नकली रेमडेसिविर मामला: एसआईटी की 20 टीमें सक्रिय, सिटी अस्पताल में रही गहमा-गहमी

Counterfeit RemadeSevere case: 20 teams of SIT active, stay in city hospital
नकली रेमडेसिविर मामला: एसआईटी की 20 टीमें सक्रिय, सिटी अस्पताल में रही गहमा-गहमी
नकली रेमडेसिविर मामला: एसआईटी की 20 टीमें सक्रिय, सिटी अस्पताल में रही गहमा-गहमी

फार्मासिस्ट को लेने आएगी गुजरात पुुलिस मोखा के परिजनों से पूछताछ, कई जिलों में पहुँची एसआईटी

डिजिटल डेस्क जबलपुर । नकली रेमडेसिविर इंजेक्शन मामले में सिटी अस्पताल के संचालक सरबजीत सिंह मोखा व अन्य आरोपियों पर शिकंजा कसता जा रहा है। इस कड़ी में एसआईटी की टीमों ने जाँच के साथ साक्ष्य जुटाना शुरू कर दिए हैं। बताया गया है कि इस मामले की जाँच व कार्रवाई के लिए एसआईटी द्वारा 20 टीमें बनाई गई हैं। इस टीम की एक विंग ने शुक्रवार को सिटी अस्पताल में दस्तावेज खँगाले। अस्पताल के डायरेक्टर मोखा के परिजनों को भी तलब कर उनसे घंटों तक पूछताछ की गई। गहमा-गहमी के बीच कई महत्वपूर्ण दस्तावेज भी जब्त किए गए। इस दौरान अस्पताल में अब तक 468 मरीजों का इलाज होने की बात सामने आई है। टीम के सदस्य इन मरीजों व उनके परिजनों के बयान दर्ज करने नरसिंहपुर, कटनी, दमोह समेत अन्य जिलों में भी डेरा डाले हुए हैं। सूत्रों के अनुसार उन्हें वहाँ नकली इंजेक्शन से संबंधित कुछ प्रमाण भी हासिल हुए हैं। इनकी पड़ताल की जा रही है।
देवेश पाँच दिन की रिमांड पर 
 जानकार सूत्रों का कहना है कि गुजरात पुलिस ने शुक्रवार को सिटी हॉस्पिटल के आरोपी फार्मासिस्ट देवेश चौरसिया का प्रोडक्शन वारंट भी जेल में तामील कराया है। उसे 19 मई तक की पुलिस रिमांड पर लिया गया है। गुजरात से आई पुलिस टीम भी इससे सघन पूछताछ करेगी।  
ब्लैक फंगस से भी जुड़ रहे तार 
 जानकार सूत्रों का कहना है कि इंदौर पुलिस ने आरोपियों से की गई पूछताछ व लैब की जाँच के बाद संदेह जाहिर किया है कि नकली इंजेक्शनों का इस्तेमाल भी ब्लैक फंगस का एक कारण हो सकता है। विशेषज्ञों के मार्गदर्शन में फिलहाल इसकी तह तक जाने के प्रयास किए जा रहे हैं। 
कम्प्यूटर की भी हुई जाँच
 एसआईटी की टीम ने बीते 23 अप्रैल के बाद से अभी तक के सभी दस्तावेजों की जाँच के अलावा कम्प्यूटर के भी रिकॉर्ड को देखा। इस दौरान अस्पताल की मैनेजर सोनिया एवं अभिषेक समेत अन्य कर्मचारियों से पूछताछ कर कुछ दस्तावेजों को जाँच के लिए जब्त भी किया गया है। इन दस्तावेजों में से अधिकांश यहाँ इलाज करवा रहे मरीजों के हैं और इस दौरान कितने मरीजों को रेमडेसिविर इंजेक्शन कब-कब लगाए गए हैं इसका लेखा-जोखा भी लिया गया। 
तीन आवेदकों के भी दर्ज हुए बयान
 जानकारों की मानें तो जिन-जिन लोगों ने सिटी हॉस्पिटल एवं उसके डायरेक्टर के खिलाफ आवेदन िदए हैं उनके बयान भी एसआईटी ने दर्ज करने शुरू कर दिए हैं। इतना ही नहीं मृत मरीजों के अस्पताल में भर्ती रहने के दौरान तैयार हुए दस्तावेजों को भी लिया गया है। जिससे मोखा व अस्पताल के खिलाफ आरोपों को सिद्ध किया जा सके। 
कई अस्पतालों से हैं संबंध
 एसआईटी को यह भी जाँच में पता चला है कि विजय नगर में रहने वाला क्षितिज राय लम्बे समय से मेडिकल क्षेत्र से जुड़ा हुआ है। उसने पूछताछ में बताया था कि उसने ही मोखा और देवेश को ऑनलाइन वेबसाइट के जरिए वे मोबाइल नंबर मुहैया कराए थे जिसके माध्यम से नकली रेमडेसिविर इंजेक्शन मोखा तक पहुँचे थे। इस मामले में एसआईटी की टीम ने उसके माबाइल की कॉल िरकार्ड की डिटेल्स भी खँगालनी शुरू कर दी है।
मोखा से भी होगी कड़ी पूछताछ  
 गुजरात पुलिस ने संकेत दिए हैं िक गुजरात के मोरबी थाना में दर्ज अपराध में भी देवेश और सरबजीत को आरोपी बनाया जाएगा। देवेश से पूछताछ के बाद टीम सरबजीत को भी गुजरात ले जाएगी। वहाँ उनसे सघन पूछताछ की जाएगी।
मरीजों के परिजनों से होगी पूछताछ 
जानकारों की मानें तो जिस अवधि में सिटी हॉस्पिटल में कोरोना संक्रमण से पीडि़त मरीजों को नकली रेमडेसिविर इंजेक्शन लगाए गए थे उस दौरान 468 मरीजों को यहाँ पर दाखिल कर उनका इलाज किया गया था। अब यह भी बताया जा रहा है कि एसआईटी द्वारा इन सभी मरीजों के पास पहुँचकर बारी-बारी से उनके संबंध में पूरी जानकारी ली जाएगी कि उनके परिजनों का किस तरह से यहाँ इलाज हुआ था और वे कितनी हद तक संतुष्ट रहे हैं 
देवेश का प्रोडक्शन वारंट हुआ तामील
इनका कहना है
गुजरात पुलिस ने देवेश का प्रोडक्शन वारंट जेल में तामील कराया है। इस दौरान पुलिस ने अस्पताल के कुछ दस्तावेज भी सील किए हैं और उनकी जाँच की जा रही है। अस्पताल के कर्मचारियों समेत अन्य लोगों से भी पूछताछ की जा रही है। 
रोहित काशवानी, आईपीएस एसआईटी प्रभारी 

Created On :   15 May 2021 2:31 PM IST

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