कोरोना वायरस का असर, मोबाइल रिपेरिंग व इलेक्ट्रानिक्स उत्पाद हुए महंगे

Coronavirus effect, mobile repairing and electronics products become expensive
कोरोना वायरस का असर, मोबाइल रिपेरिंग व इलेक्ट्रानिक्स उत्पाद हुए महंगे
कोरोना वायरस का असर, मोबाइल रिपेरिंग व इलेक्ट्रानिक्स उत्पाद हुए महंगे

डिजिटल डेस्क, नागपुर। कोरोना वायरस से न केवल हजारों लोग मारे गए हैं, बल्कि इससे चीन का उद्योग और वाणिज्य भी बुरी तरह प्रभावित हुआ है। इसका भारत के व्यापार और लघु उद्योग पर भी प्रतिकूल प्रभाव दिखना शुरू हो गया है। वर्तमान परिस्थितियों में चीन, भारत के लिए सबसे बड़ा निर्यातक है। इसलिए इसका असर दिखने लगा है। नागपुर में इलेक्ट्रानिक्स उत्पादों के दाम में चार-पांच प्रतिशत तक की बढ़ोतरी की आशंका है। यदि मार्च तक चीन में हालात सामान्य नहीं होते है तो व्यापार और उद्योग जगत को इसके और भी गंभीर परिणाम भुगतने पड़ सकते हैं। इसका सबसे ज्यादा असर इलेक्ट्रानिक्स, ऑटोमोबाइल मार्केट पर पड़ा है।

कैट ने वित्तमंत्री से व्यापार और उद्योग की बैठक बुलाने का आग्रह किया
कन्फेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स (कैट) ने केंद्रीय वाणिज्य मंत्री पीयूष गोयल से मौजूदा स्थिति को दूर करने के लिए तुरंत व्यापार और उद्योग की बैठक बुलाने का आग्रह किया है। भारत का व्यापार और उद्योग मोटे तौर पर तीन कारणों से चीन पर निर्भर हैं। हम तैयार माल का आयात करते हैं जो देश में फिर से वितरित किया जाता है, कच्चा माल जो सामान के उत्पादन के लिए इस्तेमाल किया जा रहा है और व्यापारियों और छोटे उद्योगों द्वारा स्पेयर पार्ट्स का आयात, जिससे वस्तुओं को असेम्बबल कर तैयार किया जाता है। चूंकि कोरोना वायरस जनवरी में जाहिर हुआ था, इसलिए चीन में व्यापार और उद्योग बंद है और माल का विनिर्माण या आपूर्ति नहीं है।

घातक वायरस के कारण, भारतीय आयातकों ने चीन से आयात रोक दिया है और चीन या अन्य कोरोना वायरस से प्रभावित देशों की अपनी यात्रा रद्द कर दी है। आम तौर पर, आयातक इन सामानों के स्टॉक को दो महीने तक बफर स्टॉक के रूप में रखते हैं और अब स्थिति उत्पन्न हो गई है। यदि आपूर्ति शृंखला बनाए रखने के लिए सरकार वैकल्पिक उपायों और घरेलू व्यापार और उद्योग को सशक्त बनाने के लिए तत्काल नीति लाने के लिए कदम नहीं  उठाती है तो तैयार उत्पादों, स्पेयर पार्ट्स और उद्योगों के लिए कच्चे माल के लिए चीन पर बड़ी निर्भरता भारत में व्यापार और छोटे उद्योगों को पंगु बना देगी।

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भारत चीन से प्रमुख रूप से खिलौने, फर्नीचर, बिल्डर हार्डवेयर, फुटवियर, कपड़े, फर्निशिंग फैब्रिक, उपभोज्य सामान, एफएमसीजी उत्पाद, गिफ्ट का सामान, घड़ी, मोबाइल, मोबाइल उपकरण, इलेक्ट्रॉनिक सामान, बिजली के सामान, चिकित्सा और सर्जिकल उपकरण, सर्जिकल सामान, फार्मास्युटिकल्स, आयरन और स्टील के अन्य उत्पाद, कम लागत वाले एयरकंडिशनर, इंजीनियरिंग सामान, रसायन, निर्माण उपकरण, रसोई के उपकरण और सामान, ऑटो स्पेयर पार्ट्स, मशीनरी आयटम, कागज, स्टेशनरी आयटम, फर्टिलाइजर, कंप्यूटर एवं कंप्यूटर उपकरण, सोलर पैनल, कॉस्मेटिक्स, प्लास्टिक एवं प्लास्टिक वस्तुएं और यहां तक कि अगरबत्ती बनाने के लिए बांस की तीलियां आदि तक आयात किये जाते हैं।

1200 की जगह लग रहे 1600 रुपए
देश में चायना से लगभग 80 से 90 प्रतिशत मोबाइल फोन और अन्य इलेक्ट्रानिक्स सामग्रियां आती हैं। फिलहाल मोबाइल के दाम पर तो असर नहीं दिख रहा है, लेकिन मोबाइल की रिपेयरिंग अब महंगी हो गई है। मोबाइल के पार्ट्स भी महंगे हुए हैं। मोबाइल में स्क्रीन लगाने के जहां पहले 1200 रुपए लग रहे थे, वहां अब 1600 रुपए लगने लगे हैं। स्पीकर, माइक, माेबाइल कवर आदि भी महंगे हुए हैं।

Created On :   18 Feb 2020 11:18 AM IST

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