महिलाओं पर किये गए एक अध्ययन में एक बात सामने आयी है। इस अध्ययन में यह पाया गया कि बिना लक्षणवाली गर्भवती महिलाओं की तुलना में लक्षणवाली गर्भवती महिलाओं में उच्च रक्तचाप आठ गुना अधिक पाया गया है। यह अध्ययन भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद (आईसीएमआर) ने किया है। इस अध्ययन में मुंबई सहित राज्य के 18 मेडिकल कॉलेजों को शामिल किया गया था। बता दें कि कोरोना महामारी शुरू होने पर इंग्लैंड में एक अध्ययन प्रकाशित हुआ था। इस अध्ययन में यह बताया गया कि कोरोना काल में गर्भवती महिलाओं में उच्च रक्तचाप खतरनाक साबित हो सकता है। लेकिन उन्होंने लक्षणों के अनुसार अध्ययन नहीं किया था। इसके अलावा,उन्होंने शुरुआत गर्भकालीन उच्च रक्तचाप और देर से शुरू होने वाले गर्भकालीन उच्च रक्तचाप पर शोध नहीं किया था। इसलिए आईसीएमआर ने तीनों लहर में इलाज के लिए अस्पतालों में भर्ती गर्भवती महिलाओं की रिपोर्ट के आधार पर एक अध्ययन किया। इसमें मुख्य रूप से गर्भावस्था में शुरुआती और देर से शुरू होने वाले उच्च रक्तचाप के प्रसार की जांच की गई और साथ ही साथ कोरोना के लक्षणों के साथ इसके संबंध का भी अध्ययन किया गया

इन गर्भवती महिलाओं पर अध्ययन 

आईसीएमआरने कोरोना संक्रमित 1,929 गर्भवती महिलाओं पर अध्ययन किया गया था।ये महिलाएं 20 सप्ताह की गर्भवती थी। यह अध्ययन 4 अप्रैल 2020 से 24 फरवरी 2022 तक किया गया था।

इस तरह किया गया निदान
गर्भावस्था में जल्दी शुरू होने वाला उच्च रक्तचाप गर्भावस्था के 34 सप्ताह से पहले होता है और देर से शुरू होने वाले उच्च रक्तचाप का निदान 34 सप्ताह के बाद किया जाता है।

अध्ययन का निष्कर्ष
इस अध्ययन के अनुसार, प्रारंभिक गर्भावधि उच्च रक्तचाप का प्रसार 11.4 प्रतिशत था और देर से शुरू होने वाला उच्च रक्तचाप 5.6 प्रतिशत था। इसके साथ ही जिन महिलाओं में कोरोना के लक्षण थे, उनमें उच्च रक्तचाप बिना लक्षणवाली गर्भवती महिलाओं के मुकाबले आठ गुना अधिक पाया गया। इसके अलावा गर्भ में शिशु की मौत सह चुकी महिलाओं में भी शुरुआती समय के उच्च रक्तचाप की दर 6 प्रतिशत अधिक थी। पहली लहर में प्रारंभिक गर्भकालीन उच्च रक्तचाप का प्रसार 40 प्रतिशत था। दूसरी लहर में यह 25% और तीसरी लहर में यह 34.4% थी। 

अध्ययन का उपयोग 

आईसीएमआर के शोधकर्ता डॉ. राहुल गजभिये ने बताया कि कोरोना होने के बाद मध्यम या गंभीर लक्षणों वाली गर्भवती महिलाओं को विशेष देखभाल की आवश्यकता होती है। क्योंणकि,उन्हेंं जल्दीा/शुरुआत गर्भकालीन उच्चल रक्तदचाप का अधिक खतरा होता है।
 

Created On :   18 March 2023 8:54 PM IST

Tags

और पढ़ेंकम पढ़ें
Next Story