ऑर्गेनिक के दौर में निगम ने खाद बनाना बंद किया

Corporation stopped composting during the era of organic
ऑर्गेनिक के दौर में निगम ने खाद बनाना बंद किया
ऑर्गेनिक के दौर में निगम ने खाद बनाना बंद किया

डिजिटल डेस्क जबलपुर । आज जब पूरी दुनिया ऑर्गेनिक खाद्य सामग्री की तरफ बढ़ रही है और खेती के लिए ऑर्गेनिक खाद उपलब्ध कराई जा रही है ऐसे में नगर निगम ने अपना वह प्लांट बंद कर दिया है जिसमें शहरी लोगों को ऑर्गेनिक खाद बेहद सस्ती दर पर उपलब्ध कराई जा रही थी। सब्जी मंडियों की खराब सब्जियाँ और मंदिरों से निकलने वाले फूलों को भी सही जगह नहीं मिल पा रही है और वे भी साधारण कचरे में ही फिक रहे हैं। निगम का यह प्लांट इसलिए भी बेहतर था कि इससे स्वच्छता सर्वेक्षण की निरीक्षण टीम पर अच्छा असर पड़ता और शहर को काफी नम्बर मिल सकते थे लेकिन प्लांट के बंद होने से सब धरा रह गया। 
नगर निगम ने बल्देवबाग और ग्वारीघाट में ऑर्गेनिक खाद बनाने का प्लांट लगाया था, इसका काम निजी एजेंसी को दिया गया था क्योंकि तब निगम के पास इतने साधन नहीं थे। इसके बाद एजेंसी से काम वापस ले लिया गया और निगमायुक्त ने कहा था कि निगम यह काम अपने कर्मचारियों से करवाएगा ताकि खर्च को कम किया जा सके। निगमायुक्त की सोच अच्छी थी लेकिन उनकी सोच के हिसाब से काम ही नहीं हुआ और कई माह बीतने के बाद भी प्लांट बंद हैं। ऐसे में वे लोग परेशान हैं जो अपने घरेलू बगीचों के लिए या फिर गमलों आदि में डालने के लिए खाद वहाँ से लेते थे। 
शुरूआत कचरे से खाद बनाने से हुई थी 
नगर निगम के इन प्लांटों की शुरूआत कचरे से खाद बनाने से हुई थी, साधारण कचरे को वहाँ पहुँचाया जाता था और प्रोसेस करने के बाद खाद बना दी जाती थी। इसके बाद सब्जी मंडियों के वेस्ट और मंदिरों से निकलने वाले फूलों और मालाओं से खाद बनानी शुरू की गई जिसमें सफलता मिली तो काम बढ़ता गया। यहाँ केवल 3 रुपए प्रति किलो की दर से खाद बेची जाती थी, जिससे लोगों पर अतिरिक्त खर्च का बोझ भी नहीं पड़ता था। मात्र 10 दिनों के अंदर 500 किलो खाद तैयार होने लगी थी। 

Created On :   25 Aug 2020 2:18 PM IST

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