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कोरोना ने रोका राजनीतिक दलों के संगठन का विस्तार
डिजिटल डेस्क, नागपुर। कोरोना प्रभाव के बीच राजनीतिक हलचल जारी है। केंद्र व प्रदेश स्तर पर संगठनों के विस्तार व पुनर्गठन की प्रक्रिया चल रही है, लेकिन शहर में लगभग सभी प्रमुख दलों का संगठन विस्तार लंबित है। लिहाजा पद पाने के इच्छुकों कार्यकर्ताओं की बेचैनी बढ़ गई है। भाजपा की कार्यकारिणी तय : शहर भाजपा की कार्यकारिणी लगभग तय हो गई है। शहर अध्यक्ष प्रवीण दटके ने सभी 6 मंडलों के अध्यक्षों व महामंत्रियों के नामों की घोषणा कर दी है, लेकिन उपाध्यक्ष, महामंत्री से लेकर अन्य प्रमुख पदाधिकारियोें के नामों की घोषणा नहीं हो पाई है। भाजपा के जिला ग्रामीण अध्यक्ष अरविंद गजभिये ने कार्यकारिणी की घोषणा कर दी। उसके बाद से ही शहर कार्यकारिणी भी घोषित की जाने की तैयारी थी। श्री दटके कोरोना प्रभावित होने से कार्यकारिणी विस्तार लंबित है।
कांग्रेस में निर्णय नहीं : कांग्रेस में संगठन पुनर्गठन की प्रक्रिया आगे नहीं बढ़ पाई है। कुछ समय पहले प्रदेश कांग्रेस के निर्देश पर कुछ जिलों में नए अध्यक्ष नियुक्त किए गए। शहर में नेतृत्व को लेकर गुटों की राजनीति सक्रिय है। शहर अध्यक्ष विकास ठाकरे का कार्यकाल पूरा हाे गया है, लेकिन पुनर्गठन प्रक्रिया पूरी नहीं हो पाने के कारण वे अध्यक्ष पद को संभाले हुए हैं। ठाकरे ने विधानसभा क्षेत्र स्तर पर कुछ नियुक्तियां विधानसभा चुनाव के पहले की थी।
शिवसेना में केवल हलचल : शिवसेना में पदों को लेकर केवल हलचल है। जिला प्रमुख पद होल्ड पर है। विधानपरिषद सदस्य दुष्यंत चतुर्वेदी को महानगर समन्वयक बनाए जाने के बाद शहर शिवसेना का नेतृत्व एक तरह से उनके पास है। उन्होंने भी िकसी पदाधिकारी की नियुक्ति नहीं की है। सहकार नेता प्रमोद मानमोड़े व कांग्रेस के शहर महासचिव अंगद हिरोंदे के प्रवेश के अलावा शहर शिवसेना विशेष संगठनात्मक गति नहीं दिखा पाई है। यह अवश्य है कि शिवसेना के गुटों में बंटे रहने वाले पूर्व प्रमुख पदाधिकारी भी चतुर्वेदी की बैठकों में शामिल होने लगे हैं।
राकांपा में चर्चा तक नहीं : राकांपा में संगठन को लेकर चर्चा तक नहीं है। प्रफुल पटेल के करीबी राजेंद्र जैन को यहां संगठन विस्तार की जवाबदारी दी गई है। एक माह बीतने के बाद भी वे यहां एक बैठक तक नहीं ले पाए हैं। शहर अध्यक्ष अनिल अहिरकर, ग्रामीण के अध्यक्ष शिवराज गुजर, पूर्व विधायक दीनानाथ पडोेल, िवप सदस्य प्रकाश गजभिये के नेतृत्व में एक समिति बनाई गई है, लेकिन संगठन कार्य आगे नहीं बढ़ पाया है। जय जवान-जय किसान संगठन के संयोजक प्रशांत पवार की भी राकांपा में प्रवेश के बाद सक्रियता नहीं दिख रही है।
Created On :   27 Sept 2020 4:05 PM IST