- Home
- /
- राज्य
- /
- मध्य प्रदेश
- /
- जबलपुर
- /
- नकली रेमडेसिविर 209 मरीजों को लगी...
नकली रेमडेसिविर 209 मरीजों को लगी डोज, 9 की हुई मौत - मोखा की पत्नी और मैनेजर को भेजा जेल
सिटी अस्पताल का मामला, जाँच में फिर हुआ बड़ा खुलासा
डिजिटल डेस्क जबलपुर । नकली रेमडेसिविर मामले को लेकर की जा रही जाँच में इस बात का खुलासा हुआ है कि सिटी अस्पताल में इलाज के लिए भर्ती कराए गये जिन कोरोना संक्रमित मरीजों में से 209 मरीजों को नकली रेमडेसिविर इंजेक्शन की पूरी डोज लगाई गई थी उनमें 9 मरीजों की मौत होना पाया गया है। वहीं 23 अप्रैल से 28 अप्रैल के बीच अस्पताल में कुल 34 मरीजों की मौत होने का पता चला है। उधर इस मामले में रिमांड पर ली गई सिटी अस्पताल संचालक सरबजीत सिंह मोखा की पत्नी जसमीत कौर व मैनेजर सोनिया को पूछताछ के बाद गुरुवार को जेल भेज दिया गया। वहीं बेटे हरकरण की तलाश में कई टीमें विभिन्न शहरों के लिए रवाना की गई हैं। सूत्रों के अनुसार नकली रेमडेसिविर मामले में एसआईटी द्वारा जाँच के दौरान अहम खुलासे होने व इस मामले में मोखा की पत्नी, बेटे व मैनेजर की मिलीभगत उजागर होने पर उन्हें भी आरोपी बनाया गया था। जानकारों के अनुसार एसआईटी द्वारा अस्पताल से जब्त किए गये दस्तावेजों की बारीकी से जाँच की गई जिसमें इस बात का खुलासा हुआ है कि कोरोना संक्रमित जिन मरीजों को नकली इंजेक्शन की डोज दी गई थी उसमें से 9 की मौत हुई है एवं कई मरीजों को साइड इफेक्ट होने की बात सामने आई और सभी मरीजों के बयान दर्ज किए जा रहे हैं। वहीं घर के नौकरों ने भी जाँच टीम के सामने महत्वपूर्ण खुलासे किए हैं।
गुजरात से लाए जाएँगे सपन और सुनील
इस मामले में गुजरात पुलिस द्वारा गिरफ्तार किए गये जबलपुर के दवा सप्लायर सपन जैन व मुख्य आरोपी फैक्ट्री कर्मी रीवा निवासी सुनील मिश्रा को जबलपुर लाने के लिए न्यायालय द्वारा प्रोडक्शन वारंट जारी किया गया है। वारंट जारी होते ही एक टीम को गुजरात रवाना किया है।
रिमांड पूरी होने पर भेजा जेल
इस मामले में मोखा की पत्नी जसमीत व मैनेजर सोनिया खत्री शुक्ला की गिरफ्तारी होने के बाद गुरुवार 20 मई तक रिमांड पर लिया गया था। इस दौरान दोनों के पास से 3 मोबाइल, 2 नकली रेमडेसिविर इंजेक्शन बरामद किए गये थे। वहीं पूछताछ के बाद नकली इंजेक्शन की खाली शीशियाँ व अन्य दस्तावेज आदि जब्त किए
गये हैं।
जेल प्रशासन को लिखा पत्र
जानकारों के अनुसार एसआईटी द्वारा गुरुवार को मोखा की पत्नी जसमीत कौर व मैनेजर सोनिया की रिमांड अवधि पूरी होने पर कोर्ट में पेश किया गया वहाँ से दोनों को जेल भेजा गया। दोनों को जेल की महिला बैरक में 14 दिन के लिए आइसोलेट किया गया है। वहीं एसआईटी द्वारा एक पत्र जारी कर मोखा की कोरोना रिपोर्ट निगेटिव आने पर एसआईटी को अवगत कराए जाने का आग्रह किया है।
कर्मचारियों के बयान दर्ज
इस मामले में एसआईटी द्वारा मोखा के घर के नौकरों संदीप कुशवाहा व पप्पू के कोर्ट में धारा 164 के तहत बयान दर्ज कराए गये हैं। नौकरों द्वारा बताया गया कि मोखा और उनकी पत्नी जसमीत के कहने पर उन्होंने नकली रेमडेसिविर इंजेक्शन नष्ट किए थे। उनके द्वारा नकली इंजेक्शनों की खाली शीशियों को लोहिया पुल के नाले में फेंका गया था। इस जानकारी के आधार पर पुलिस ने 197 खाली शीशियाँ बरामद की हैं। इनमें से 185 मोखा की पत्नी और मैनेजर व नौकरों व 12 देवेश चौरसिया की निशानदेही पर बरामद की गई हैं।
अस्पताल के कम्प्यूटरों की जाँच
उधर भोपाल से आई साइबर टीम ने सिटी अस्पताल के कम्प्यूटरों की जाँच की है। जाँच में इस बात का खुलासा हुआ है कि अस्पताल में मोखा के कक्ष में लगे कम्प्यूटर से नकली रेमडेसिविर मामले का काफी डाटा हटा दिया गया है और इसमें अस्पताल की एकाउंट शाखा के प्रमुख की भूमिका संदिग्ध नजर आ रही है। इस जानकारी के आधार पर एसआईटी द्वारा एकाउंटेंट से भी पूछताछ कर उसे भी मामले में आरोपी बनाया जा सकता है।
घर में जलाए स्टॉक रजिस्टर
जानकारों के अनुसार मोखा की पत्नी व नौकरों से की गई पूछताछ में इस बात का खुलासा हुआ है कि अस्पताल का स्टॉक रजिस्टर व नकली इंजेक्शनों का रजिस्टर व दस्तावेजों को मोखा के कहने पर घर बुलाया गया था। उसके बाद घर के गार्डन में तसले में रखकर इन रजिस्टरों व दस्तावेजों को जलाया गया और फिर उसकी राख व अधजले कागजों को लोहिया पुल के पास नाले में बहा दिया गया था।
इनका कहना है
सिटी अस्पताल में भर्ती कराए गये कोरोना संक्रमित मरीजों को नकली डोज लगने के कारण 9 लोगों की मौत होने के प्रमाण मिले हैं। वहीं अब तक कुल 197 खाली शीशियाँ बरामद की गई हैं।
सिद्धार्थ बहुगुणा, एसपी
Created On :   21 May 2021 2:16 PM IST