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30 लाख के स्टाफडेम की रिटर्निंग वाल बही
डिजिटल न्यूज, मंडला। नारायणगंज जनपद की ग्राम पंचायत मैली की बालई नदी शंकरगंज में 30 लाख की लागत से बने स्टाफडेम की रिटर्निंग वाल बह गई है। तकनीकी अधिकारियों की मिलीभगत के चलते भ्रष्टाचार छिपाने के लिए मनरेगा से नियम को दरकिनार करते हुए 13 लाख खर्च कर फिर निर्माण कर दिया है।
जनपद पंचायत नारायणगंज की ग्राम पंचायत मैली में केंद्रीय मद से 30 लाख की लागत से वर्ष 2013 में बालई नदी पर जल संसाधन विभाग ने स्टाफ डेम बनाया था। निर्माण कार्य में गुणवत्ता का ख्याल नहीं रखा गया। जिसके चलते डेम की रिटर्निंग वाल एक साल बाद बह गई। यहां बैदरा नाला में दो स्टाफ डेम और बह गए थे। इसको लेकर विभाग ने कार्रवाई भी की है।
मैली के स्टाफ डेम के भ्रष्टाचार को छिपाने लिए लिए मनरेगा से स्टाफ डेम की रिटर्निंग वाल निर्माण की तकनीकी स्वीकृति दे दी गई। रोजगार गांरटी योजना के तहत पूर्व की स्थाई सरंचनााओं पर नवीन कार्य नही कराए जाएंगे। पंचायत ने निर्माण कार्य के लिए नक्शा, खसरा और प्रस्ताव पारित नहीं किया था। इसके बावजूद तकनीकी स्वीकृति और वर्क कोड जारी कर दिया गया। ग्राम पंचायत को एजेंसी बना दिया गया और निर्माण के लिए जनपद और तकनीकी अधिकारियों के द्वारा निर्देश दिए गए। करीब 13 लाख रूपए खर्च कर वर्ष 2015 में निर्माण कार्य कर दिया है। अब इस मामले की जांच की मांग उठ रही है।
पंचायत ने उठाई थी आपत्ति
यहां डेम की रिटर्निंग वाल बह जाने के बाद किसानों के खेत में पानी जा रहा था। किसानों की मांग पर पंचायत ने जलसंसाधन विभाग और दूसरी मद से निर्माण कार्य का प्रस्ताव दिया था। जिस पर तकनीकी अधिकारियों को भ्रष्टचार छिपाने का मौका मिल गया और मनरेगा से कार्य स्वीकृत किया गया। पंचायत ने इस पर आपत्ति दर्ज कराते हुए मनरेगा के नियम का हवाला देते हुए कहा था कि तकनीकी विभाग ही निर्माण कार्य कर सकता है। लेकिन अधिकारियों ने पंचायत की एक नहीं सुनी और 13 लाख खर्च कर दिया गया।
भाई के लिए किया कारनामा
यहां सूत्रों की माने तो भाई के लिए यह नियमविरूद्ध निर्माण कार्य किया गया है। यहां जलसंसाधन विभाग में उपयंत्री हरीश असाटी के कार्यकाल में स्टाफ डेम का निर्माण कार्य किया था। यह बह जाने के बाद नारायणगंज जनपद में पदस्थ आरईएस के उपयंत्री सुनील असाटी ने मैली पंचायत का चार्ज लेकर निर्माण कार्य कराया। एक उपयंत्री ने भाई के द्वारा बरती गई लापरवाही और गुणवत्ताहीन निर्माण कार्य कराने के मामले को दबाने के लिए मनरेगा से कार्य करा दिया। इसके बाद रिटर्निंग वाल बह जाने का मामला दब गया। इसकी जांच भी नहीं हुई।
Created On :   7 Sept 2017 6:13 PM IST