पूर्व नपा अध्यक्ष-उपाध्यक्ष की फर्जी भोपाल दिल्ली यात्रा, आरोप सिद्ध होने पर जमा की राशि

corruption in travelling by former President-vice president
पूर्व नपा अध्यक्ष-उपाध्यक्ष की फर्जी भोपाल दिल्ली यात्रा, आरोप सिद्ध होने पर जमा की राशि
पूर्व नपा अध्यक्ष-उपाध्यक्ष की फर्जी भोपाल दिल्ली यात्रा, आरोप सिद्ध होने पर जमा की राशि

डिजिटल डेस्क शहडोल। नगरपालिका शहडोल में हुए भ्रष्टाचार की परत दर परतें खुलनी शुरु हो चुकी हैं। ईओडब्ल्यू द्वारा लाखों की धोखाधड़ी का मामला दर्ज किये जाने के बाद जनप्रतिनिधियों द्वारा फर्जी तौर पर यात्रा कर शासकीय राशि के गबन का मामला उजागर हुआ है। अधिवक्ता दिनेश दीक्षित द्वारा दायर एक परिवाद में न्यायालय के निर्देश पर पुलिस से कराई गई जांच में नगरपालिका की पूर्व अध्यक्ष श्रीमती सत्यभामा गुप्ता तथा उपाध्यक्ष प्रवीण शर्मा के विरुद्ध यात्रा के रूप में 54 हजार 925 रुपये के गबन का दोष सिद्ध पाया गया। हालांकि उक्त राशि 9 साल बाद जमा करा दी गई है लेकिन न्यायालय ने अगली सुनवाई की तारीख 11 नवंबर तय की है, जिसमें यह निर्णय सुनाया जाएगा कि याचिकाकर्ता द्वारा लगाए गए धारा 467, 468, 420, 120 बी के आरोपों में मामला बनता है अथवा नहीं। याचिका में श्री दीक्षित ने आरोप लगाए थे कि पूर्व अध्यक्ष सत्यभामा गुप्ता व पूर्व उपाध्यक्ष प्रवीण शर्मा ने पूर्व सीएमओ सुधाकर सिंह के साथ मिलकर बगैर शासन व परिषद की अनुमति के रीवा, जबलपुर, भोपाल एवं दिल्ली की यात्राएं कीं तथा फर्जी यात्रा देयकों को नगरपालिका में प्रस्तुत कर स्वयं की स्वीकृति व हस्ताक्षरित चेकों के माध्यम से शासकीय राशि 65 हजार 497 रुपये का गबन किया।
नियम विरुद्ध की यात्रा
न्यायालय को सौंपे जांच प्रतिवेदन में पुलिस ने पाया है कि उक्त लोगों द्वारा की गई यात्राएं नियम विरुद्ध थीं। नपा अधिनियम के अनुसार नपाध्यक्ष व उपाध्यक्ष परिषद व राज्य के बाहर की यात्रा कर सकते हैं लेकिन इसके लिए परिषद राज्य शासन की अनुमति आवश्यक है।  जांच में पाया गया कि इस नियम का कहीं भी पालन नहीं किया गया। जो भी यात्राएं की गईं वे वैध नहीं थीं। प्रस्तुत किए गए यात्रा देयक भी फर्जी थे।
सीएमओ पर यह आरोप
जांच प्रतिवेदन के अनुसार सीएमओ को जानकारी थी कि बिना अनुमति के बाहर की यात्रा तथा प्रस्तुत देयक को पारित करना अवैध है इसके बाद भी उन्होंने उसका भुगतान कराया। ऑडिट के समय उस पर आपत्ति भी आई लेकिन उसकी पूर्ति समय पर नहीं की गई। यात्रा भत्ता प्राप्त करने के हकदार नहीं होने के बाद भी अध्यक्ष उपाध्यक्ष को सीएमओ ने अनुशंसा कर दी। 30 व 45 रुपये की पात्रता के स्थान पर 130 व 195 रुपये के हिसाब से प्रति दैनिक भत्ता का भुगतान किया गया।
गबन साबित होने के बाद जमा कराई राशि
न्यायालय को प्रस्तुत जांच में पुलिस ने पाया कि गबन का आरोप साबित होने के बाद पूर्व अध्यक्ष व उपाध्यक्ष से राशि जमा कराई गई। दिनांक 4 जुलाई 2017 को श्रीमती सत्यभामा गुप्ता द्वारा 35 हजार 255 रुपये तथा प्रवीण शर्मा द्वारा 19 हजार 670 रुपये की राशि जमा कराई। इसके बाद 7 जुलाई को आडिट आपति को निरस्त कर दिया गया। जांच में सवाल उठाए गए कि वर्ष 2008-09 में शासकीय राशि नियम विरुद्ध बेईमानी पूर्वक हासिल कर स्वंय के उपयोग में लेने के बाद, आडिट में आपत्ति के बावजूद तत्ताकलीन सीएमओ ने राशि वूसली की कार्रवाई क्यों नहीं की।

 

Created On :   31 Oct 2017 1:40 PM IST

और पढ़ेंकम पढ़ें
Next Story