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कोरोना : गर्भवती महिलाओं को सता रही चिन्ता, डॉक्टर्स की सलाह डरने की जरूरत नहीं - बरतें ये सावधानी
डिजिटल डेस्क, नागपुर। हैलो डॉक्टर मेरा दिल ये सोचकर घबरा रहा है,कि अगर बच्चे को कोरोना हो गया तो,प्लीज डॉक्टर बताइए ना कि गर्भ में रहने वाले बच्चे को कोरोना हो सकता है,क्या ? यह सवाल निशा ठाकुर जो कि गर्भवती है,उन्होने अपनी डॉक्टर से टेलीफोनिक पूछा,और यह सवाल एक निशा का नहीं बल्कि कई गर्भवती महिलाओं के जहन में यहीं सवाल है। वे अपने डॉक्टर से भी इन सवालो के जवाब मांग रही है। वहीं दूसरी ओर प्रसूता महिलाओं को इस बात का डर सता रहा है,कि बच्चे को दूध पिलाने या छूने से बच्चा कोरोना संक्रमित हो जाएगा। डॉक्टर्स के पास हर रोज इन सवालो से जुड़े कई फोन आ रहे है। गर्भवास्था के दौरान महिलाओं के शरीर और प्रतिरोधक सिस्टम में काफी परिवर्तन होता है, ऐसे में उनमें फेफड़े के इंफेक्शन का खतरा काफी ज्यादा रहता है। इसे देखते हुए गर्भवती महिलाओं को ये सलाह दी जाती है कि वह कोरोना वायरस से बचाव के लिए ज्यादा सावधानी बरतें। अगर उन्हें कोरोना वायरस संक्रमण का कोई भी लक्षण जैसे कि बुखार, सर्दी-जुकाम या सांस लेने में तकलीफ जैसी समस्या नजर आए तो उन्हें इसे गंभीरता से लेना चाहिये और तत्काल डॉक्टर से सलाह लेनी चाहिये। गर्भवती महिलाओं के इन सवालो पर मेयो और डागा अस्पताल के डॉक्टर्स ने बताया कि वे किस तरह सावधानी बरतें। जिससे गर्भ में पल रहा बच्चा और गर्भवती सुरक्षित रह सकें।
इम्यून सिस्टम को बढ़ाना होगा
डागा अस्पताल की अधीक्षक डॉ सीमा पारवेकर ने बताया कि गर्भवस्था में इम्यून सिस्टम बढ़ाने की बहुत जरूरत होती है। ऐसे में गर्भवती महिलाओं को यहीं सलाह दे रहे है,कि वे डाइट चार्ट के हिसाब से ही डाइट लें। जहां तक गर्भवती महिला से उसके बच्चे को कोरोना संक्रमण की बात है,तो इसका अभी तक कोई लिटरेचर नहीं आया है। पुणे की एक गर्भवती महिला डॉक्टर कोरोना पॉजिटिव थी,लेकिन प्रेंग्नेंसी के बाद उसके बच्चा कोरोना पॉजिटिव नहीं था। अभी ऐसा कोई साक्ष्य उपलब्ध नहीं है जिसके आधार पर ये कहा जा सके कि कोरोना वायरस से गर्भवती महिलाओं को ज्यादा खतरा है। उन्हें भी इस वायरस से उतना ही खतरा है, जितना की किसी आम इंसान को है। डॉक्टर पारवेकर ने बताया कि हमने गर्भवती महिलाओं को सलाह दी,कि वे रूटीन चेकअप के लिए अस्पताल ना आए। अगर कोई इमरजेंसी हो तो अस्पताल आए। हां ये बात भी है कि प्राइवेट डॉक्टर्स की ओपीडी बंद हो जाने से हमारे यहां लोड बढ़ गया है। कोरोना से संबंधित जो भी प्रोटोकॉल है,उसे अस्पताल का पूरा स्टॉफ फॉलो कर रहा है। हम प्रेयर के द्वारा मरीजो को कोरोना से बचने से संबंधित सावधानियों को बता रहे है। साथ ही बैड डिस्टेंसिंग भी कर दी गई है।
आम दिनो में होती 100-150 ओपीडी
मेयो के गायनिक डॉक्टर प्रशांत उके ने बताया कि आम दिनो में मेयो अस्पताल में गर्भवती महिलाओं की 100-150 ओपीडी होती थी,जो घटकर अब 40 तक आ गई है। हमने गर्भवती महिलाओं को घर पर ही रहने की सलाह दी है। साथ ही उन्हें यह भी कहा कि वे अगर उनके रूटीन चेकअप की डेट भी है,और उन्हें कोई बहुत परेशानी है तो ही वे अस्पताल आए। अन्यथा अस्पताल आकर भीड़ ना बढ़ाए। गर्भवती महिलाओं को यही भी सलाह दी है,कि वे अपनी डाइट प्रॉपर लें। तनाव ना लें। ऐसे में बार-बार अस्पताल जाने के बजाय संभव हो तो फोन से ही चिकित्सक के सम्पर्क में रह कर उनसे सलाह ले सकते हैं।
गर्भवती महिलाएं खुद को कोविड-19 से कैसे रखे सुरक्षित
डॉक्टर्स ने बताया कि गर्भवती महिलाओं को भी वहीं सावधानियां रखनी है,जो किसी आमव्यक्ति के लिए जरूरी है। कोविड-19 के संक्रमण से बचने के लिए उन्हें यह उपाय अपनाना चाहिए।
1-साबुन और पानी से लगातार कम से कम 20 सेकेंड तक अपने हाथ धोती रहें।
2-भीड़भाड़ वाली जगहों पर जाने से बचें। सोशल डिस्टेंसिंग बनाए रखें।
3-अपनी आंख, नाक व मुंह को छुने से बचें। बिना हाथ धुले तो बिल्कुल भी न छुएं।
4- श्वसन प्रणाली को स्वस्थ रखें। साफ-सफाई का विशेष ध्यान रखें। जब भी खांसी या छींक आए तो मुंह और नाक को कोहनी मोड़कर कवर लें। इसकी जगह पर टीशू पेपर का भी इस्तेमाल किया जा सकता है। एक बार इस्तेमाल करने के बाद टीशू पेपर को तुरंत सुरक्षित तरीके से डिस्पोज कर दें।
अगर बुखार, सर्दी-जुकाम या सांस लेने में तकलीफ हो रही है तो तुरंत चिकित्सकीय मदद लें। अस्पताल जाने से पहले अस्पताल से फोन पर बात कर लें और उनके द्वारा बताई गई सावधानियों का पालन करें।
5- गर्भवती महिलाएं या जिन्होंने हाल में बच्चे को जन्म दिया है, अगर वो कोरोना वायरस से संक्रमित भी हैं तो वह अपना रूटीन ट्रीटमेंट जारी रखें।
Created On :   7 April 2020 1:29 PM IST