कोरोना संक्रमण ने बढ़ा दी किताबें पढऩे के साथ योग प्राणायाम को दिनचर्या में शामिल करने की आदत

Corona infection increased the habit of including yoga pranayama in the routine along with reading books
कोरोना संक्रमण ने बढ़ा दी किताबें पढऩे के साथ योग प्राणायाम को दिनचर्या में शामिल करने की आदत
शहडोल कोरोना संक्रमण ने बढ़ा दी किताबें पढऩे के साथ योग प्राणायाम को दिनचर्या में शामिल करने की आदत

डिजिटल डेस्क  ,शहडोल ।  कोरोना संक्रमण की तीसरी लहर तेजी के साथ लोगों को चपेट में ले रही है। कुछ ही दिनों के भीतर जिले में संक्रमितों का आंकड़ा ५२६ जा पहुंचा है। लेकिन राहत भरी बात यह सामने आ रही है कि बीते दोनों लहर की अपेक्षा इस बार का संक्रमण लोगों में आत्मविश्वास भी पैदा कर रहा है। लोग संक्रमित तो हो रहे हैं लेकिन अस्पताल में भर्ती होने की नौबत नहीं आ रही है। संक्रमित मरीज स्वास्थ्य 
विभाग के संबंधित चिकित्सकों से लगातार संपर्क बनाते हुए अपनी दिनचर्या में बदलाव लाकर तेजी से स्वस्थ हो रहे हैं। 
पॉजिटिव आने के बाद भले कुछ दिनों के लिए परिवारजनों व समाज से अलग रहना पड़ता हो, लेकिन घरों में आइसोलेट रहकर किताबें पढऩे, योग-प्राणायाम जैसी उपयोगी व लाभकारी आदतों को दिनचर्या में शामिल करने का अवसर भी मिल रहा है। नाम प्रकाशित नहीं करने की शर्त पर अनेक लोगों ने बताया कि उन्होंने किस प्रकार क्वारंटाइन का समय बिताया।
24 घंटे में मिले 82  नए मरीज, 48  हुए स्वस्थ
जिले में पिछले 24  घंटे के दौरान 82 नए पॉजिटिव मरीज पाए गए हैं, वहीं इस अवधि में 48  लोग स्वस्थ भी हुए हैं। इन्हें मिलाकर अब सक्रिय मरीजों की संख्या ५२६ जा पहुंची है। इनमें से २ अस्पताल में तथा शेष घरों में ही रहकर स्वास्थ्य लाभ ले रहे हैं। स्वास्थ्य विभाग द्वारा 18  जनवरी को जारी रिपोर्ट के अनुसार 1217  लोगों की सेंपल जांच मिली, इनमें से 82  में संक्रमण की पुष्टि हुई है। जानकारी के अनुसार नए संक्रमितों में कलेक्ट्रेट व शिक्षा केंद्र के बड़े अधिकारी भी शामिल हैं। इनके अलावा गोहपारू, धनपुरी के साथ शहर के दुर्गा मंदिर के पास के लोग संक्रमित मिले हैं।
किताबें व इंटरनेट का सहारा
संक्रमण की चपेट में आए एक शासकीय अधिकारी ने बताया कि कोरोना नाम ही डराने वाला है। लेकिन लक्षण बहुत ही सामान्य रहे और अस्पताल जाने की जरूरत नहीं पड़ी। घर में ही रहकर स्वास्थ्य लाभ लिया। चूंकि आफिस के बाद स्वयं को कम समय दे पाते थे। पॉजिटिव आने पर घर में रहना पड़ा। किताबें पढऩा आदत में शुमार हो गया। इसके अलावा इंटरनेट व सोशल मीडिया से बहुत जानकारी मिलती रही। इसी प्रकार का अनुभव अनेक नागरिकों ने शेयर किया। 
योग व प्राणायाम की पड़ गई आदत
गोहपारू, धनपुरी व शहडोल शहर के अनेक लोग संक्रमित हुए। भास्कर से चर्चा में धनपुरी की एक महिला ने बताया कि योग प्राणायाम को बारीकी से जाना व समझा। पहले घर के काम में इतने उलझे रहते थे कि इसके लिए समय ही नहीं बचता था। लेकिन आइसोलेशन अवधि में टीवी व मोबाइल पर देखकर इसकी आदत डाली। डॉक्टरों ने भी इसकी सलाह दी। इसी प्रकार शहडोल के रहने वाली एक मरीज ने बताया कि नियमित रूप से योग करने से उन्हें लाभ मिला।
लगातार ले रहे हैं सलाह
स्वास्थ्य विभाग द्वारा पहले ही कंट्रोल रूम बनाया हुआ है। इसके माध्यम से लगातार मरीजों से संपर्क किया जाता है। घर में रहने वाले मरीज फोन लगाकर इलाज के अलावा खान-पान के बारे में भी जानकारी लेते रहते हैं। घरौला में रहने वाले एक संक्रमित मरीज ने बताया कि दवा के अलावा यह सलाह भी ली कि उनके संपर्क में आए लोगों का भी सेंपल होना चाहिए अथवा नहीं। नोडल अधिकारी डॉ. पुनीत श्रीवास्तव ने बताया कि 24 घंटे कंट्रोल रूप सक्रिय है। लोग फोन पर सलाह ले रहे हैं। उन्होंने आईसीएमआर की गाइड लाइन का हवाला देते हुए बताया कि जरूरी नहीं कि संक्रमित के संपर्क में आए लोगों को सेंपल देना चाहिए। लक्षण सामने आने के बाद ही सेंपल की जांच कराने की सलाह दी जाती है।

Created On :   19 Jan 2022 1:44 PM IST

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