दो साल में इलेक्ट्रिक स्कूटर और कार की कीमत पेट्रोलियम कार के बराबर हो जाएगी

Cost of electric scooter and car will be equal to that of petroleum car
दो साल में इलेक्ट्रिक स्कूटर और कार की कीमत पेट्रोलियम कार के बराबर हो जाएगी
गडकरी ने कहा दो साल में इलेक्ट्रिक स्कूटर और कार की कीमत पेट्रोलियम कार के बराबर हो जाएगी

डिजिटल डेस्क, मुंबई। केंद्रीय सड़क परिवहन नितिन गडकरी ने आत्मविश्वास जताते हुए कहा है कि अगले दो साल के भीतर इलेक्ट्रिक स्कूटर और कार की कीमत पेट्रोलियम कार के बराबर हो जाएगी। गडकरी ने कहा कि पेट्रोल कार चलाने के लिए प्रति किमी 10 रुपए, डीजल वाहन के लिए 7 रुपए खर्च होते हैं। जबकि इलेक्ट्रिक के लिए केवल 1 रुपए खर्च करने पड़ेंगे। इसलिए लोग अपने आप धीरे-धीरे इलेक्ट्रिक वाहनों का इस्तेमाल करना शुरू कर देंगे। शुक्रवार को गडकरी ने राजमार्ग, परिवहन और लॉजिस्टिक्स में निवेश के अवसर को लेकर आयोजित राष्ट्रीय सम्मेलन को संबोधित किया। गडकरी ने कहा कि केंद्र सरकार वाहनों में फ्लेक्स इंजन के इस्तेमाल को लेकर जल्द ही एडवाइजरी जारी करेगी। मुझे विश्वास है कि अगले दो से तीन सालों में पेट्रोल की गाड़ियां इथेनॉल पर चलने लगेंगी। गडकरी ने कहा कि देश में ऑटोमोबाइल उद्योग का आकार 7.5 लाख करोड़ रुपए का है। जबकि अगले 5 वर्षों में इसका दोगुना होकर 15 लाख करोड़ रुपए हो जाएगा। गडकरी ने राज्य सरकार के परिवहन विभाग को पुणे में इथेनॉल से चलने वाले ऑटो रिक्शा शुरू करने के लिए आग्रह किया। पुणे में तीन इथेनॉल वितरण स्टेशन मौजूद हैं। गडकरी ने कहा कि केंद्र सरकार की नई वाहन स्क्रैपिंग नीति से प्रदूषण कम होगा। ऑटोमोबाइल क्षेत्र के विकास व निर्यात को गति मिलेगी और रोजगार भी पैदा होंगे। गडकरी ने कहा कि अगले पांच सालों में देश भर में लगभग 50-70 पंजीकृत वाहन स्क्रैपिंग सुविधाएं स्थापित की जाएंगी। गडकरी ने कहा कि सड़क क्षेत्र में रिटर्न की आंतरिक दर बहुत अधिक है। इसलिए निवेशकों को इसकी आर्थिक व्यवहार्यता के बारे में चिंता करने की कोई आवश्यकता नहीं है। उन्होंने कहा कि केंद्रीय सड़क परिवहन मंत्रालय ने अगले 2 से तीन सालों में 7 लाख करोड़ रुपए की बुनियादी ढांचा परियोजनाओं को पूरा करने का लक्ष्य रखा है। इसलिए निवेशक आगे बढ़ कर बुनियादी ढांचे के क्षेत्र में साहस के साथ निवेश करें।

गडकरी ने कहा कि साल 2014 से पहले भूमि अधिग्रहण के मुद्दों के कारण विकास परियोजनाएं ठप हो जाती थीं। लेकिन अब 90 प्रतिशत भूमि अधिग्रहण पूरा होने और पर्यावरण मंजूरी प्राप्त होने से पहले परियोजना का आवंटन नहीं किया जाता है। गडकरी ने कहा कि प्रदेश में शिवसेना-भाजपा युति सरकार के समय मुंबई-पुणे एक्सप्रेस हाइवे की परियोजना के लिए रिलायंस कंपनी ने 3,600 करोड़ रुपए की बोली लगाई थी। मैंने रिलायंस के टेंडर को रद्द करने का फैसला किया। जिस पर तत्कालीन मुख्यमंत्री मनोहर जोशी और शिवसेना प्रमुख दिवंगत बालासाहब ठाकरे नाराज हो गए थे। लेकिन मैंने एमएसआरडीसी के जरिए 1,600 करोड़ की लागत से मुंबई-पुणे एक्सप्रेस का निर्माण पूरा किया। बाद में महाराष्ट्र सरकार ने इसे तीन हजार करोड़ और फिर आठ हजार करो रुपए में मुद्रीकृत किया। इस बीच उन्होंने कहा कि मुंबई से दिल्ली की यात्रा का समय एक वर्ष के भीतर 48 घंटे से घटकर 12 घंटे रह जाएगा। कार्यक्रम में ऑनलाइन शामिल हुए  प्रदेश के उद्योग मंत्री सुभाष देसाई ने कहा कि दो मेट्रो शहर नागपुर- मुंबई को जोड़ने वाला 700 किमी लंबी समृद्धि महामार्ग परियोजना का काम पूरा होने वाला है। अगले कुछ महीनों में समृद्धि महामार्ग को जनता के इस्तेमाल के लिए खोल दिया जाएगा। 

 

Created On :   17 Dec 2021 9:29 PM IST

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