कोरोना संक्रमण - जैसे ही सैम्पलिंग बढ़ी पॉजिटिव भी बढ़ते चले गए

Corona infection - as sampling increased positive also increased
कोरोना संक्रमण - जैसे ही सैम्पलिंग बढ़ी पॉजिटिव भी बढ़ते चले गए
कोरोना संक्रमण - जैसे ही सैम्पलिंग बढ़ी पॉजिटिव भी बढ़ते चले गए

डिजिटल डेस्क जबलपुर । करीब 10 दिन पहले जबलपुर में कोरोना संदिग्धों की सैम्पलिंग काफी कम हो रही थी, जिससे पॉजिटिव भी कम थे। 7 दिन पहले ही पॉजिटिव की संख्या 20 थी और  यह संख्या 68 हो गई। पॉजिटिव की इस बढ़ती संख्या के पीछे सैम्पलिंग बढऩा मुख्य वजह है। जानकारों का कहना है कि अगर सैम्पलिंग और बढ़ेगी तो पॉजिटिव लोगों का पता लगाना और आसान हो जाएगा। दैनिक भास्कर ने 18 अप्रैल को कलेक्टर भरत यादव से सीधी बात की थी और उस दिन कुल 29 सैम्पलों की जाँच हुई थी। कलेक्टर ने भरोसा दिलाया था कि आईसीएमआर में सैम्पलिंग बढ़ाई जाएगी और जैसे ही ये सैम्पलिंग बढ़कर 2 सौ के आसपास पहुँची, एक हफ्ते में पॉजिटिव की संख्या 68 तक पहुँच गई, अर्थात पिछले सात दिनों में 48 पॉजिटिव मिल गए। 
हॉट स्पॉट में और बढ़े सैम्पलिंग
जानकारों के मुताबिक जिन क्षेत्रों में कोरोना पॉजिटिव मिल रहे हैं, वहाँ और तेजी से सैम्पलिंग की जानी चाहिए। जबलपुर में दरहाई और चाँदनी चौक दो हॉट स्पॉट हैं, जहाँ हर उस व्यक्ति की सैम्पलिंग की जानी चाहिए, जिसका पॉजिटिव और उनके परिवार से कोई भी संपर्क हो। इसके लिए बिना इंतजार किए सैम्पल लिया जाना ही एकमात्र उपाय है। 
अभी 2 सौ सैम्पलों की जाँच 8आईसीएमआर में टेस्टिंग कैपेसिटी बढऩे के बाद करीब 200 सैंपलों की जाँच हो रही है। इसके पहले पूरे महाकौशल और विंध्य में करीब 100 जाँचें की जा रहीं थीं। अब शहडोल की जाँच रीवा मेडिकल  में की जाने लगी है। इससे जबलपुर की लैब पर रीवा और शहडोल संभागों का   भार कम हुआ है। आईसीएमआर लैब तीन शिफ्टों में काम कर रही है। 
मेडिकल में जाँच जल्द 8 कोरोना के बढ़ते मरीजों को देखते हुए अभी और टेस्टिंग लैब्स की आवश्यकता है। नेताजी सुभाषचंद्र बोस मेडिकल कालेज के माइक्रोबायलॉजी विभाग के तहत वायरोलॉजी लैब तैयार की जा रही है। यहाँ काफी मशीनें आ गई हैं जिनको लगाने का काम सोमवार से शुरू होगा। उम्मीद की जा रही है कि इस सप्ताह के अंत तक यहाँ कोरोना टेस्ट शुरू हो जाएँगे। 
किट की कमी?
नई लैब के लिए मेडिकल के दूसरे विभागों से 30 लैब टेक्नीशियन्स और असिस्टेंट्स यहाँ पदस्थ किए गए हैं जिनकी आईसीएमआर के बाद कालेज में ट्रेनिंग हो रही है। रानी दुर्गावती िवश्वविद्यालय के माइक्रोबायलॉजी विभाग के 5 रिसर्च स्कालर्स, 2 टेक्नीशियन्स और गेस्ट फेकल्टी यहाँ सेवाएँ देंगे, वे भी प्रशिक्षण ले रहे हैं।  वैसे सैम्पलिंग बढ़ाकर जाँच का दायरा बढ़ाने के लिए प्रशासन वेटरनरी यूनीवर्सिटी की लैब का भी उपयोग कर सकता है, वहाँ सारी सुविधाएँ उपलब्ध हैं। सूत्रों का कहना है कि जाँच किट कम होने से भी सैम्पलिंग कम की जा रही है।
 

Created On :   27 April 2020 2:39 PM IST

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