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कोरोना के अब एक्टिव केस हुए 5 हजार के पार संसाधन अभी भी सीमित - प्रोटोकॉल से 60 शवों का अंतिम संस्कार
सावधान - अब तक के सर्वाधिक 798 लोग आए पॉजिटिव, हर दिन नए एरिया में पहुँच रहा संक्रमण, बीते 24 घण्टों में 7 लोगों ने दम तोड़ा, 25 हजार से ज्यादा हुए संक्रमित
डिजिटल डेस्क जबलपुर । शहर में कोरोना कितनी बड़ी आबादी को प्रभावित करने लगा है इसकी बानगी इसी से समझी जा सकती है कि कोरोना के शहर में इस वक्त एक्टिव केस 5 हजार से अधिक हो गए हैं। जब से कोरोना संक्रमण फैला है तब से अब तक शहर में 25 हजार से अधिक लोगों को अपनी चपेट में ले चुका है। हर दिन इसका संक्रमण तेजी से नए एरिया में फैलता जा रहा है। वैसे शहर में शुक्रवार के दिन 798 व्यक्ति पॉजिटिव आए और 7 व्यक्तियों की मौत इसकी वजह से हुई। शहर में संक्रमण का दायरा बढऩे के साथ एक-एक बिस्तर को लेकर मारामारी मची हुई है। इंजेक्शन, बिस्तर, ऑक्सीजन, इलाज सब कुछ भगवान भरोसे है। प्रशासन के दावों से अलग हालात मौके पर है।
जाँच किट को लेकर मारामारी
कोरोना की किट जाँच को लेकर कुछ क्षेत्रों में समस्याएँ सामने आ रही हैं। कई क्षेत्र से लोग शिकायत कर रहे हैं कि कोरोना की रैपिड किट की जितनी जरूरत है उतनी नहीं मिल पा रही है। किट न मिलने से जिनमें कोरोना के लक्षण मिल रहे हैं ऐसे मरीज जाँच नहीं करा पा रहे हैं। सरकारी अस्पतालों में इसकी सप्लाई प्रभावित हुई है। हालाँकि इस तरह की कमी से अस्पताल प्रबंधनों ने इनकार किया है। गौरतलब है कि रैपिड किट जाँच में कोरोना का संक्रमण फौरी तौर पर पता चल जाता है। इसके निगेटिव निकलने और कोरोना की संभावना होने पर पीडि़त आरटीपीसीआर रियल टाइम पालीमर चेन रिएक्शन का टेस्ट करवाते हैं।
प्रोटोकॉल से 60 शवों का अंतिम संस्कार
इधर कोरोना गाइडलाइन के अनुसार शुक्रवार को चौहानी, तिलवारा और बिलहरी में कुल मिलाकर कुल 60 शवों का अंतिम संस्कार किया गया। नगर निगम और मोक्ष समिति ने यह अंतिम संस्कार किए। इसके अलावा 2 और शवों के फ्यूनरल किये गये जिन्हें कोविड दायरे में नहीं माना गया। प्रोटोकॉल के तहत बीते कुछ दिनों से आधा सैकड़ा से ऊपर शवों का हर दिन अंतिम संस्कार किया जा रहा है। जगह कम होने से शवों को जलाने के लिए इंतजार तक करना पड़ रहा है।
सरकारी फुल, प्राइवेट में जगह नहीं
कोरोना पीडि़त के लिए इलाज से पहले बेड मिलना किसी बड़ी जंग जीतने जैसा है। सरकारी अस्पताल में आईसीयू सहित ऑक्सीजन बेड भरे हुये हैं तो निजी अस्पतालों में भी अमूमन यही स्थिति है। शुक्रवार रात 12 बजे एक-दो ऐसे निजी अस्पताल जो आमतौर पर सामान्य दिनों में प्रचलन में नहीं हैं उनमें भी बिस्तर 90 फीसदी तक भर गए। हालात ऐसे हैं कि परिजन कोरोना पीडि़त को लेकर एक से दूसरे अस्पताल चक्कर लगा रहे हैं।
Created On :   17 April 2021 2:31 PM IST